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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- जीवन में किस बात का , कहिए है अभिमान । मृत्यु बाद सब चाहते , दो गज भू का दान ।। जीवन में संघर्ष ही , देता हरदम काम । एक समय के बाद में , दे सुंदर परिणाम ।। परम-पिता से मेल का, कष्ट बनाये योग । बाद मृत्यु के आप भी , करते इसका भोग ।। जीवन के संताप को , एक परीक्षा जान । करते जाओ पार सब , पाओगे सम्मान ।। मीठे होंगे फल सभी , पहले कर संतोष । यूँ ही अपने भाग्य को , नहीं आप दें दोष ।। करता जो संघर्ष है , मन में अपने ठान । पाता है वह एक दिन , जग में सुन सम्मान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- जीवन में किस बात का , कहिए है अभिमान । मृत्यु बाद सब चाहते , दो गज भू का दान ।। जीवन में संघर्ष ही , देता हरदम काम । एक समय के बाद
ARTI JI
White https://youtu.be/6Y5L0csYwrk?si=0DkHLo0g81-PzBGa *यह सृष्टि रचना ज्ञान है संपूर्ण* *आत्माओं का उत्पत्ति कैसे हुई?* *परमात्मा कोन है?* *केसा है?* *आप सभी किस कर्मों का दंड भोग रहे हों?* आदी सभी प्रश्नों के उत्तर इस सृष्टि रचना को सुनने के बाद मिल जाता है। इस ज्ञान को ओर परम पिता परमात्मा को प्राप्त करने के लिए ऋषि मुनि हज़ारों साल तपस्या कर के मर गए परंतु इस ज्ञान को और परमात्मा को प्राप्त नही हुए ऐसा ज्ञान बड़े भाग्य से मिलता है। विडीयो जरूर देखे सत् साहेब जी 🙏😊 ©ARTI JI #election_2024 #भक्ति #शायरी #कविता #मोटिवेशनल #वीडियो #विचार #कोट्स #कॉमेडी #लव https://youtu.be/6Y5L0csYwrk?si=0DkHLo0g81-PzBGa *यह सृष्
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} * भगवान् श्री कृष्ण जी, प्राप्त होने पर कभी बिछुड़ते नहीं। संसार के सभी भोग बिना बिछुड़े कभी रहते नहीं। ©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} * भगवान् श्री कृष्ण जी, प्राप्त होने पर कभी बिछुड़ते नहीं। संसार के सभी भोग बिना बिछुड़े कभी रहते नहीं।
Devesh Dixit
अयोध्या सज गई (दोहे) देख अयोध्या सज गई, आएँगे श्री राम। राह निहारें हम सभी, सुन्दर हों सब काम।। प्राण प्रतिष्ठा आपकी, करने को संसार। हैं उत्साहित देखलो, झूमें सब नर-नार।। कृपा आपकी हो जिसे, है वो ही धनवान। राह खड़े सब आपकी, पाने को वरदान।। भोग सभी तैयार हैं, आ जाओ भगवान। द्वार खड़े हैं आपके, हम सब ही नादान।। भक्ति भाव से तृप्त हों, ऐसा हो रघुनाथ। जीवन में यश भी मिले, और आपका साथ।। ............................................................ देवेश दीक्षित स्वरचित एवं मौलिक ©Devesh Dixit #अयोध्या_सज_गई #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi अयोध्या सज गई (दोहे) देख अयोध्या सज गई, आएँगे श्री राम। राह निहारें हम सभी, सुन्दर ह
Shivkumar
जिसकी पूजा नवरात्रि के ,पांचवें दिन होती है । जिसके समान ,सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं है ।। कमल आसन पर विराजती, सिंह जिनकी सवारी है। होंठों पर मृदुल मुस्कान , अदम्य साहसी नारी है ।। माता पार्वती ने धारण , वो पांचवां रुप मां का किया । पुत्र स्कंद को शिक्षित करने हेतु , स्कंदमाता बनी ।। तारकासुर के अत्याचारों से , जब जग त्रस्त हुआ । इंद्रादिक देवगण स्वर्ग छोड़े , उससे परास्त हुए ।। उसे शिवपुत्र के हाथों वध का , उनको वरदान मिला था । तब शिवपुत्र के रूप में , अवतार स्कंद का हुआ ।। उसी स्कंद को शिक्षित करने हेतु आई स्कंदमाता । अति सौम्य,अति शक्तिशाली , अति दयालु माता है ।। श्वेत वस्त्र, श्वेत भोग , स्कंदमाता को अति प्रिय है । स्कंदमाता की नवरात्रि के पांचवें दिन पूजा करें ।। हर विपदा दूर होगी , हर मुश्किलें परास्त होगी । मां अपने भक्तों को सदा , आश्वस्त करती है ।। ©Shivkumar #navratri #navratri2024 #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जिसकी पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन होती है । जिसके समान , #सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं
Shivkumar
बैल पर सवार होकर , माँ शैलपुत्री आ गई l शिव शंकर की प्यारी भवानी , दिल पर देखो वो छा गई ll घी का सुंदर दीप जलाएँ , नारियल का भोग हम सब लगाएँ l श्रद्धा भाव से शीश झुकाकर, माँ के सुंदर भजन को चलो गाएँ ll मनोकामना को पूरी करती , ख़ुशियों से झोली को है भरती l आशाएँ ये पूर्ण करती , ये रिद्धि- सिद्धी कि परवान है करती l भाग्य सबका ये सँवारती , भक्ति की राह पे हमें चलाती l ठिकाना हमको दर पर देती, विनती न किसी की वो ठुकराती ll जय-जय माँ शैलपुत्री , तू नारायणी तू कल्याणी l नवरात्रि का शुभारंभ करती , तू महारानी इस जग की है ll ©Shivkumar #navratri #नवरात्रि #navratri2024 #navratri2025 बैल पर सवार होकर , माँ #शैलपुत्री आ गई l
healthdoj
दीपा साहू "प्रकृति"
उलझन भरे मेरे नैनो ने तुमसे सहस्त्र प्रश्न किए। उत्तर जिनके खोज रही सम्मुख तुम्हारे यत्न किए। स्वार्थ भरी दुनिया व्याधि माया मोह जालिकाएँ, भोग-विलास की मन में खेले वो बाल-बालिकाएँ हे कृष्ण मोक्ष दो मुझे तुम्हीं,तम भरा उजाला भी। अंधकारमय है जीवन ,तुम्ही से मिले सहारा भी। उन्मुक्त मन की बांध गति,इंद्रियों को बांध दो, हे कृष्ण सुनो चरणों में मुझको भी अब स्थान दो। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Prakriti_ #deepliner #krishna #love #poetry #poem #Nozoto उलझन भरे मेरे नैनो ने तुमसे सहस्त्र प्रश्न किए। उत्तर जिनके खोज रही सम्मुख तुम्
ARVIND KUMAR KASHYAP