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RADHA CHARAN DASS
Prakash writer05
ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, तो अभई निकल रहे हैं! बलउ के टेक्टर से चले जाएंगे! थोड़ी पहले निकल रहे हैं, जानते हैं न, की जब हम झोला टांगते है तुम्हरे सामने तो लगती हो रोने, फिर टिरेन में यात्रा और मुश्किल लगने लगती है! आलू के सब्ज़ी और 7 रोटी बना के बाँध लिए हैं, थोड़ा चना और गुड भी रखे हैं! बाहर नलके से पानी भर लेंगे! डाक्टर से दवाई ला दिए हैं, रसोई वाले ताखा पर है, उठा लेना नहीं तो सिता जायेगी! और समय समय से खाना भी है! गोली सफ़ेद वाली, खाली पेट सुबह! बाकी की संतरी रंग और चौकोर वाली सुभे साम! तुम्हारा कपड़ा धो के पसार दिए हैं! शाम को जागना तो उठा लेना! बाबूजी सुबह किराया भाड़ा दे दिए थे, तो उसका टेंसन न लेना! उनको कह दिए थे की निकल जाएंगे दुपहर में! बाकी खाता में पइसा पड़ा है, काम चल जाएगा इस महीने! मोटकी रजाई घाम दिखा के बड़के बक्सा में, और तुम्हारे सारे सुइटर बाबूजी के सुइटर भी उसमें ही रखे हैं! शाल दुशाला सब साफ़ है! निकाल के ओढ़ पहिन लेना! तुम्हारी जूती मोची से सिलवाय लाये थे! वहीँ आँगन में पन्नी में लपेट के रखे हैं! खाना बनाना हो तभी उतारना! नहीं तो पहनी रखना! गैस भरा दिये 3 महिना तक चली, 10 किलो शीशम की लकड़ी चीर ऊपर कमरे में रख दिए हैं! भगेलू को 5 10 रूपया दे के उतरवा लेना! तुम्हारे फोन में 239 रुपया का रिचार्ज करवा दिए हैं, जब मन करे फोन घुमा लेना! और रोना मत, खाना पीना समय से खाना! जल्दी नौकरी से लौटेंगे! तुम्हारे जागने तक हम टिरेन में बइठ गए रहेंगे! तो ख़त पढ़ के एक आँसू मत रोना! पैर छुए हैं, आसिरबाद भेज देना! ~ तुम्हारे बेटे//लल्ला/करेजा का टुकड़ा! ©Prakash writer05 #ए अम्मा! साँझ को टिरेन पकड़नी है! इस्टेसन दूर है, तो अभई निकल रहे हैं! बलउ के टेक्टर से चले जाएंगे! थोड़ी पहले निकल रहे हैं, जानते हैं न, की
#काव्यार्पण
मैं उन रीति-रिवाजों को नहीं मानती जो मर्दों ने अपनी सहूलियत के लिये बनाए हैं। ©काव्यार्पण जूती की नोक पर हैं वो रीति-रिवाज ##kavyarpan #Freedom #wonenpower #Nojoto #snowfall शिवोम stand with girls सचिन सारस्वत Sanjni priyanka
꧁प्यारा शायर ~SKR꧂
मेरी अल्फाजो को... सुनने की औकात नहीं अब तुम्हारी.... अरे बेवफा क्या बताऊं मैं तुझे.... तू जब छोड़के चले गई थी.... तब बुरे दिन थे मेरे.... आज देख तेरी औकात.... जूती के नीचे मेरी। मेरी अल्फाजो को....सुनने की औकात नहीं अब तुम्हारी....अरे बेवफा क्या बताऊं मैं तुझे....तू जब छोड़के चले गई थी....तब बुरे दिन थे मेरे....आज दे
सुसि ग़ाफ़िल
____________ सैनिकों के बंदूक की गोलियां नेताओं की जूती के नीचे रखी होती है ! ____________ आपत्तिजनक पोस्ट ____________ सैनिकों के बंदूक की गोलियां नेताओं की जूती के नीचे
क़ाश कुछ अब भी बाक़ी है
लिखूॅंगा ख़ाक मैं एक दिन, बनूॅंगा राख मैं जिस दिन, मेरी अर्थी सजा देना, ले जा के कब्र, दबा देना मेरी कीमत लगाना जब, मुझे झूठा बताना तब, बताना राज़ सब मेरे, मैं था तन्हा बताना तब, लिखूॅंगा ख़ाक मैं एक दिन, बनूॅंगा राख मैं जिस दिन, मेरी अर्थी सजा देना, ले जा के कब्र, दबा देना मेरी कीमत लगाना जब, मुझे झूठा बताना तब, बता
Mamta Singh
एक पुरूष अगर किसी स्त्री की इच्छा और अंकाक्षा के विषय में लिखता है ताे वह प्रगतिवादी माना जाता है पर अगर क़ाेई स्त्री अपनी अधूरी इच्छा,आंकाक्षा,या ख्वाब के विषय में लिखती है ताे.. कुछ दिन पहले मेरी मित्र ने मेरे साथ एक मुशायरे का विडियाे शेयर किया था,जिसमें एक बुर्जूग शायर अपने जाेशीली आवाज में एक गजल प्रस्तुत कर रहे थ
Krish Vj
।। कुछ छीन लिया गया, तो कुछ दे दिया गया गुलाब को खुशबु के लिए निचोड़ दिया गया ।। शेष रचना अनुशीर्षक मैं पढ़िए...!! ❣️🌹लेखन संगी 🌹❣️ //शक्ति रुपा स्त्री को श्रद्धासुमन// श्रद्धा है तू, शक्ति भी तू, सहनशीलता की सुंदर मूरत तू , होते हैं साक्षात्कार जहांँ ई
VEER NIRVEL
चल अब उठ सर को उठा "अरे हा तू वही है ना, जो कहा करती थीं के मोहब्बत तो मेरी जूती के नीचे.. #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛 ©VEER NIRVEL चल अब उठ सर को उठा "अरे हा तू वही है ना, जो कहा करती थीं के मोहब्बत तो मेरी जूती के नीचे.. #𝙲𝚑𝚊𝚒_𝙻𝚘𝚟𝚎𝚛
RAHUL VERMA
तो ले चले तुम्हे अमिनाबाग पे जूती दिलाने सितारों वाली जूती...😊😊 #YourQuoteAndMine Collaborating with Aarzu Singh,❤️