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Rabindra Kumar Ram
" ऐसे में कही तेरे मिलने का ख़्वाब मुसलसल कर तो देते, हकीकत हो या कोई फसाना किसी हाल में ये बात कुछ मुकर्रर कर तो देते. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " ऐसे में कही तेरे मिलने का ख़्वाब मुसलसल कर तो देते, हकीकत हो या कोई फसाना किसी हाल में ये बात कुछ मुकर्रर कर तो देते. " --- रबिन्द्र राम #ख़्वाब #मुसलसल #हकीकत #फसाना #मुकर्रर
Rabindra Kumar Ram
" तुम्हें देखते हुए मैंने ये बात उलफ़त से जाज़िब-ए-नज़र समझी हैं, मेंरी तन्हाई मुझपे कितनी नागवार गुजर बसर की हैं, अब उलफ़ते-ए-हयात जो भी हो जैसे हो सो हो कुछ ऐसे में, कुछ इश्क़ तु फरमा ऐसा कर मैं तुझसे आते जाते मुसलसल मुलाकात कर सकु. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " तुम्हें देखते हुए मैंने ये बात उलफ़त से जाज़िब-ए-नज़र समझी हैं, मेंरी तन्हाई मुझपे कितनी नागवार गुजर बसर की हैं, अब उलफ़ते-ए-हयात जो भी हो जैसे हो सो हो कुछ ऐसे में, कुछ इश्क़ तु फरमा ऐसा कर मैं तुझसे आते जाते मुसलसल मुलाकात कर सकु. " --- रबिन्द्र राम #उलफ़त #जाज़िब-ए-नज़र #तन्हाई #नागवार #बसर #उलफ़ते-ए-हयात #इश्क़ #फरमा #मुसलसल #मुलाकात
Rabindra Kumar Ram
" मिलने को तो तेरे शहर गली मुहल्लो के लोग भी मिलते हैं, अफसोस मैं तेरी मौजुदगी से हर तरफ नागवार से होते हैं, " कहने को तो बहुत कुछ होता अफसोस कुछ कहते नहीं, कब तक ये एहतराम करे मेरा इश्क़ मुसलसल होता इसकदर राब्ता करे तो करे और कैसे. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " मिलने को तो तेरे शहर गली मुहल्लो के लोग भी मिलते हैं, अफसोस मैं तेरी मौजुदगी से हर तरफ नागवार से होते हैं, " कहने को तो बहुत कुछ होता अफसोस कुछ कहते नहीं, कब तक ये एहतराम करे मेरा इश्क़ मुसलसल होता इसकदर राब्ता करे तो करे और कैसे. " --- रबिन्द्र राम #शहर #मौजुदगी #नागवार #अफसोस #एहतराम #इश्क़ #मुसलसल #राब्ता
Rabindra Kumar Ram
" कुछ बात करने की तलब यूं ही अवारा रखेंगे , मंजूरे इश्क तब हो जब तुम भी गवारा ना समझो , यूं मुस्कुराए तुम फिर कहीं ना कहीं कभी बेनीसार हो जायेंगे , मुसलसल यूं रहा राब्ता तो आज नहीं तो कल प्यार में पर जायेगें . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " कुछ बात करने की तलब यूं ही अवारा रखेंगे , मंजूरे इश्क तब हो जब तुम भी गवारा ना समझो , यूं मुस्कुराए तुम फिर कहीं ना कहीं कभी बेनीसार हो जायेंगे , मुसलसल यूं रहा राब्ता तो आज नहीं तो कल प्यार में पर जायेगें . " --- रबिन्द्र राम #तलब #अवारा #इश्क #गवारा #मुस्कुराए #बेनीसार #मुसलसल #राब्ता #प्यार
Uttam Dixit
इस मुख़्तसर सी जिंदगी को,मुकम्मल कर दे आके, के मुसलसल ढल रहा हूँ,अब चाहतों में तेरी..!! #udquotes #मुख़्तसर #मुकम्मल #मुसलसल #चाहतों #yqbaba #yqbhaijan
kumaarkikalamse
अक्स-ए- मुसलसल सी थी मेरी मोहब्बत, अश्क-ए- मुसलसल सी रह गई अब ज़िन्दगी मेरी! #YQBaba #Kumaarsthought #उर्दू #urdu Just a try to use #मुसलसल in two liner Thanks to Rashida Vali ji for This and inspired by Bhavesh Bhargava bhai I m not sure की ये couplet ठीक है है nhi so Rashida Ma'am Plzz correct me.
Mamta Singh
मुसलसल तेरे तगाफुल रवैये से तंग आकर साेचती हू तेरी चाहत के जिन्दान से आजाद हाेना। रफ्ता-रफ्ता बढ़ती हूं अपने मकसद की तरफ तुम हल्की मुस्कुराहट के साथ हवा मे उछालते हाे शरारती बाेसा और फिर से मुझे मुरीद बना लेते हाे अपना़.... नफ़्स को मैं मुसलसल टटोलता रहता हूं अपनी हयात पर अब मुझे भरोसा नहीं !! ✒ Aamir Shaikh कोलाब करें इस "मुसलसल" लफ्ज़ से जिसका अर्थ होता है "लगातार" continuous !! और इस लफ्ज़ से अपना ख़्याल पेश करें !! फॉलो करें हमारी प्रोफाइल को Urdu_Hindi Poetry
Uttam Dixit
इस मुख़्तसर सी जिंदगी को,मुकम्मल कर दे आके, के मुसलसल ढल रहा हूँ,अब चाहतों में तेरी..!! #udquotes #मुख़्तसर #मुकम्मल #मुसलसल #चाहतों #yqbaba #yqbhaijan
Rabindra Kumar Ram
" तुम हो भी कि नहीं तेरी तमन्ना हम किस बात की कर रहे , मुसलसल एहसास तेरा फिर तेरे किस का एतबार करें , जो महसूस कर पाओ तो तुम भी कुछ बात छेड़ो , इस बेख्याली चेहरे को फिर कौन सा नाम दे . " --- रबिन्द्र राम Pic : pexels.com " तुम हो भी कि नहीं तेरी तमन्ना हम किस बात की कर रहे , मुसलसल एहसास तेरा फिर तेरे किस का एतबार करें , जो महसूस कर पाओ तो तुम भी कुछ बात छेड़ो , इस बेख्याली चेहरे को फिर कौन सा नाम दे . " --- रबिन्द्र राम
Rabindra Kumar Ram
" कुछ बात कर ली जाये क्या , जो थोड़ा सहमा सा कुछ डरा सा हैं , कुछ बातों का जिक्र मुसलसल होना बाकी हैं , फिर इस तिसनगी में तुम किस बात से आगाज़ की जाये ।" --- रबिन्द्र राम— % & " कुछ बात कर ली जाये क्या , जो थोड़ा सहमा सा कुछ डरा सा हैं , कुछ बातों का जिक्र मुसलसल होना बाकी हैं , फिर इस तिसनगी में तुम किस बात से आगाज़ की जाये ।" --- रबिन्द्र राम #सहमा #जिक्र #मुसलसल #तिसनगी #आगाज़