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CalmKrishna

Ashish Thakur Akela'

मेरी एक नज़्म 'सिगरेट को तरह जलती है याद तुम्हारी' आप सभी के लिए!!! #saynotosmoking #Trending #worldsmokingday #smoking #सिगरेट #धुंआ nojoto #nojotourdu #cigarette Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Hisamuddeen Khan 'hisam' Shah Aftab Sam Khan Priya Gour

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सिगरेट की तरह जलती है याद तुम्हारी


सिगरेट की तरह जलती है याद तुम्हारी,
 मैं लत की तरह कश पे कश लेता हूँ,
जल बुझ कर गिरते हैं राख़ इनके,
आंच लिये मेरे आँसुओं की तरह,
हलक से सीने में उतरता है धुआँ,
दिल जलाता है, तलब बुझाता है,
फ़िर कारखाने के चिमनी की तरह,
बदन से रिस-रिस कर निकलता है धुआँ,
मैं होंठ पे रखकर नर्म फिल्टर उसका,
पी जाता हूँ धुआँ सारा,
जैसे तुम्हारे सुर्ख होंठों पे रख के होंठ अपने,
मैं पी जाया करता था सुर्खियाँ उसकी,
पर इस सिगरेट की लत ऐसी है कि,
इसने सुर्खियाँ छीन ली मेरे होंठों की,
काश! कुछ यूँ होता कि तुम आते
और अपने सुर्ख होंठ रखकर मेरे स्याह होंठों पर,
पी लेते इन होंठों के तल्ख कालेपन को... 
और फ़िर से इसे सुर्ख कर देते...

©Ashish Thakur Akela' मेरी एक नज़्म 'सिगरेट को तरह जलती है याद तुम्हारी' आप सभी के लिए!!!
#saynotosmoking #Trending  #worldsmokingday #smoking #सिगरेट #धुंआ #nojoto #nojotourdu  #cigarette  Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" Hisamuddeen Khan 'hisam' Shah Aftab Sam Khan  Priya Gour

उपांशु शुक्ला

Anjali Srivastav

my poet

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मै न बहुत दिनों से बीमार -  बीमार सी लगती हूं
खुद में ही बड़ी ही लाचार सी लगती हूं
 टूटकर बिखर गई हूं कई टुकड़ों में कांच की तरह
फिर भी दुनियां की नज़रों में बड़ी होशियार सी लगती हूं

मै न बहुत दिनों से बीमार - बीमार सी लगती हूं

हर तरफ धुंआ - धुंआ सा उड़ा है
लच्छे दार सी
जैसे मै ही उस हर एक छल्ले की तलबगार सी लगती हूं
पड़ी हूं जब से तेरे इश्क़ में आे जाने जाना
तबसे ही और बीमार - बीमार सी लगती हूं

मै न बहुत दिनों से.......

कर ली हूं जब से कैद अपने नजरो में तुमको
तबसे रोशनी में भी और नासूर सी लगती हूं
हर शख़्स से ली हूं दुश्मनी मोल शायद अब मै
इसलिए हर तरफ से मै ही गुनहगार लगती हूं

मै न बहुत दिनों से........... 

गर कोई पड़ जाए मुसीबत में तो
मै तत्पर हो मददगार सी लगती हूं
खुद को कर देती हूं पल भर के लिए नुमाइश सी
जैसे मै कोई सरेआम बाज़ार सी लगती हूं

मै न बहुत दिनों से.........

अंजली श्रीवास्तव my poet

Ram Ek rahi ✍️

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हसरतें सुलगी सी है  गीला सा है रुआं-रुआं 
एक प्याली गर्म चाय और जिंदगी धुंआ धुंआ !!

Ram,,,"Ek rahi" ✍️

Rajeev Pandey

सीने में दबाये 
धुँआ धुँआ होते अरमानो को लेकर 
ताउम्र भटकता रहा 

न ख्वाब मुकम्मल हुए 
न खुद जल के राख ही हुआ 

बस धुँआ ..धुँआ...धुँआ .. 
सुलगता ही रहा ...... #nojoto
#धुंआ
#ख्वाब
#मुकम्मल

Hitendra

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💖☘🌸🌼💖☘🌸💖

कहीं मुस्कुराहट लिए कारवां है।
कहीं देखते है धुंआ ही धुंआ है।।

कही  खूबसूरत  हरा  बागबाँ  है।
कही घटा काली दुखी आसमाँ है।।

कही जगमगाहट की कहकशां है।
कही आंसुओं  से  भरी दास्ताँ है।।

कहीं  पर न रोटी, कपड़े  मकां है।
कही पर  किस्मत बड़ी मेहरबाँ है।।

गम  और  खुशी से भरा ये जहां है।
खोजे जरा खुद को हम तुम कहाँ है।

💖☘🌸🌼💖☘🌸💖

Dev Koli

Payal Singh Gautam Kumar Dr.Imran Hassan Barbhuiya Payal Singh

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पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण
            हर तरफ धुंआ ही धुंआ है
           क्योकि मेरा देश जल रहा है
       
          बुझा दो हवस की ये ज्वाला
चीख चीख कर कह रही है मेरे देश की हर बाला
         क्यूकी मेरा देश जल रहा है
 
          सुलग रही है नफरत की ज्वाला
 बंद करो आपस मे लडना मौसी और खाला
             क्यूकी मेरा देश जल रहा है

                          जय हिन्द Payal Singh  Gautam Kumar Dr.Imran Hassan Barbhuiya Payal Singh

Raunak Srivastava

सिगरेट सी जलती हुई मेरे अंदर रूह में..
तुम्हारी यादों का ही बस धुंआ धुंआ है..

ऐसा नहीं है कि तुम्हें मोहब्बत नहीं रही अब..
तुम्हारी मोहब्बत का मेहज़ तबादला हुआ है.. #lovequotes #shayari #nojotohindi #hindipoetry

Rajesh Raana

मकर संक्रांति #सरसों फूली पिली पिली , #गेहूं की #बालियां #सपनीली, #पेंच दे रही #ज़िन्दगी लेकिन , #उड़ी अपनी #पतंग #रंगीली । (१) आओ मिलकर #ख़ाब गिनाए, किसके ज्यादा किसके कम ।

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सरसों फूली पिली पिली ,
गेहूं की बालियां सपनीली,
पेंच दे रही ज़िन्दगी लेकिन ,
उड़ी अपनी पतंग रंगीली । (१)

आओ मिलकर ख़ाब गिनाए,
किसके ज्यादा किसके कम ।
उम्मीदों की डोरी से बंधकर,
उड़े अपनी पतंग हरदम । (२)

हैं ज़िन्दगी गर पथरीली ,
तो पत्थरचट्टा क्यों न उगाये ।
सबकी ख्वाहिश है फूलों की ,
हम तुम काँटो को रिझाये । (३)

है धुंआ अगर ज़िन्दगी तो ,
इसको छल्लों में उड़ाए ।
है ज़िन्दगी अगर पतंग तो ,
सातवे आसमान पर उड़ाए । (४)

जीवन सुखदुख भरी टोकरी ,
अपनी पसंद की खुशियां छाँटे ।
जिस तक न पहुँची है अब तक ,
उस तक त्योहारों के पल बांटे ,
आओ तिलगुड़ लड्ड़ू , गुझिया बांटे  ।। (५)

(आप सब स्नेहीजन को मकर संक्रांति , 
पोंगल , बिहू , लोहड़ी पर्व की हार्दीक 
हार्दीक शुभ कामनाएं ) मकर संक्रांति
#सरसों फूली पिली पिली ,
#गेहूं की #बालियां #सपनीली,
#पेंच दे रही #ज़िन्दगी लेकिन ,
#उड़ी अपनी #पतंग #रंगीली । (१)

आओ मिलकर #ख़ाब गिनाए,
किसके ज्यादा किसके कम ।
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