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Best सिसक Shayari, Status, Quotes, Stories

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Ekta Gour

युँ सिसक सिसकर, रोये हम इतना,
तुम क्या समझोगे, दिल में दर्द हैं कितना..
 #दर्द #सिसक #रोये #yqhindi

Archana Chaudhary"Abhimaan"

#सिसक

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शायद........
शायद समझ ना पाए तुम मुझे
शायद समझ ना पाई मैं तुम्हे
सालो का साथ यूंही बीत गया
दिल के जज़्बात कोने में दफ़न होगए। 
समझने समझाने के लिए पास आई
किसी अजनबी को पास पाया।
कभी थकावट का इशारा था
कभी रात ढल जाने का बहाना था
हर वक्त ही रुसवाई थी
जाने किस बात की सजा पाई थी।
इजहार का इंतजार करते करते
जाने कितनी राते गुजार दी।
एक अहसास को तरसते रहे
एक जज़्बात को तरसते रहे।

Archana Chaudhary'Abhiman' #सिसक

An_se_Anshuman

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Nilesh ( Darde Shayri )

#विदाई में #दूर एक #किनारे कोई #सिसक रहा था । जिससे #लिपट कर वो #रो भी न #पाई ।।।😊 #nilesh #Nileshkumar #Love #SAD #शायरी

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विदाई में दूर एक
किनारे कोई सिसक रहा था ।

जिससे लिपट कर 
वो रो भी न पाई  ।।।😊 #विदाई में #दूर एक
#किनारे कोई #सिसक रहा था ।

जिससे #लिपट कर 
वो #रो भी न #पाई  ।।।😊
#nilesh
#nileshkumar
#love

Abhay Balrampuri

#Shayari

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साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।

तस्वीरों को जब जब देंखूं सिसक सिसक कर रोती हूँ।
अपनी प्यारी तकिये से लिपट लिपट कर सोती हूँ।
तस्वीरों को तकिए के नीचे रखना ना मुझको भाया
सिर आता था उनके ऊपर इसीलिए नही रख पायी।

साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।

तस्वीरों को जब जब देंखूं मुझे बहुत भाते हो।
कैसे कहूँ मेरी जाना याद बहुत तुम आते हो।
तुम्हारे गीत सुने थे हमने अपने विस्तर पर लेटे लेटे।
आहे भरी थी हमने अपने विस्तर पर सोते सोते।

भीगी थी बारिश में उस पल पर प्यार जता ना मैं पायी
साबन की पहली बारिश में बुला नही मैं तुमको पायी।
सर्दी की प्यारी रातो में भुला नही मैं तुमको पायी।
®अभय बलरामपुरी

aamil Qureshi

किसी रोज़ छॉंव की तलाश में किसी रोज़ छांव की तलाश में निकलने वाला तू नही
जब इंसां होकर इंसां को ही फिर समझने वाला तू नही 

 तू खुद के  फायदे को काट लेगा अपने ही जनै को 
बेजुबान पेड़ों को काटने से सम्भलने वाला तू नही

एसी फिज्र कूलर की आदत हो गयी है तेरे शरीर को
मखमल हवा के झोंके से अब पिघलने वाला तू नही 

मर जायेगा सिसक सिसक कर यूही हवा के बिन
तक़ब्बुर है तुझमें शुरुआत नेकी की करने वाला तू नही

आमिल Kisi roz chaav ki talash m niklne wala tu nhi 
Jab insaa hokr insaa ko hi fir samjhne wala tu nhi 

Khud k fayde ko kaat lega apne hi janne ko 
Bezubaan paiddo ko katne se sambhalne wala tu nhi 

Ac fridge cooler ki adat ho gyi h tere shareer ko 
Makhmal hwaa ke jhoke se ab pighalne wala tu nhi

Niwas Pathak Aazad

किसी के पास सैंकड़ों घर
तू फुटपाथ पर पड़ा
क्या तेरे पास घर नहीं
या किसी ने हक़मारी किया?

चंद लोगों के थालियों में
सजी है हजारों सब्जियां
फिर क्यों तोड़ रहे 
तुम सुखी रोटियां ??

क्या है अनाज का अभाव?
या किसी ने कालाबाजारी किया  ??

शाम की रोटी के खातिर
बचपन को तुमने जला दिया
टाइल्स के दाग मिटाते- मिटाते
मिट चुकी तेरी भविष्य रेखा 

मालिक की कोठियों से
हमउम्रों को स्कूल जाते
पूछते हैं वो सिसक -सिसक
जन्म लेना गरीब के घर
क्या ये भी है दोष मेरा?

पूछती है चीख - चीख
जिस मजदूर बाप ने
बनाई है सैंकड़ों कोठियां
आज, मेरा बाप वो
क्यों सड़क पर है पड़ा?? #गरीबी#मानवता

अभिषेक धनंजय

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सिसक सिसक कर जिया तुझे 
गम सावन सा  बरसाया है 
हर्फ़ हर्फ़ मे लिखा तुझे 
नज्म नज्म मे गाया है 
हर नजर मे देखा तुझको 
हर ख्याब तेरा ही आया है 
हर पल तुझको खोया मैंने 
हर पर तुझको पाया है 
दूर तुम हमेशा रहे मुझसे 
पर जुदा खुद से ना कभी पाया है 
हर जर्रे मे तुम हो शामिल 
बंद पलकों पर भी तेरा साया हैँ 
शुक्रिया तेरा अदा करू या खुदा का 
इबादत सा इश्क़ जो मैंने पाया है 
         अभिषेक धनंजय

Arun Achantani

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बेबस दिल का हाल कैसे बया करू ए जानिब ,

धड़कता है सिसक - सिसक
के,,
       अरुण

vipin singh Bahar

#vipin_bahar,nojoto,#hindiwriters

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तुने अपना हाथ मेंहदी से सजा लिया,
अच्छा ही किया अपना घर बसा लिया,
ख़ुदकुशी भी कर सकता था...
पर कम्बख़्त इस शराब ने बचा लिया,
किसी ने प्रेम में जिंदगी दे दी..
और किसी ने प्रेम को ही जीवन बना लिया,
वो तेरा अंतिम मिलन न भुला...
तूने सिसक-सिसक के मुझे गले लगा लिया,
मैं ये सोच के थोड़ा खुश हूँ...
कि हम दोनों ने सच्चाई से रिश्ता निभा लिया,
तू अन्य के बिस्तर की रौनक है..
और इधर मैंने काँटों को ही खुदा बना लिया,
विपिन"बहार"
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Vipin_bahar
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