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New सुगंधी सुपारी Quotes, Status, Photo, Video

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Shivkumar

#navratri #navaratri2024 #navratri2025 नवरात्रि का दूसरा दिन है , मां #ब्रह्मचारिणी का l मां #दुर्गा को दूसरा रुप है , मां ब्रह्मचारि #वस्त्र #भक्ति #कष्ट #विख्यात #तपस्या

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Ravendra

दो घरों से लाखों के जेवरात व नगदी चोरी,फखरपुर के खेमनीपुर गांव की घटना* बहराइच। फखरपुर क्षेत्र में चोरियों का सिलसिला हमने का नाम नहीं ले र #न्यूज़

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Anjali Singhal

"गजानंद करते बेड़ा पार बैठ मूषक वाहन सवारी, देवों के देव महादेव पिता और पार्वती माता तिहारी। बुद्धि विवेक के तुम हो स्वामी अंतर्यामी लंबोदर #Poetry #गणेश_चतुर्थी #गणेशचतुर्थी #गणेशोत्सव #AnjaliSinghal

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Nahim Khan

स्वीटी सुपारी लेना आया था #कॉमेडी

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Chitra Iyer

Goodmorning ❤️ Our arecanut(सुपारी) farm. There is a ritual on deepawali's evening. People wrap pieces of oil soaked cloth around sticks, #yqbaba #YourQuoteAndMine #yqjogi #MyCnC #sumneclicks #sumnemorningwish #suggestat #hlsubmission

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I carry my light within, 
taking the path less 
traveled, opening up the 
darkest path, lighting the 
way for those who don't
carry theirs.. Goodmorning ❤️

Our arecanut(सुपारी) farm. 
There is a ritual on deepawali's evening. People wrap pieces of oil soaked cloth around sticks,

Ashok Mangal

ख़बरों में उन्माद की सुपारी झलक रही, ख़बरें में अब जनहित की ललक ही न रही ! बेशरमी का आलम इस कदर है पसरा, जनसाधारण में खबरों की इज़्ज़त ही न #Politics #JanHitMeJaari #AaveshVaani #JanMannKiBaat #JanhitKiRamayan

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जनहित की रामायण - 74

ख़बरों की सीरत सही नहीं,
ख़बरों की नीयत सही नहीं !
जन-लोकपाल का था हो हल्ला,
जन-लोकपाल चर्चा में ही नहीं !!

अन्ना बाबा ने जनहित ज्योत जलाई,
इनकी हर बात ख़बरों में खूब छायी !
आज वो ज्योत नजर ही नहीं आयी,
प्रश्नकर्ता से हुज्जत की नौबत आयी !!

गुमराही हुक्मरानों के खेल का है हिस्सा,
सियासत में सब जायज, ये समझती जनता !
जनहित चिंतक चोला पहन जब कोई ठगता,
जनता का भरोसा अपने आप से भी उठता !!
( अनुशीर्षक में अनवरत...) ख़बरों में उन्माद की सुपारी झलक रही,
ख़बरें में अब जनहित की ललक ही न रही !
बेशरमी का आलम इस कदर है पसरा,
जनसाधारण में खबरों की इज़्ज़त ही न

AK__Alfaaz..

कल, ​मन के अहाते में, ​एक बहती शीतल पुरवईया, ​हौले से आयी, ​दस्तक देकर, ​दहलीज पर मेरी, ​वो स्नेह के, #yqbaba #yqhindi #yqquotes #testimonial

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कल,
​मन के अहाते में,
​एक बहती शीतल पुरवईया,
​हौले से आयी,
​दस्तक देकर,
​दहलीज पर मेरी,
​वो स्नेह के,
​किवाड़ों को खटखटायी,
​
​मैंने भी,
​अलसाई नींद से उठकर,
​जब किवाड़ खोले,
​तो..वो पुरवईया,
​वात्सल्य से मेरा,
​माथा सहलाकर कानों में,
​ममता पूर्वक,
​कुछ फुसफसायी, 
कल,
​मन के अहाते में,
​एक बहती शीतल पुरवईया,
​हौले से आयी,
​दस्तक देकर,
​दहलीज पर मेरी,
​वो स्नेह के,

AK__Alfaaz..

कल, ​साँँझ ढ़ले, ​रजत चंद्रिका की, ​श्वेत रश्मियों के नीचे, ​प्रयाग के, ​पावन संगम से निकली, ​दुग्ध धवलित, ​निर्मल माँ गंगा, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #testimonial

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कल,
​साँँझ ढ़ले,
​रजत चंद्रिका की,
​श्वेत रश्मियों के नीचे,
​प्रयाग के,
​पावन संगम से निकली,
​दुग्ध धवलित,
निर्मल माँ गंगा,
​काशी के अस्सी घाट पे,
​महादेव के पग पखारती,
​जा पहुंची तृप्ति देने,
​ कल,
​साँँझ ढ़ले,
​रजत चंद्रिका की,
​श्वेत रश्मियों के नीचे,
​प्रयाग के,
​पावन संगम से निकली,
​दुग्ध धवलित,
​निर्मल माँ गंगा,

AK__Alfaaz..

कल भोर की, ​उदित होती सिंदूरी किरण के संग, ​मैने नेह की सुनहरी पोटली मे, ​सूरज से आती, ​ममता की ​धूप को, ​अपनी झीनी सी हथेलियों से भर लिया, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #testimonial

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कल भोर की,
​उदित होती सिंदूरी किरण के संग,
​मैने नेह की सुनहरी पोटली मे,
​सूरज से आती,
​ममता की ​धूप को,
​अपनी झीनी सी,
हथेलियों से भर लिया,
​और..
​गले का हार बना ​लटका लिया,
​ममत्व की डोरी मे पिरो, कल भोर की,
​उदित होती सिंदूरी किरण के संग,
​मैने नेह की सुनहरी पोटली मे,
​सूरज से आती,
​ममता की ​धूप को,
​अपनी झीनी सी हथेलियों से भर लिया,

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #तू_जोगन_मै_वैरागी... मेरी गली ने, ​जब तेरी आहट सुनी, ​हवाऐं आकर बलईयाँ लेने लगी, ​सूरज की किरणों ने, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

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मेरी गली ने,
​जब तेरी आहट सुनी,
​हवाऐं आकर बलईयाँ लेने लगी,
​सूरज की किरणों ने,
​पगडंडियाँ बुहार दीं,
​बादलों ने बरस कर पैर पखारे,
​आसमान ने,
​सितारों के सिक्के भरकर हथेलियों में,
​न्यौछावर कर दी नदियों पे,
​
​​दिल के देवालय में,
​एक मूरत स्थापित हुयी,
​प्रीत की जोगन ने,
​अपनी वत्सलता के ​दुग्ध-दही से,
​समर्पण की शहद-मिश्री से दिवास्नान कराया,
​ #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे

#तू_जोगन_मै_वैरागी...

मेरी गली ने,
​जब तेरी आहट सुनी,
​हवाऐं आकर बलईयाँ लेने लगी,
​सूरज की किरणों ने,
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