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Sarita Shreyasi
स्वप्न जले भींगी आँखों के, बिना दीप ही जली दिवाली, कहीं समृद्धि कहीं शून्यता, इस दुनिया की हर बात निराली। (दीपावली, मेरी पुस्तक: जाग रे मन ) पूरी कविता caption में अट्टालिकाएं दीपों से सज गयी, रह गयी कच्ची मुंडेर खाली, मिली न फुरसत भव्य भवनों से, तंग गलियों से गुजर ना पायी चिर प्रतीक्षित महंगी दिवाली। आडंबर के आंगन में उतरी, रात अंधेरी दीपों वाली,
अट्टालिकाएं दीपों से सज गयी, रह गयी कच्ची मुंडेर खाली, मिली न फुरसत भव्य भवनों से, तंग गलियों से गुजर ना पायी चिर प्रतीक्षित महंगी दिवाली। आडंबर के आंगन में उतरी, रात अंधेरी दीपों वाली,
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I knew how to fly.. With the wings of wishes,in clouds of imagination I also knew how to swim.. With the flow of thoughts,into past and future First time I learned.. how to stand on the ground, How to live the reality.. How to remain stable in the present.. First time I learned to be with time The first time I learned how to tie a knot on a balloon, I was 13, since then, I became the balloon person at every party. I came early, filled them up with all the love I have and tied them with a secret I will never tell, hoping when the party is over and they pop, the person cleaning up doesn't feel alone like I always do. #thefirsttimeilearnedhowto #yqmuse #collab #weekend #YourQuoteAndMine Collaborating with YQ Muse
The first time I learned how to tie a knot on a balloon, I was 13, since then, I became the balloon person at every party. I came early, filled them up with all the love I have and tied them with a secret I will never tell, hoping when the party is over and they pop, the person cleaning up doesn't feel alone like I always do. #thefirsttimeilearnedhowto #yqmuse #Collab #Weekend #YourQuoteAndMine Collaborating with YQ Muse
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पाषाणों में रहते-रहते, प्रभु, क्या तुम भी पाषाण हो गए! मेरी पुस्तक " जाग रे मन" से निमेषकों के नीर धार से, मनुज ने कितने अर्घ्य सींचे, प्रस्तर पूजित निष्ठुर देवों के, कितनी बार हैं पलक पसीजे। साहस ने कभी मुट्ठियाँ भींची, कभी भय से यह पलकें मिंची, बार-बार स्खलित हुआ धैर्य,
निमेषकों के नीर धार से, मनुज ने कितने अर्घ्य सींचे, प्रस्तर पूजित निष्ठुर देवों के, कितनी बार हैं पलक पसीजे। साहस ने कभी मुट्ठियाँ भींची, कभी भय से यह पलकें मिंची, बार-बार स्खलित हुआ धैर्य,
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मिट्टी की कोख में नन्हा - सा बीज जाता है, फूलता- फलता है,विशाल वृक्ष बन जाता है। यही वनस्पति बस रूप बदल लेती है, अन्न माँस दूध से सबको पोषण देती है। फूल तितली मछली सब मिट्टी के ही रंग हैं, कंचन-सी काया यह, मिट्टी का ही अंग है। बनता है मिट्टी से,मिट्टी से ही बढता है, सब मिट्टी का हिस्सा,मिट्टी का किस्सा है। कौन किसका वंश-कुल,सब इसीके अंश हैं, दंभ किस बात का,जब सबका यही अंत है। माटी का ऋण यहीं हर कोई लौटाता है, मिट्टी से जो लिया,पुनः मिट्टी हो जाता है। मिट्टी की कोख में नन्हा - सा बीज जाता है, फूलता- फलता है,विशाल वृक्ष बन जाता है। यही वनस्पति बस रूप बदल लेती है, अन्न माँस दूध से सबको पोषण देती है। फूल तितली मछली सब मिट्टी के ही रंग हैं, कंचन-सी काया यह, मिट्टी का ही अंग है।
मिट्टी की कोख में नन्हा - सा बीज जाता है, फूलता- फलता है,विशाल वृक्ष बन जाता है। यही वनस्पति बस रूप बदल लेती है, अन्न माँस दूध से सबको पोषण देती है। फूल तितली मछली सब मिट्टी के ही रंग हैं, कंचन-सी काया यह, मिट्टी का ही अंग है।
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होते हैं छोटे दिन खुशियों के, और विरह की रैन लंबी, पा न सकें कभी मंज़िल अपनी, लघु प्रीत की कच्ची पगडंडी। ( मेरी पुस्तक, कच्चे मन की कोरी प्रीत ) #कच्चे मन की कोरी प्रीत #yqdidi #yqmuse
Sarita Shreyasi
When going gets tough.. Touch of air is rough.. You can't bear the heat.. Still suffering from cough.. It's difficult to stand even You just want to move.. You want to vomit & spit, But don't want to speak, Gaps,breaches,allegations,but.. No more,you want to prove.. Will,shattered & scattered, The only leftover is a scar, Craving for love,Longing for no war, Who is responsible,Wheel or Bar. Stop,it's not working, anymore Accept the moment, & explore be ready to bring a change for good Be happy,To be the change..for sure.. When going gets tough.. Touch of air is rough.. You can't bear the heat.. Still suffering from cough.. It's difficult to stand even You just want to move.. You want to vomit & spit,
When going gets tough.. Touch of air is rough.. You can't bear the heat.. Still suffering from cough.. It's difficult to stand even You just want to move.. You want to vomit & spit,
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Before I fall asleep.. I had to walk, I was pressing hard, I had to make a mark.. I was fleeing fast.. I had to return, To the point of start.. I am feeling tired, Can't stop, I want to go slow.. But I have to return.. Before it's dark #Napowrimo #yqbaba #yqmuse #return
#NAPOWRIMO #yqbaba #yqmuse #return
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When life is overloaded And movement is difficult, You are thinking to quit, wait, Do one thing, very simple.. Hold your breath.. Till you struggle to survive.. Hold your breath.. Till you overcome the strife, Hold your breath.. Till you realise the Importance of a breath Hold your breath.. Till you value your life.. When#life is overloaded And movement is difficult, You are thinking to quit, wait Do one thing, very simple.. Hold your breath.. #NaPoWriMo #3/30 day3 #yqbaba #yqmuse
Whenlife is overloaded And movement is difficult, You are thinking to quit, wait Do one thing, very simple.. Hold your breath.. #NAPOWRIMO 3/30 day3 #yqbaba #yqmuse
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कोई सुन नहीं पाता, कोई सुनना नहीं चाहता, कहने वालों की भीड़ में, उतावले खयालातों की भरमार ज्यादा हैं। प्रश्न पूछ लेने से जिम्मेदारी पूरी नहीं होती, उत्तर संतुष्टिप्रद न हो तो संवाद आधा है, इन्हीं रिक्तियों में जगह बनाने की, गलतफहमियों में मार ज्यादा है। कलम आबाद कर सकती है,मगर अभिव्यक्ति आज बर्बाद ज्यादा है, पढ़ने वालों का पता नहीं, लिखने वालों की तादाद ज्यादा है। कलम आबाद कर सकती है,मगर अभिव्यक्ति आज बर्बाद ज्यादा है, पढ़ने वालों का पता नहीं, लिखने वालों की तादाद ज्यादा है। #yqdidi #yqmuse #yqbaba #napowrimo
कलम आबाद कर सकती है,मगर अभिव्यक्ति आज बर्बाद ज्यादा है, पढ़ने वालों का पता नहीं, लिखने वालों की तादाद ज्यादा है। #yqdidi #yqmuse #yqbaba #NAPOWRIMO
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हर बात पर चुप रहा जाए, ऐसी भी कोई मजबूरी नहीं, हर बार प्रतिक्रिया दी ही जाए, यह भी तो जरूरी नहीं। हर बात पर चुप रह जाए, ऐसी भी कोई मजबूरी नहीं, हर बार प्रतिक्रिया दी ही जाए, ऐसा भी तो जरूरी नहीं। #yqdidi #yqmuse #बात #प्रतिक्रिया #
हर बात पर चुप रह जाए, ऐसी भी कोई मजबूरी नहीं, हर बार प्रतिक्रिया दी ही जाए, ऐसा भी तो जरूरी नहीं। #yqdidi #yqmuse #बात #प्रतिक्रिया #
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