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Shivkumar
[ ** सड़क सुरक्षा **] सड़क पर सावधान होकर चलेंगे गति मीमा का हम ध्यान रखेंगे दुपहिया वाहन तभी जब हेलमेट लगाएंगे मड़क मंकेतों का पालन करेंगे ओवरलोड वाहन नहीं चलाएंगे ओवरटेक मंभलकर करेंगे अन्य वाहनों मे निश्चित दूरी बनाकर चलेंगे तभी तो हम दुर्घटना से बचेंगे लाल पर रुकेंगे, हरे पर चलेंगे पीले पर मूझबूझ से धीरे-धीरे चलेंगे चौपाया वाहन में मीट बेल्ट लगाकर चलेंगे अब हम दुर्घटना को कम करेंगे [ ** हिंदी यात्रा ** ] शराब, सिगरेट, दारु से ध्यान भंग होगा दुर्घटना और यमराज मंग होगा मड़क नियमों का जब पालन नहीं होगा अपना और अपनों का जीवन खतरे में होगा मोबाइल पर बात वाहन रोककर करेंगे बिना इंडिकेटर दिए नहीं मुड़ेंगे पहले पैदल यात्रियों का सड़क पार करने देंगे सड़क नियमों का पालन करके दुर्घटनाओं को कम करेंगे ©Shivkumar #trafficcongestion #traffic #Signal #Nojoto #nojotohindi [ ** #सड़क #सुरक्षा **] सड़क पर #सावधान होकर चलेंगे गति मीमा का हम ध्यान रख
Ashok Topno
मन को इतना मजबूत बनाइये कि किसी के भी व्यवहार से मन की शांति भंग न होने पाए ©Ashok Topno शांति भंग #Hope #Ashok
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
लेकर हाथ गुलाल में , चला लगाने रंग । आ जायें जो सामने , लगा उन्हें लें अंग ।। रंग छुपाये हैं सभी , देख हाथ में ग्वाल । अब बचकर चलना सखी , छुपे नन्द के लाल ।। हो जाओगी अप्सरा , अगर रंग दूँ डाल । गोरे-काले गाल ये , हो जायेंगे लाल ।। भर पिचकारी मार दूँ , जब मैं प्रीत फुहार । आकर दोगी बोल तुम , हमको तुमसे प्यार ।। आज प्रीत के रंग का , चढ़ा सभी को रंग । जीजा साली झूमते , देखो पीकर भंग ।। १५/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लेकर हाथ गुलाल में , चला लगाने रंग । आ जायें जो सामने , लगा उन्हें लें अंग ।। रंग छुपाये हैं सभी , देख हाथ में ग्वाल ।
laxman dawani
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. ग़ज़ल :- हर तरफ़ है बहार होली में । दिल को आया करार होली में ।।१ देखकर जो बदलते थे रस्ता । वो भी आयें हैं द्वार होली में ।।२ इस तरह अब वफ़ा करो हमसे । हो जाऊँ मैं बीमार होली में ।।३ आप ऐसे अगर हमें चाहें । जान भी दूँगा वार होली में ।४ दुश्मनी भूल अब सभी जाए । रब से करता पुकार होली में ।।५ पी लिया भंग आज भी जिसने । बरसा उनपे ही प्यार होली में ।।६ हाथ में हाथ तुम प्रखर देना । तो करूँ इंतजार होली में ।।७ २५/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- हर तरफ़ है बहार होली में । दिल को आया करार होली में ।।१ देखकर जो बदलते थे रस्ता ।
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Ganesh joshi
. खा के गुजिया, पी के भंग, लगा के थोडा थोडा सा रंग, बजा के ढोलक और मृदंग, खेलें होली हम तेरे संग। ©Ganesh joshi #Holi . खा के गुजिया, पी के भंग, लगा के थोडा थोडा सा रंग, बजा के ढोलक और मृदंग, खेलें होली हम तेरे संग। #holikadahan #Rang #holikhele #gane
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
अबके फागुन मीत मिलेंगे , खेलेंगे हम रंग । वह पल होगा बड़ा सुहाना , जब हम होंगे संग ।। अबके फागुन मीत मिलेंगे... छेड़ रही सब सखियां कहके , उर में है आनंद । हो जायेंगी फिर तो देखो , सभी किवाडियाँ बंद ।। छलक रहा है मुख मंडल पे , आज खुशी का रंग । अबके फागुन मीत मिलेंगे.... मिलकर तुमसे यूँ ही होंगे , अपने गाल गुलाल । नही रहेगा अधर हमारे , कोई सुनो सवाल ।। तब ही बदले जीवन में फिर , सुन जीने का ढ़ंग । अबके फागुन मीत मिलेंगे.... चहक उठेगा मन मेरा ये , महक उठेगा अंग । दशो दिशा शहनाई गूँजें , और बजेंगे चंग ।। उठते पैर उधर पड़ते हैं, जैसे पी ली भंग । अबके फिगुन मीत मिलेंगे.... अबके फागुन मीत मिलेंगे , खेलेंगे हम रंग । वह पल होगा बड़ा सुहाना , जब हम होंगे संग ।। ०९/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अबके फागुन मीत मिलेंगे , खेलेंगे हम रंग । वह पल होगा बड़ा सुहाना , जब हम होंगे संग ।। अबके फागुन मीत मिलेंगे... छेड़ रही सब सखियां कहके ,