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Nandini Rastogi

अदनासा-

Rajnish Shrivastava

#भोर का नजारा #शायरी

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Sunita Sharma

Rakesh frnds4ever

#Shajar #धुंधली #शाम के मानिंद आंखें भी धुंधला चुकी हैं ओर इस धुंधलेपन में मंजिल भी शायद #धूमिल हो चुकी है #संध्या का सूरज जिस तरह डूब रहा है,, जैसे जैसे श्यामलता घटती जा रही है, वैसे वैसे ही जिंदगी में शामिल ये तिमिर ये #अंधकार भी मुझमें और मैं इसमें डूबता जा रहा हूं,, #जीवन #ज़िन्दगी #सवेरा #भोर #rakeshfrnds4ever

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Rakesh frnds4ever

#WoRaat वो #रातें जो जाग कर निकलती है जिसमें हर इक पल में #अंधेरा आपके #मन रूपी भवनों/इमारतों/मकानों की #भावनाओं /जज्बातों/ख्वाबों खयालातों रूपी #कंद्राओं ओर शिलाओं ओर द्वंद एवम #कुंठाओ रूपी खिड़कियों / रोशनदानों से #सुबह #ज़िन्दगी #भोर #rakeshfrnds4ever

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रिपुदमन झा 'पिनाकी'

भोर की उजली किरण लाई उजाला हर तरफ।
ओस की बूँदें बिछीं बनकर दुशाला हर तरफ।
लालिमा लेकर गगन में रवि हुआ है अवतरित-
आँख मलती उठ रही जीवन विशाला हर तरफ़।

प्रकृति ने है सजा दी रंगशाला हर तरफ।
बिछ गई सुंदर सुवासित पुष्पमाला हर तरफ।
हैं चहकती करती कलरव सप्तसुर में पँछियाँ-
गूँज उठ्ठा घंटियों से है शिवाला हर तरफ।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©Ripudaman Jha Pinaki #भोर

Ratna Das

#भोर आई भीनि भीनि #শায়রি

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Rakesh frnds4ever

#sunflower #श्याम की शयमलता ओढ़े पीले #फूल #भोर की लालिमा युक्त लाल फूल #सूरज के उजाले से तेज स्वेत फूल #आकाश से नीले फूल #सांझ से केसरिया फूल #प्रकृति की विभिन्न छटाओं,रूपों , स्वरूपों में उपस्थित अनेकों #रंगों के फूल #विचार #rakeshfrnds4ever

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रिपुदमन झा 'पिनाकी'

वन उपवन खिलने लगे, हँसी सुघड़ ये भोर।
पँछी के कलरव करे, कोलाहल हर ओर।।

प्राणवायु बहने लगी, मंद मंद मुस्काए।
पुष्प वल्लरी की महक, तन मन को महकाए।।

हल काँधे पर डालकर, कृषि को चला किसान।
मधुर गले से छेड़ती, कोयल मीठी तान।।

बछड़े गउएं मेमने, करते मधुर पुकार।
सुरमयी से सजने लगे, ये सुंदर संसार।।

मन को मोहे दृश्य यह, सुख पावे दोउ नैन।
प्रकृति की शोभा बढ़ा, मिलते हैं दिन रैन।।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©Ripudaman Jha Pinaki #भोर
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