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Dr Upama Singh
बहती हवा (गजल़) किससे पूछूँ की क्या है वहांँ जहांँ वो रहते हैं गुलाबी सी बहती हवा है मेरे इश्क़ की निशानी है वहांँ।। हर सांस मेरे धड़कते दिल की धड़कने उनकी। बहती हवा उड़ती घटा के अंदाज़ थे उनकी।। सुन–ए–हवा बहती रहती है तू सदा। तो मेरी मोहब्बत का पैगाम उनके पास लेती जा।। मेरी बेशुमार मोहब्बत का गुलदस्ता ले जा। चाहे बदले में इसके तू मेरी जान ले जा।। मगर उनकी नूरानी आँखों और चेहरे से हर ग़म। आ कर उनके आंँसू तू आ कर मुझे दे जा।। #कोराकाग़ज़ #kkpc21 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #similethougths #बहतीहवा ग़ज़ल
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read moreFunny Singh🐼
●Testimonials● आया था मेरा भाई YQ पर मोटिवेशनल Quotes पढ़ने के लिए,📖 लेकिन यहां आकर पता चला कि ये platform पढ़ने से ज्यादा, लिखने✍️के लिए famous है।😂 फिर इन्होंने भी लिखने में अपना हुनुर आजमाया💪 और मेरे ही ऊपर jokes बनाकर सबको खूब हंसाया।🤗 वो एक chain सी बन गई थी इसके साथ एक और नटखट सी cherry bansal थी। ये दोनों मेरे ऊपर jokes बनाते और मैं इनके। पता नहीं क्या हुआ? और अचानक से ये दोनों ही गायब हो गए। लेकिन मेरे भाई प्रियांश की कल entry हो रही है YQ पर सोचा कि 'welcome back' बोलने की जगह testimonials देकर ही स्वागत कर दूं।😍😍😘 😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍 आप लोग भी इन्हें welcome back बोलकर स्वागत कर सकते हो।🤗 😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍 Dedicating a #testimonial to Priyansh Tiwari काफी दिन हो गए भाई आज फिर तेरी याद आई है दोस्ती की इस भरी महफ़िल में बिन तेरे, मेरे दिल में, तन्हाई सी छाई है काफी दिन हुए, तुझे गए हुए क्या तुझे मेरी, जरा सी भी याद ना आई है।
Dedicating a #testimonial to Priyansh Tiwari काफी दिन हो गए भाई आज फिर तेरी याद आई है दोस्ती की इस भरी महफ़िल में बिन तेरे, मेरे दिल में, तन्हाई सी छाई है काफी दिन हुए, तुझे गए हुए क्या तुझे मेरी, जरा सी भी याद ना आई है।
read moreअभिलाष सोनी
कोरा काग़ज़ Premium Challange-21 विषय 1 :- बहती हवा (ग़ज़ल) ********************* तुझे छूकर गुज़रती हुई ये बहती हवा, जाने क्या कहती है ज़रा मुझे भी बता। बड़ी ख़ुशक़िस्मत है जो तुझे छू पाई, मेरे नसीब में तो तुझसे दूरी ही लिखा। तेरे रुख़सारों को तेरी ज़ुल्फों से छूती है, मैं हाथ भी लगाऊँ तो इसमें मेरी ख़ता। मैं अफसोस भी ज्यादा कर नहीं सकता, मेरी हर ख़्वाहिश है अब तुझको पता। मैं ज़िक्र भी तेरा कभी कर नहीं सकता, इस हवा ने तो अब तुझको ही छू लिया। कमबख़्त बड़ी शातिर है ये ज़िद करती है। जैसे आँखों में छाया हो सिर्फ तेरा नशा। कोरा काग़ज़ Premium Challange-21 विषय 1 :- बहती हवा (ग़ज़ल) तुझे छूकर गुज़रती हुई ये बहती हवा, जाने क्या कहती है ज़रा मुझे भी बता। बड़ी ख़ुशक़िस्मत है जो तुझे छू पाई, मेरे नसीब में तो तुझसे दूरी ही लिखा।
कोरा काग़ज़ Premium Challange-21 विषय 1 :- बहती हवा (ग़ज़ल) तुझे छूकर गुज़रती हुई ये बहती हवा, जाने क्या कहती है ज़रा मुझे भी बता। बड़ी ख़ुशक़िस्मत है जो तुझे छू पाई, मेरे नसीब में तो तुझसे दूरी ही लिखा।
read moreDR. SANJU TRIPATHI
बहती हवा (ग़ज़ल) मैं ठहरा ठहरा सा बादल तू चंचल बहती हवा सी, मैं धरती और तू आसमान का चमकता तारा सी। मुझे अपने दिल में बसाके अपना जीवन बना ले, खोकर मेरे ही सपनों में अपना जीवन सजा ले। मैं दाग हूँ, तू चाँद है, मैं धुन हूँ और तू मेरा राग है, जिसे मैं जीवन भर गुनगुनाना चाहूँ तू वो साज है। तू मेरी रग रग में समाया है मुझे साँसों में बसा ले, दिल से मेरा हो जा मुझे अपनी रूह में समा ले। ताउम्र तेरी ही चाहत बनकर रहने की ख्वाहिश है, खुद़ा कुबूल कर ले दुआ"एक सोच"की फरमाइश है। #बहतीहवा(गजल) #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #KKPC21 #विशेषप्रतियोगिता
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read moreSeema Katoch
बहती हवाएं हमें गिरा दें हम वो दरख्त नहीं, जाने कितने ही तूफान हमसे होकर गुजरे हैं ।। बार बार न इधर का ये रुख किया करें, हमारे रिश्ते जड़ों से बहुत गहरे हैं।। जिनकी आंखों में हो समंदर से सैलाब, सामने उनके भला कहाँ बरसाती उफान ठहरे हैं ।। सोच समझ कर ही उनकी राह से निकलें, खुदा की निगाह के जिन पर पहरे हैं ।। #बूंदे #yqdidi #yqbaba #बहतीहवा
Seema Katoch
बहती हवा ने हौले से कानों में बता दिया पहचान लो सबको मैंने नकाब हटा दिया खो जाते हैं अक्सर भीड़ में चलने वाले अपना रास्ता खुद चुनना हमें सीखा दिया मुड़ जाती हैं डालियांं जिधर भी मुड़ जाऊं जग की हकीकत से ऐसे वाकिफ करा दिया जाने कहां उड़ जाते शाख से टूटे हुए पत्ते जड़ों से जुडने का सबक हमको पढ़ा दिया ए हवा थोड़ा संभल कर जाना तू भी इधर से अब हम वो नहीं जिसने जब चाहा रुला दिया बहती हवा ने हौले से कानों में बता दिया पहचान लो सबको मैंने नकाब हटा दिया खो जाते हैं अक्सर भीड़ में चलने वाले अपना रास्ता खुद चुनना हमें सीखा दिया मुड़ जाती हैं डालियांं जिधर भी मुड़ जाऊं
बहती हवा ने हौले से कानों में बता दिया पहचान लो सबको मैंने नकाब हटा दिया खो जाते हैं अक्सर भीड़ में चलने वाले अपना रास्ता खुद चुनना हमें सीखा दिया मुड़ जाती हैं डालियांं जिधर भी मुड़ जाऊं
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