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Amit Singhal "Aseemit"
जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे, नहीं करेंगे सुविचार, सिमटे रहेंगे अज्ञानता की दहलीज़ में, नहीं करेंगे पार। कुछ कुंठित एवं कुछ पुराने अड़ियल बेबुनियाद विचार, पत्नि को दबाकर रखें,मां बहनों पर करते हैं अत्याचार। ©Amit Singhal "Aseemit" #अज्ञानता #की #दहलीज़
Amit Singhal "Aseemit"
स्त्री को ही क्यों दहलीज़ का पाठ पढ़ाया जाता है, इस दहलीज़ को पार नहीं करना, सिखाया जाता है। दहलीज़ केवल घर के दरवाज़े की ही नहीं कहा है, दहलीज़ को स्त्री ने शर्म, मर्यादा, संस्कार में सहा है। ©Amit Singhal "Aseemit" #दहलीज़
Mamta Singh
एक पुरूष अगर किसी स्त्री की इच्छा और अंकाक्षा के विषय में लिखता है ताे वह प्रगतिवादी माना जाता है पर अगर क़ाेई स्त्री अपनी अधूरी इच्छा,आंकाक्षा,या ख्वाब के विषय में लिखती है ताे.. कुछ दिन पहले मेरी मित्र ने मेरे साथ एक मुशायरे का विडियाे शेयर किया था,जिसमें एक बुर्जूग शायर अपने जाेशीली आवाज में एक गजल प्रस्तुत कर रहे थे।गजल के बाेल थे काैन करेगा तुझसे प्यार!!अरे रे ना बाबा ना.... सभी दर्शक(ज्यादातर पुरूष)जाेरदार तालियां और सिटी बजा रहे थे।गजल के भाव के अनुसार शायर साहेब महिलाओं से ये कह रहे थे कि आप जब तक घर में रहती है,आपकाे प्यार किया जा सकता है.. परन्तु जब आप घर की दहलीज लांघ कर,परदे से बाहर निकल कर ,अपनी खुद की पहचान बनाना चाहती है,ताे आप अपवित्र हाे जाती है ।फिर आप
कुछ दिन पहले मेरी मित्र ने मेरे साथ एक मुशायरे का विडियाे शेयर किया था,जिसमें एक बुर्जूग शायर अपने जाेशीली आवाज में एक गजल प्रस्तुत कर रहे थे।गजल के बाेल थे काैन करेगा तुझसे प्यार!!अरे रे ना बाबा ना.... सभी दर्शक(ज्यादातर पुरूष)जाेरदार तालियां और सिटी बजा रहे थे।गजल के भाव के अनुसार शायर साहेब महिलाओं से ये कह रहे थे कि आप जब तक घर में रहती है,आपकाे प्यार किया जा सकता है.. परन्तु जब आप घर की दहलीज लांघ कर,परदे से बाहर निकल कर ,अपनी खुद की पहचान बनाना चाहती है,ताे आप अपवित्र हाे जाती है ।फिर आप
read moreNiharika Chauhan
दहलीज़ से बाबुल की जो निकलकर आयी, मानो जैसे ज़िस्म से रूह ही छोड़कर आयी ... बहुत आसान होता है कहना या सुनाना लेकिन , दौर मुश्किल भरा था जब खुद को ही भुला आयी ... ☺️ • Like • Comment • Share • ☺️ _______________________________ सहभागिता सबके लिए खुली है |#आपकी_सहेली शीर्षक : #दहलीज़ #विश्वास
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read moreअभिलाष सोनी
जीवन के कई मौसम, हमने तन्हा ही गुजारे। अब कटते नहीं हैं दिन, तेरी यादों के सहारे। सारी उम्र बिता दी हमने, यादों की दहलीज पर। मिलते नहीं कभी हम, जैसे हो नदिया के किनारे। सुकून अब दिल को चाहिए, चाहत के हँसी नजारे। आ मिल जा मुझसे दिलबर, दिल तुझको ही पुकारे। चाह के भी तुझसे मिलना, क्यूँ न किस्मत में हमारे। है आखिरी ये ख्वाहिश, है चाहत के यही ईशारे। Aesthetic Thoughts का एक ख़ूबसूरत #collab तेरी #यादोंकेसहारे #YourQuoteAndMine #मेरी_ख्वाहिश #मौसम #दहलीज़ #इशारे Collaborating with YourQuote Didi
Aesthetic Thoughts का एक ख़ूबसूरत #Collab तेरी #यादोंकेसहारे #YourQuoteAndMine #मेरी_ख्वाहिश #मौसम #दहलीज़ #इशारे Collaborating with YourQuote Didi
read moreDR. SANJU TRIPATHI
अगर पानी है अपने सपनों की मंजिल तो हर नारी को घर की दहलीज़ पार करनी ही होगी, समाज के बनाए रस्मों रिवाजों के बंधन को तोड़ कर हौसलों के पंँखों से उड़ान भरनी होगी। चार दीवारी के अंदर हया के परदे में बैठकर अपनी काबिलियत को जान नहीं सकती नारी, अपनी काबिलियत बढ़ाने को नारी को दुनियाँ का सामना करने के लिए हिम्मत जुटानी होगी। निभाती है सारी जिम्मेदारियांँ और फर्ज फिर भी जीती है नारी जुल्मों सितम से भरी जिंदगी, जुल्मों सितम से निपटने व बराबरी का दर्जा पाने को हर नारी को खुद आवाज उठानी होगी। 🌟 प्रतिदिन प्रतियोगिता- 03 🌟 शीर्षक - दहलीज़ ! 🌟 इस रचना में आपको सिर्फ़ 6 पंक्तियाँ लिखनी हैं, इससे कम या ज़्यादा पंक्तियों में लिखी हुई रचना प्रतियोगिता में मान्य नहीं होगी। 🌟"COLLAB" करने के बाद "COMMENTS" में "DONE" ज़रूर लिखें, जिससे आपकी रचना तक हम आसानी से पहुँच सके!
🌟 प्रतिदिन प्रतियोगिता- 03 🌟 शीर्षक - दहलीज़ ! 🌟 इस रचना में आपको सिर्फ़ 6 पंक्तियाँ लिखनी हैं, इससे कम या ज़्यादा पंक्तियों में लिखी हुई रचना प्रतियोगिता में मान्य नहीं होगी। 🌟"COLLAB" करने के बाद "COMMENTS" में "DONE" ज़रूर लिखें, जिससे आपकी रचना तक हम आसानी से पहुँच सके!
read moreAnil Prasad Sinha 'Madhukar'
लम्बे समय के बाद छुट्टी में घर आ रहा था मन हर्षित था अपनों से मिलने जा रहा था, पापा के लिए नेहरू कोट, माँ के लिए शाॅल बहन के लिए चूड़ियाँ, भाई के लिए रूमाल, दिल मे किसी का प्यार किसी के अरमान थे पत्नी के लिए ले रखे अनेकों साजो सामान थे, गाड़ी से उतरकर अपने सरहदें को लाँघकर अपने खेतों से गुजरा सभी सामानों को बाँधकर, गाँव के दहलीज़ पर देवी माँ का मंदिर आया जूते खोल श्रद्धा से मंदिर में अपना शीश झुकाया, फिर गाँव मे पहुँचा अपने गलियारे मैं जा रहा था लोगों की भीड़ बहुत जो मुझे भरमा रहा था, मैने सोंचा ये जो भीड़ मेरे दरवाजे पर बढ़ी है शायद मेरे ही स्वागत के लिए दरवाजे पर खड़ी है, दरवाजे पर पहुंचते ही मेरी सारी तंद्रा टूट गई चूड़ियाँ सहित सभी सामान हाँथ से मेरे छूट गई, भागती हुई बहना आई अंदर से मुझको तोड़ गई बोली भैया तेरे आस में माँ हम सबको छोड़ गई, घर की दहलीज पर खड़ा किंचित् मैं सोंच रहा था अपने भाग्य को मैं मन ही मन बहुत कोस रहा था, देश की दहलीज़ पर खड़ा अपने भाग्य पर इठलाता हूँ घर की दहलीज़ पर आज खुद को मैं अकेला पाता हूँ, 🙏⚘मधुकर⚘🙏 Challenge-67 #collabwithकोराकाग़ज़ दहलीज़ पर एक लघुकथा लिखिए, कैप्शन में लिखा हुआ मान्य नहीं होगा :) #दहलीज़ #कोराकाग़ज़ #anil_madhukar #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi Best YQ Hindi Quotes Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️
Challenge-67 #collabwithकोराकाग़ज़ दहलीज़ पर एक लघुकथा लिखिए, कैप्शन में लिखा हुआ मान्य नहीं होगा :) #दहलीज़ #कोराकाग़ज़ #anil_madhukar #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi Best YQ Hindi Quotes Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️
read moreLOL
दहलीज लांघने की जुर्रत करो कभी खुद को बदलने की हिम्मत करो कभी.. हौंसले गर बुलंद हों तो सबकुछ है मुमकिन बस आसमां छूने की चाहत करो कभी.. हर तमन्ना फूलों का रास्ता चाहती है काँटो भरी राह की भी हसरत करो कभी.. जिन्दगी में तुमने भी दिल तोड़ा किसी का होगा खुद में उस गुनेहगार से भी नफरत करो कभी.. गौर से देखोगे तो दिखेंगे बेरंग मायूस चेहरे किसी के आँसू को मुस्कुराहट करो कभी.. मौत कभी इश्तेहार देकर नहीं आती सो.. जिन्दगी से भी बगावत करो कभी! -KaushalAlmora #जुर्रत #दहलीज़ #बगावत #yqdidi #life #zindagi #yqbaba #yqpoetry
Prashant Gupta
मुझे छोड़ कर जाने का मन बना लिया है क्या, मेरी जान, मुझे देख कर मुस्कुराते नहीं हो। क्या मेरे घर की सीढ़ियों से कोई रिश्ता नहीं तेरा, घर के सामने आती हो मगर मेरे घर आती नहीं हो।। 🤐🤐🤐🤞🤞 #दहलीज़ #yqdidi #aestheticthoughts #collab #collabchallenge
🤐🤐🤐🤞🤞 #दहलीज़ #yqdidi #aestheticthoughts #Collab #CollabChallenge
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