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R K
गुनगुना कर, गीत प्यार के यूं दूर ना जाया कर तेरी मौजूदगी ही, सप्त रागनी सी है ©R K # सप्त रागनी
N S Yadav GoldMine
मंदिर की सात परिक्रमा करने से मिलता है गिर्राजजी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पुण्य आइये जानिए !! 📯📯 राधा दामोदर मंदिर :-{Bolo Ji Radhey Radhey}सप्त देवालय राधा दामोदर मंदिर, सात परिक्रमा देती है ये अनूठा फल, रोचक है इतिहास :- 🌅 चैतन्य अनुयायी जीव गोस्वामी ने प्रतिष्ठित किए ठा. राधादामोदर। मंदिर की सात परिक्रमा करने से मिलता है गिर्राजजी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पुण्य। जगन्नाथ जी एवं स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा जीव गोस्वामी को प्रदत्त गिर्राजजी की शिला के दर्शन भी यहां भक्तों को हो रहे हैं। 🌅 गौड़ीय वैष्णव परंपरा के षड्आचार्यों में शामिल श्रील जीव गोस्वमी के सेव्य ठा. राधादामोदर देव का मंदिर वृंदावन में सेवाकुंज के समीप स्थित है। मंदिर में श्रीकृष्णदास कविराज द्वारा सेवित राधा वृंदावनचंद्र, रूप गोस्वामी द्वारा प्रतिष्ठित जीव गोस्वामी पाद के सेव्य ठा. राधादामोदर देव जिनके वामांग में राधारानी तथा दाईं ओर ललिता सखी, गीत गोविंद के रचनाकार जयदेव गोस्वामी के आराध्य ठा. राधामाधव तथा भूगर्भ गोस्वामी के प्राणनिधि राधा छैलचिंकन प्रभु विराजमान हैं। 🌅 जगन्नाथ जी एवं स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा जीव गोस्वामी को प्रदत्त गिर्राजजी की शिला के दर्शन भी यहां भक्तों को हो रहे हैं। एक ही मंदिर में इतने दिव्य दर्शन वृंदावन के किसी दूसरे मंदिर में संभव नहीं। तभी तो वैष्णव संप्रदाय में राधादामोदर मंदिर की साधना को सबसे बड़ी साधना माना गया है। यहां के बारे में उल्लेख है कि मंदिर की सात परिक्रमा करने से गिर्राजजी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पूरा पुण्य श्रद्धालु को मिल जाता है। 🌅 सन् 1543 में माघ शुक्ला दशमी के दिन मंदिर में चैतन्य महाप्रभु के पार्षद श्रीरूप गोस्वामी ने ठा. राधादामोदर देव को प्रतिष्ठित किया। उनकी सेवा का दायित्व जीव गोस्वामी को सौंप दिया। ऐतिहासिक प्रसंग है कि इसी के साथ के साधक चैतन्य महाप्रभु के अनुयायी सनातन गोस्वामी प्रिदिन वृंदावन से गोवर्धन जाकर गिरिराज जी की परिक्रमा करते थे। 🌅 किंतु वृद्धावस्था में सनातन गोस्वामी की शिथिलता और दृढ़ आस्था में दृवित होकर ठाकुरजी ने खुद उनको अपने चरण चिन्ह, वंशी, लकुटी और गाय के खुर से अंकित यह शिला प्रदान की जो सकल मनोरथदायक गिरिराज परिक्रमा का फल मंदिर की सात परिक्रमा करने पर आज भी दे रही है। 🌅 राधादामोउदर दर्शन के साथ भ्ज्ञक्त बड़ी संख्या में इस शिला की सात परिक्रमा जरूर करते हैं। रूप गोस्वामी की भजन कुटी व समाधि, जीव गोस्वामी व कृष्णदास कविराज गोस्वामी की समाधि तथा जयदेव गोस्वामी की समाधि मंदिर परिसर में ही स्थित है। इसके साथ ही सैकड़ों गौड़ीय आचार्यों की समाधि मंदिर परिसर में स्थित है। 🌅 मुगलिया विप्लवकाल में राधादामोदर मंदिर भी जयपुर में स्थापित करवाया गया। सन् 1739 में पुन: मंदिर के श्रीविग्रहों को पुन: वृंदावन के मंदिर में विराजित करवाया गया। इसके साथ ही सैकड़ों गौड़ीय आचार्यों, भक्तों और संतों की समाधियां भी मंदिर में स्थित हैं। 🌅 भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद ने वृंदावन आकर सबसे पहले राधादामोदर मंदिर में ही निवास किया और इसी को अपनी साधना स्थली बनाया। यहीं साधना करते हुए श्रील प्रभुपाद ने श्रीमद्भागवत गीता का कई भाषाओं में अनुवाद भी किया। वात्सव में ठा. राधादामोदर मंदिर गौड़ीय संप्रदाय के समृद्ध ग्रंथागार के रूप में स्थापित रहा है। ©N S Yadav GoldMine #yogaday मंदिर की सात परिक्रमा करने से मिलता है गिर्राजजी की सप्तकोसीय परिक्रमा का पुण्य आइये जानिए !! 📯📯 राधा दामोदर मंदिर :-{Bolo Ji Radhe
CM Chaitanyaa
" श्री चैतन्य महाप्रभु " श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु का प्राकट्य सन् 1486 में फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को पश्चिम बंगाल के नवद्वीप (नादिया) नामक गाँव में हुआ। यह स्वयं श
Mamta Singh
एक स्त्री अगर प्रेम करती है तो सिर्फ प्रेम करती है कोई हद नहीं रखती पर अगर विरक्त हो जाये कोई सरहद उसे नहीं रोकती... (अनुशीर्षक में पढ़े) एक स्त्री के प्रेम,सम्मान, और स्वाभिमान की कहानी मेरी सोना के पहले प्यार की कहानी मां नर्मदा 🙏 के उद्दभव की कहानी.. Eshu Anju Singh Archana Shukla✍️ AK Alfaaz... Disha Singh चिरकुंवारी नर्मदा की अधूरी प्रेम-कथा;- कहते हैं नर्मदा ने अपने प्रेमी शोणभ
Poetry with Avdhesh Kanojia
इंद्रधनुष ------------- आत्मबोध हो हर जन जन में सत्यमार्ग जग को दिखलाए। इंद्रधनुष सा हो यह जीवन सप्त रंग की छटा फैलाए।। (अनुशीर्षक में पूरा पढ़ें) #nature #rainbow #इंद्रधनुष #colours #motivation #author #poet इंद्रधनुष ------------- आत्मबोध हो हर जन जन में सत्यमार्ग जग को दिखलाए। इं
Abhay Bhadouriya
श्री राम कथा भाग- 1 राम कथा भाग- 1 हे वाग्देवी हम करते तेरा ध्यान वाणी पर संयम रहे शब्दों में आराम हे गौरीनंदन आप सहज करो सब काम ईशानपुत्र गणेश के चरणों म
Darshan Blon
कैसी बिडम्बना ये कैसी मज़बूरी साथ हैं दोनों पर मिलों की दूरी "दास्तान ऐ मोहब्बत" इन की रह गयी अधूरी ऐ खुदा, अलग इन्हे करना, क्या था ज़रूरी? Full version...in caption सुप्रभात। श्रद्धा और विश्वास जैसे धरती और आकाश... #धरतीआकाश #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi एक थी धरती एक था
AK__Alfaaz..
हे ! गोविंद क्या.., तुम आओगे, क्या.., आकर तुम भी, मेरे जैसे, छः गज़ की, पौराणिक मर्यादा मे लिपट, घर-आँगन, कोल्हू बन पाओगे, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #साड़ी_मे_गोविंद हे ! गोविंद क्या.., तुम आओगे, क्या..,
Vikas Sharma Shivaaya'
*शिवरात्रि पूजन विधि* सुबह नहा धोकर भगवान शिव का पूजन करे पंचोपचार पूजन करे फिर शिवरात्रि का व्रत करने का संकल्प लें संकल्प में स्पष्ट कहें कि व्रत जलाहार ,फलाहार या निराहार जैसे रहना हो कहे ,दिन भर भजन सिमरन करते रहे शाम होने पर फिर से शिव जी का पंचोपचार पूजन करे फिर रात मे *प्रथम प्रहर* होने पर शिवजी का पूजन चन्दन, चावल, काले तिल ,कमल और कनेर के फूल से करें *ॐ भवाय नमः* *ॐ शर्वाय नमः* *ॐ रूद्राय नमः* *ॐ पशुपताय नमः* *ॐ उग्राय नमः* *ॐ महानाय नमः* *ॐ भीमाय नमः* *ॐ ईषानाय नमः* इन आठ नामो का जाप करें नैवेध मे पकवान अर्पित करें नारियल और पान के साथ अर्घ्य दें ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करे *दूसरे प्रहर* लगने पर शिवजी का तिल, जौ ,कमल पुष्प ,विल्वपत्र द्वारा पूजन करें खीर का नैवेध प्रदान करें बिजौरा नीबू ( नीबूं ) के साथ अर्घ्य दें ॐ नमः शिवाय का प्रथम प्रहर की अपेक्षा दुगना मंत्र जाप करे *तीसरे प्रहर* होने पर फिर से शिव जी का गैहू, आक के फूल, कमल, पुष्प विल्व पत्र, तिल, द्वारा पूजन करे पुऐ का नैवेध शाक अर्पित करें कपूर से आरती करें अनार के फल के साथ अर्घ्य दें ॐ नमः शिवाय का दूसरे प्रहर की अपेक्षा दुगने मंत्र का जाप करें *चौथा प्रहर* होने पर शिवजी का उडद, कागनी, मूगं ,सप्त धान ,शंखी के पुष्प, विल्व पत्र से पूजा करें उडद के बडै मिठाई का नैवेध प्रदान करे केले के साथ अर्घ्य दें तीसरे प्रहर की अपेक्षा ॐ नमः शिवाय का दुगने मंत्र का जाप करें फिर *सुबह* होने तक जाप भजन करते रहे सुबह फिर भगवान शिव का पूजन करें और पूजन का विसर्जन करें शिवलिंग पर पूजा करने वाले साधक प्रत्येक पूजा मे शिवलिंग को दूध, दही, घी ,गंगाजल ,छाछ ,गन्ना का रस ,पानी ,शहद आदि से स्नान कराये या जो सुलभ हो जाये उससे करा लें प्रथम प्रहर मे जाप उतना ही करे जितने का चौथे प्रहर मे आठ गुना जाप कर सके किसी कामना के लिये पूजन करना चाहता है तो संकल्प में स्पष्ट बोल दें शिव जी की कृपा से वो कामना अवश्य ही शीघ्र पूरी हो जायेगी प्रत्येक प्रहर मे धूप दीप अवश्य दें शिवरात्रि का पूजन आप परिवार सहित करे पत्नी के साथ करने पर मनोकामना अवश्य पूरी होती है *महाशिवरात्रि पूजन समय ,प्रहर* *चतुर्दशी तिथि आरम्भ* 18/02/ 2023 को 08:02 PM से *चतुर्दशी तिथि समाप्त* 19/02/ 2023 को सांयकाल 04:17 PM तक *निशित काल पूजन समय (साधकों हेतु )* 18/02/2023 मध्यरात्रि 11:52 से 12:42 तक *रात्रि प्रथम प्रहर समय* 06:40 pm से 09:46 pm 18 /02/ 2023 *रात्रि दूसरा प्रहर समय* 09:47 pm से 12:52 am 19/03/ 2023 *रात्रि तीसरा प्रहर समय* 12:53 am से 03:59 am *चौथा प्रहर समय* 04:00am से 07:05 am *व्रत पारण का समय* सुबह 06:10 से दोपहर 02:40 तक 19 फरबरी 2023 जिसे धन के लिये पूजा जाप करना है वो *ॐ नमः शिवाय धनम् मे देहि देहि शिवाय नमः ॐ* का जाप करना संकल्प लेकर जिसे नार्मल पूजा जाप करना है वो *ॐ नमः शिवाय* का जाप करना धन का संकल्प लेकर तुम्हारी अपनी मर्जी है किसका जाप करना है किसी को कुछ और चाहिये तो उसका संकल्प ले लेना ©Vikas Sharma Shivaaya' *शिवरात्रि पूजन विधि* सुबह नहा धोकर भगवान शिव का पूजन करे पंचोपचार पूजन करे फिर शिवरात्रि का व्रत करने का संकल्प लें संकल्प में स्पष्ट कहे
Kalim
अचानक त्या वळणावर तुझ्या नि माझ्या नजरेच जुळणं आणि त्यातच होत आकाशातील सप्त रंगांचे एकमेकात मिसळणं.. ©Kalim अचानक त्या वळणावर तुझ्या नि माझ्या नजरेच जुळणं आणि त्यातच होत आकाशातील सप्त रंगांचे एकमेकात मिसळ