Find the Best हरिओम Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutहरिओम पवार की कविता डाउनलोड, हरिओम पवार की कविता, साधकों की हरिओम बोली, हरिओम पवार की कविताएं, हरिओम पंवार की कविताएं,
Hariom Shrivastava
White अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में -"कुछ दोहे" •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• 1- योगासन व्यायाम है, फिट रहने का राज। इसे आज अपना रहा, सारा मनुज समाज।। 2- भारत ने ही विश्व को, सिखलाया है योग। यहाँ पुरातन काल से,योग जानते लोग।। 3- योग साधना से रहें, रोग हमेशा दूर। प्रतिरोधक क्षमता बढ़े, काया में भरपूर।। 4- सबसे पहले यम नियम, फिर करना है योग। तभी नियंत्रित मन रहे, काया रहे निरोग।। 5- योग साधना जो करें, अतिभक्षण के साथ। लाभ न आता है कभी, कोई उनके हाथ।। 6- जिसका तन-मन स्वस्थ है,वही सुखी इंसान। योग और व्यायाम से, होता रोग निदान।। 7- जीवन में अपना लिया, जिसने नियमित योग। उसके पास न फिर कभी, फटक सकेंगे रोग।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #Yoga
Hariom Shrivastava
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाओं सहित - कुण्डलिया छंद - •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• जिसके भी मन में हुआ, लेशमात्र भी दंभ। उसका निश्चित मानिए, पतन हुआ आरंभ।। पतन हुआ आरंभ, यही इतिहास बताता। लेकिन मद में चूर, व्यक्ति यह समझ न पाता।। रावण कौरव कंस, प्रमाण सभी हैं इसके। उसका हुआ विनाश, अहं था मन में जिसके।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #happydussehra
Hariom Shrivastava
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाओं सहित - कुण्डलिया छंद - •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• जिसके भी मन में हुआ, लेशमात्र भी दंभ। उसका निश्चित मानिए, पतन हुआ आरंभ।। पतन हुआ आरंभ, यही इतिहास बताता। लेकिन मद में चूर, व्यक्ति यह समझ न पाता।। रावण कौरव कंस, प्रमाण सभी हैं इसके। उसका हुआ विनाश, अहं था मन में जिसके।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #happydussehra
Mudit Bhargava
और उस मैं तेरा ना होना एक बराबर सा है #मेराहोना #collab #yqdidi #yqbaman #yqbaba #yqdidi #own_words #हरिओम 🔱🔱
Hariom Shrivastava
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं सहित मत्तसवैया या राधेश्यामी छंद- ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ छब्बीस जनवरी अमर हुआ, जब संविधान अपना आया। जिससे मौलिक अधिकार मिले, हट गया गुलामी का साया।। आजादी का प्रतीक झंडा, जब यहाँ तिरंगा लहराया। गूँजा जन-गण-मन गान यहाँ, हर भारतवासी मुस्काया।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava
Hariom Shrivastava
विधा - गीतिका ::शीर्षक "ज़िन्दगी" ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• 1- जीवन में जिसने किए, सही समय सब काम। अमर उसी का हो गया, इस दुनिया में नाम।। 2- सुखमय जीवन के लिए, तन-मन रखिए स्वस्थ। आवश्यक है इसलिए, सुबह-शाम व्यायाम।। 3- आवश्यक जो कार्य हैं, उनको करें तुरंत। पता नहीं हो कब कहाँ, इस जीवन की शाम।। 4- मानव जन्म अमोल है, मिले न बारम्बार। जीवन है दिन चार का, लम्बित कार्य तमाम।। 5- समय न व्यर्थ गँवाइए, पाना है यदि लक्ष्य। इसीलिए यह प्रण करें, है आराम हराम।। 6- देवों को दुर्लभ रहा, मानव का यह जन्म। ईश्वर के अवतार थे, पुरुषोत्तम श्रीराम।। 7- जब तक है यह ज़िन्दगी, कर लीजे सद्कर्म। प्राण निकलने पर किसी, काम न आना चाम।। 8 जीवन जीने का रहा, जिसका जैसा ढंग। देती है यह ज़िन्दगी, वैसा ही परिणाम।। 9- कभी लगे रंगीन यह, कभी लगे बदरंग। विविधा है यह ज़िन्दगी, लिए विविध आयाम।। 10- कभी कष्टकारी लगे, कभी लगे सुनसान। कभी लगे यह ज़िन्दगी, सुख के चारों धाम।। 11- जिन लोगों की ज़िन्दगी, रहती खुली किताब। उनको ही अक्सर सभी, करते नमन् प्रणाम।। 12- जीवनभर कुछ व्यक्ति जो, रहते हैं संदिग्ध। मनोविकारी लोग वह, मलते झंडू बाम।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #guru
Hariom Shrivastava
- सरसी छंद - (अंतिम छंद क्र.10 "सार छंद") ( 21मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर रचित ) ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• 1- चाय बढ़ाती भाईचारा, और परस्पर प्यार।। इसीलिए तो आज मनाता, 'चाय दिवस' संसार।। सब पेयों में प्रथम पेय है, सस्ती सुंदर चाय। पियो पिलाओ मौज मनाओ,जन-जन की यह राय।। 2- माना गया चाय को भी अब, एक फंक्शनल फूड। बनवा देती चाय शीघ्र ही, किसी काम का मूड।। मोटापा कम करने में भी, गुणकारी है चाय। और शक्तिवर्धक भी है यह, वैद्यों की यह राय।। 3- सबसे अच्छी मानी जाती, अदरक वाली चाय। किंतु वही अच्छी होती जो, सही समय मिल जाय।। हुए चाय पर भी हैं अब तक, तरह-तरह के शोध। जो कहते हैं चाय पियो तुम, जब भी आए क्रोध।। 4- पालो एक चाय की खातिर, भैंस बकरिया गाय। घर के शुद्ध दूध की दिनभर, पियो बनाकर चाय।। वैद्य हकीमों की हो कुछ भी, इस बारे में राय। मगर निरंतर पीते रहना, सुबह-शाम की चाय।। 5- चाय उपजती बागानों में, किंतु कई हैं ब्रांड। कलियुग में है हुआ चायमय,आज अखिल ब्रह्मांड।। फीकी मीठी काली हर्बल, कैसी भी हो चाय। कोई भी इसको पी सकता, कितनी भी हो आय।। 6- घटी कार्यक्षमता की करती, चाय शीघ्र क्षतिपूर्ति। सुस्त और अलसाए तन में, ला देती है स्फूर्ति।। सुबह-शाम तो दो-दो पीना, एक आफ्टर नून। और एक अंतिम पीना जब, दिखे रात में मून।। 7- कभी किसी ऑफिस में कोई, अटका हो जब काम। और घूस देने खीसे में, बचे न हों जब दाम।। तब अपनाएँ सहज सरल सा, सुंदर एक उपाय। ऑफिस जाकर बाबू जी को, एक पिला दें चाय।। 8- चाय पिलाने पीने पर तो, कहीं नहीं प्रतिबंध। बड़े बड़ों से यह बनवाती, पलभर में संबंध।। चाय पिलाते ही ऑफिस का, हो जाएगा काम। फिर घर आकर कड़क चाय पी,खूब करें आराम।। 9- चाय पार्टी खुद रख लें या, जाकर करें अटेंड। चाय पिलाकर जिसका चाहें, खूब बजाएँ बेंड।। चाय लाभकारी होती है, कितना करूँ बखान। चाय बना देती है मित्रो, मंत्री यहाँ प्रधान।। 10- चाय पिलाने पीने वाले, करते खूब तरक्की। चाय न पीने वाले होते, बहुत बड़े हैं झक्की।। रचना में यदि कमियाँ हों तो, उन्हें कीजिए नक्की। और अगर तारीफ़ करें तो, चाय आपकी पक्की।। #हरिओम श्रीवास्तव#v ©Hariom Shrivastava #Moon
Hariom Shrivastava
परिवार दिवस के उपलक्ष्य में -कुण्डलिया छंद- 1- जीवन में अनिवार्य है, सबको ही परिवार। टूट रहे यह आज क्यों, इस पर करें विचार।। इस पर करें विचार, हुए क्यों हम एकाकी। अपने में ही मस्त, न कोई रिश्ते बाकी।। मुश्किल हो आसान, सुरक्षा रहती मन में। देते हैं परिवार, हमें सब कुछ जीवन में।। 2- कैसे रहते थे भला, तब सारे संयुक्त। अब तो होना चाहते, सभी सभी से मुक्त।। सभी सभी से मुक्त, कहाँ के दादा-दादी। हुए आज माँ-बाप, अकेलेपन के आदी।। किस्से सुनकर लोग, करेंगे अचरज ऐसे। रहते थे संयुक्त, लोग जो थे वे कैसे।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #friends
Hariom Shrivastava
*जल दिवस के उपलक्ष्य में - सार छंद*- *पानी* ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ 1- जल से ही जीवन पृथ्वी पर, बात सभी ने जानी। धरती ने चूनर ओढ़ी है, जल के कारण धानी।। बूँद-बूँद अनमोल धरा पर, बात सभी ने मानी। कुदरत से उपहार अनोखा, हमें मिला है पानी।। 2- जीवन केवल वहाँ-वहाँ है, जहाँ-जहाँ है पानी। पर इसकी फ़िजूलखर्ची कर, मनुज करे मनमानी।। पीने के काबिल धरती पर, ढाई प्रतिशत पानी। देख-देख बर्बादी इसकी, होती है हैरानी।। 3- धरती पर रहता है पानी, भिन्न-भिन्न रूपों में। बर्फ ओस पाले में पानी, भाप नदी कूपों में।। झील तड़ाग और झरनों में, सागर में भी पानी। लेकिन कारण जल संकट का, फितरत है इंसानी।। 4- उन सर सरिताओं में हमने, नित अपशिष्ट मिलाया। जीवनदायी जल जिन सबने,हमको सदा पिलाया।। जंगल काटे धरती को भी, कंकरीट से पाटा। जल पहुँचा पाताल रूठकर, करके हमसे टाटा।। 5- जल संरक्षण करना होगा, जीवन अगर बचाना। वृक्ष लगाना अपरिहार्य है, यदि समुचित हल पाना।। जितने भी जंगल काटे हैं, उतने पेड़ लगाएँ। यह संकल्प आज हम लेकर,जीवन सफल बनाएँ।। #हरिओम श्रीवास्तव# भोपाल, म.प्र. ©Hariom Shrivastava #Life
Life
read moreHariom Shrivastava
- रूस-यूक्रेन युद्ध पर तीन "कुण्डलिया छंद" - ------------------------------------------------ 1- सोलह दिन के युद्ध में, उजड़ गया यूक्रेन। सारा घोर विनाश यह, अहंकार की देन।। अहंकार की देन, पुतिन हैं क्रोधित भारी। मानवता का नाश, अभी है निशदिन जारी।। पस्त हुआ यूक्रेन,लड़ रहा दिन गिन-गिन के। शहर हुए शमशान, युद्ध में सोलह दिन के।। 2- आसमान से हो रही, शोलों की बरसात। रूस और यूक्रेन में,विफल हो गयी बात।। विफल हो गयी बात, नहीं है कोई राजी। अहं अहं की जंग, करें क्या मुल्ला काज़ी।। रहवासी निर्दोष, धो रहे हाथ जान से। बम गोले बारूद, बरसते आसमान से।। 3- धू-धू करके जल रहा, पूरा ही यूक्रेन। उत्तरदायी जंग के, दोनों जेंटलमेन।। दोनों जेंटलमेन, पुतिन औ जेलेंसिक्की। दुनियाभर की दृष्टि, इन्हीं दोनों पर टिक्की।। जीवित हैं अब लोग, बंकरों में मर-मर के। कितना सुंदर देश, जल लहा धू-धू करके।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #Rose