Find the Latest Status about चार मोमबत्तियां from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चार मोमबत्तियां.
DR. LAVKESH GANDHI
कब तक जलाते रहोगे मोमबत्तियां इनसे नहीं थम्हेंगी ज्यादतियाँ आँसूओं की धार से नहीं थम जाएंगी नारियों पर होनेवाली ज्यादतियाँ ममतामयी के साथ काली भी बनना होगा तब थम्हेंगी नारियों पर ज्यादतियाँ # मोमबत्तियां# कब तलक#
Firoz Alam
हैरत होती है कि अब भी मोमबत्ती जलती है हैरत होती है कि अब भी लड़कियां रोती है हैरत होती है दुनिया भर के इंसानियत से हैरत होती है अब जाहिल और गवारों से धर्मों में फसे कुछ पढ़े लिखे इंसानों से अंधेरी रातों में मन की आग बुझाने से हैरत होती है अब भी अबस के लोगों से हैरत होती है कि अब भी लड़कियां रोती है हैरत होती है कि अब भी मोमबत्ती जलती है #हैरत #आजकेलोग #मोमबत्तियां #अकेले
Arpit shukla ❣️
इलज़ाम इश्क़ में सारा मुझपर ही आ रहा था, मेरे महबूब का चेहरा जो नज़र नहीं आ रहा था, अब इस से ज्यादा बुरे दिन कोई क्या देखेगा मोह्हबत में, जिसे हमसफर बनाने का सपना देखा था कभी, वो किसी और के कमरे में आने पर मोमबतियां बुझा रहा था....... #ishq... मोमबत्तियां बुझा रहा था....
Avneesh Mishra
हम मोमबत्तियां जलाते रहे भेड़िये अपनी खाल से बाहर आते रहे। ट्वींकल जैनब को अपनी हबस का शिकार बनाते रहे। हम मोमबत्तियां जलाते रहे।। भेड़ियो 6 साल की मासूम को अपना शिकार बनाते रहे। इसमे भी हम मजहब को जिम्मेदार बताते रहे। हम मोमबत्तियां जलाते रहे।। कुछ ने कहा की कपड़े छोटे थे उस के। छोटी सोच वालो बताता हूँ कि उसके तन पर क्या था।,? उसकी आँखों में लगाया माँ ने बस जरा सा काजल था, उसके सर पर माँ का आचल था। फिर क्यों हो रहा नन्ही सी जान का बलात्कार था? ये देख कर हम क्या करते रहे? हम मोमबत्तियां जलाते रहे। #poet हम मोमबत्तियां जलाते रहे।।
आकांक्षा जीवन की
SAHIL KUMAR
चार कदम की जिंदगी मे सफर गुजरेगा उम्र भर का। उम्र है चार दिन की तो सफर रहेगा शायद अधुरा कहीं। कभी है कुछ शामें हसिन तो कभी रातें दिलकश है, दिन है कभी लाचार तो कभी खुशीयाँ है जैसे कुछ आधी-अधुरी सी। वक्त, मौसम, है हालातों के साथ बदलते जज्बात है, बदलते जैसे खुलते हुऐ पन्ने अब तो बस है हसरते कुछ अधूरी-सी ,तो मन है बेचैन जैसे हर-घड़ी अब तो देखा करता हूँ, ढूँढ़ा करता नई राहें जिंदगी की ही खोज में। कुछ कदम थे डगमगाऐ मेरे भी कभी, पर संभलना सिखा है वक्त के सहारे और चलते रहना सिखा गुजरे हुऐ सफर के सहारे। ©SAHIL KUMAR चार कदम
अर्पिता
परसो से कल.... कल से आज .... आज से आने वाला कल.... ये सिर्फ दस ग्यारह शब्द भी, बिताने में चार दिन निकल जाते हैं। ©अर्पिता #चार दिन
Ankit Raj
बहकावे में आ चुके है रास्तो के हम, ये मंजिलो के रूठ जाने के बाद पता चला,, रुकना नही था अभी यहा, ये कदमो के ठहर जाने के बाद पता चला,, क्या क्या हाद्से हुए है दर्मियां,, ये मुझे होश में आने के बाद पता चला,, और कैसे बयां करू इस दिल की नादानियाँ,, चार दिन होते है जीने के,, ये मुझे तीन दिन गुज़र जाने के बाद पता चला। चार दिन