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Sita Prasad
मेरा इश्क तो समुन्दर था, तेरे बादल घने बिरला ही बरसे, मैंने तो सब अपना लिया था, बस तेरी बेखुदी से तरसे। अजीब है यह दिल की कशमकश, बेचैन कर तलबदार बना देती है, न जाने किस भूल- भुलैया में फंसा तू, यह सोच मेरी नींद उड़ा देती है। भले ही पन्ने जल्दी पलट दिये, आखिर में मेरा उपसंहार तो पड़ लेना, हाँ लघुकथा तो मैं भी नहीं, अपने यादों में ज़िक्र इसका ढूंढ लेना।। #विशेषप्रतियोगिता #rzलेखकसमूह #लेखनसंगी #rztask414 #collabwithrestzone #restzone #nivedita #YourQuoteAndMine Collaborating with Nivedita Nonhare
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Gurupoornima (Poem in caption) Guru Purnima ************* I thank you for everything you have done for me, You are the living Gods on Earth that I worship, You are omniscient as God, the Creator Himself. You are my torch bearer at every step I take,
Guru Purnima ************* I thank you for everything you have done for me, You are the living Gods on Earth that I worship, You are omniscient as God, the Creator Himself. You are my torch bearer at every step I take,
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Parent's love Surely it needs to be told aloud, the cape of love given by parents, has made me strong and bold, preventing me from unwanted fuss. Hey, you can't see it anyways, it is the invisible cape of love, sparkling through the relations I have, shining through the moments I share. I am so proud of my upbringing, never have I needed to surrender, to the worldly shows of mischief, the life has been beautiful like a wonder. #restzone #rztask414 #rzलेखकसमूह
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कभी थक कर थम जाते हैं कदम, आँखों में यादो की बूंदे भर जाती हैं, उम्र अभी सांझ ढलने की नहीं है, पर देख पथिकों के दुख थम जाते हैं हम। यहाँ बन मुसाफिर आते हैं सब, भूलकर यह बात भागते हैं सब, देख यह भागादौड़ी बेहिसाब, सहम जाता है मन मेरा अब। इस सफर में न जाने और मोड़ कितने, हथेली में अपनों के साथ पल हैं कितने, आंगन भीगी है बारिश के बूंदों से जितने, कदम से कदम मिलाने सहयोगी हैं जितने।। 🤝लेखन संगी🤝 //मुसाफ़िर// "अहम का पैबंद यूँ सिल जाना है, आख़िरी में मिट्टी में मिल जाना है, चार दिन की संयमता रखना तुम,
🤝लेखन संगी🤝 //मुसाफ़िर// "अहम का पैबंद यूँ सिल जाना है, आख़िरी में मिट्टी में मिल जाना है, चार दिन की संयमता रखना तुम,
read morePoonam Suyal
// शांति न मिल पाई // जाने कब दूर होगी मेरी ज़िंदगी से ये तन्हाई, जाने कब बजेगी जीवन में ख़ुशियों की शहनाई। इंतज़ार करते-करते थक गया हूँ मैं अब, न छटे उदासी के बादल ना अब तक रोशनी आई। अब तो साया भी साथ छोड़ गया है मेरा,
// शांति न मिल पाई // जाने कब दूर होगी मेरी ज़िंदगी से ये तन्हाई, जाने कब बजेगी जीवन में ख़ुशियों की शहनाई। इंतज़ार करते-करते थक गया हूँ मैं अब, न छटे उदासी के बादल ना अब तक रोशनी आई। अब तो साया भी साथ छोड़ गया है मेरा,
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चलते जाना है बिना रुके, पहुँचना है जहाँ ठिकाना है सब्र का दामन है थामे रखना, बेसब्रों को समझे सब दीवाना हैं ये पल यूँ ना गुज़र जाएँ, वक़्त का कहाँ मिलता कोई ठिकाना है सब रह जाएगा यहीं पर, जीवन इक खूबसूरत फ़साना है लिखो अपनी कहानी तुम ख़ुद ही, दूसरों ने कहाँ तुम्हारा दर्द जाना है जी लो ज़िंदगी खुल कर, हँसतों के संग ही ज़माना है।। 🤝लेखन संगी🤝 //मुसाफ़िर// "अहम का पैबंद यूँ सिल जाना है, आख़िरी में मिट्टी में मिल जाना है, चार दिन की संयमता रखना तुम,
🤝लेखन संगी🤝 //मुसाफ़िर// "अहम का पैबंद यूँ सिल जाना है, आख़िरी में मिट्टी में मिल जाना है, चार दिन की संयमता रखना तुम,
read morePoonam Suyal
कोई अल्फाज़ नहीं जो तुझे लिख सके कोई तोहफा नहीं जो तुझसे किमती हो कोई हुस्न नहीं जो तुझसे खूबसूरत हो कोई हूर परी नहीं तुम जैसी जो जन्नत में उतरी हो कैसे तुझे समझाऊँ तुम मेरे लिए क्या हो भले तुम दूर हो पर दिल के पास हो
कोई अल्फाज़ नहीं जो तुझे लिख सके कोई तोहफा नहीं जो तुझसे किमती हो कोई हुस्न नहीं जो तुझसे खूबसूरत हो कोई हूर परी नहीं तुम जैसी जो जन्नत में उतरी हो कैसे तुझे समझाऊँ तुम मेरे लिए क्या हो भले तुम दूर हो पर दिल के पास हो
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खुश रहते हैं हम (अनुशीर्षक में पढ़ें) खुश रहते हैं हम गिरे हम जीवन में ना जाने कितनी बार, हर बार उठकर हम ख़ुद खड़े हुए ज़िंदगी ने चाहे हम पर किए जितने भी सितम, हमने हँसकर उसके सब ज़ुल्म सहे हार कभी ना मानी हमने,
खुश रहते हैं हम गिरे हम जीवन में ना जाने कितनी बार, हर बार उठकर हम ख़ुद खड़े हुए ज़िंदगी ने चाहे हम पर किए जितने भी सितम, हमने हँसकर उसके सब ज़ुल्म सहे हार कभी ना मानी हमने,
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