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Ek villain
सामाजिक सुधार और धार्मिक ग्रंथ सीट से प्रकाशित आलेख में लेखक संजीव सहित अन्य जिस मुद्दे को लेकर टिप्पणी की है वह आज के दौर में सोचने योग्य है साथ ही वरिष्ठ सांसदों सहित मंत्रिमंडल को भी इस विमर्श पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए क्योंकि जिस तरह से हम अपने देश में पंथनिरपेक्ष साथी की ओर ले जा रहे हैं जाहिर सी बात है कई मंत्री पद्धति बदल जाएगी प्रश्न ये उठता है कि आज के समय में समाज को विकसित करने के लिए यदि पवित्रता गीत कुरान बाइबल सहित धर्म ग्रंथों के पास जाना पड़े तो यह उचित है देखिए जाए तो समाज को विकसित करने में धर्म ने किस प्रकार की बाधा नहीं है बल्कि कुछ ऐसी पड़ता है बनी हुई है तो आज आधुनिकीकरण में रुकावट ला रही है इसका हाली उदाहरण है जहां विवाद है कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक साफ कर दिया था कि हिजाब इस्लाम का मुकेश से नहीं है इसका अर्थ यह है कि इसके बाद जोड़ा गया था इसका इस्लामिक धर्म ग्रंथ में जिक्र नहीं है लेखक ने सामाजिक सुधार को लेकर अरोड़ा भी बनी हुई पुरानी विचारधारा जो आज के समय में अनावश्यक स्थिति को बदलना ही होगा ©Ek villain #रूढ़िवादी होने से बचे #writing
Nova Changmai
दर क्या है??? एक लंबा हट्टा कट्टा आदमी उसी आवाज से बात कर रही है, और तुम सुनकर डर रही हो, उसको को दर नहीं बोलता है। जो बीते हुए कल है उससे शिक्षा लो, और जो आज करने वाले हो उसे किया नया क्या कुछ कर सकते हो उसके बारे में सोचो ,और डरो उस समय के लिए जो भविष्य में तुम्हारे जीवन को सुनहरी अक्षर में लिखकर जीवन को बदल सकता है। #सीखना #शायरी#कविता#रोमांस#मीनिंग #Motivational #Good #evening
Shivank Shyamal
ये ऊंची इमारतें, इंसानों की रूढ़िवादी सोच की तरह हैं। दोनों ही दूर की नज़र को कमज़ोर कर देती हैं।। Shivank Srivastava 'Shyamal' ये ऊंची इमारतें, इंसानों की रूढ़िवादी सोच की तरह हैं। दोनों ही दूर की नज़र को कमज़ोर कर देती हैं।। #रूढ़िवादी #conservative #chotisoch #Noj
Rana Hijab
मासिक धर्म का अर्थ कदापि अपवित्रता नहीं , यह समाज को कौन बताएगा , समाज की हालत पर शर्म करके जो हिम्मत जुटाएगा मुझे पता है वह बेशर्म ही कहलाएगा , क्यूंकि आज भी इस विकसित समाज में जहां रूढ़िवादिता शान है, वहां सच आज भी बदनाम है।। कौन बेशर्म है तुमको अस्तित्व देने वाली वह नारी ? या समाज की रूढ़िवादी सोच बेचारी??!!"मासिक धर्म जागरुकता " "समाज की एक और रूढ़िवादी सोच "
POET PRATAP CHAUHAN
Aditya Raj
करने जीत का जश्न कायम, मेहनत आज करना है. रूढ़िवादी पिंजरा खोल उड़ चलना है,, और भरोसा खुद पर रखना है.. ©Aditya Raj करने जीत का जश्न कायम, मेहनत आज करना है. रूढ़िवादी पिंजरा खोल उड़ चलना है,, और भरोसा खुद पर रखना है.. #runaway #Motivational
Krish Vj
चिंतन :_ रूढ़िवादीता आजादी से पहले का भारत और आजादी के बाद का भारत, बहुत कुछ बदल गया । हमारे तौर-तरीके, खानपान, दिनचर्या सब बदल गई है । हम विकास की अंतिम अवस्था में है, पर फ़िर भी अभी तक हम रूढ़िवादी विचारों से ग्रसित है । इन्हीं रूढ़िवादी विचारों से महिलाओं की स्थिति आज तक सुधर नहीं पाई । बेटीयाँ अभिशाप है ? बिना बेटे के हम मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकते ? बेटे ही बुढ़ापे का सहारा है? अन्य कहीं प्रचलित मान्यताए है जो मानव को मानवता से दूर कर देती है । इन्हीं रूढ़िवादी "विचारों" से हम आज भी विश्व से पीछे है । हम इन रूढ़िवादी विचारों से बाहर आएंगे, और अपनी सोच बदलेंगे तो देश बदलेगा । हम एक नवीन समाज का निर्माण करेंगे, जहाँ सब खुश रहेंगे, सबको बराबर अधिकार मिलेगा। #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #रूढ़िवादी_समाज #collabwithकोराकाग़ज़ #kkpc19 चिंतन :_ रूढ़िवादीता आजादी से पहले का भारत और आजादी क