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Matangi Upadhyay( चिंका )
न सोचा न समझा न माना मुझे, जानकर भी तूने न जाना मुझे, एक मैं था,जो प्यार जताता रहा, एक तू था,जो झूठ बताता रहा, खैर....... तेरी नजरों में, तेरे लिए,तू ही सही है, मेरी नजरों में,मेरे लिए,मेरे मैं ही सही हूं, ये तो रब जाने आगे अब होगा ही क्या,? तू भी यही है,और मैं भी यही हूं । ©Matangi upadhyay (चिंका) सब कुछ धुंधला सा 💔 #dhundh #matangiupadhyay #love #nojotohindi #Nojoto #mywords #mynightthoughts #बेवफा
सब कुछ धुंधला सा 💔 #dhundh #matangiupadhyay love #nojotohindi #mywords #mynightthoughts #बेवफा
read moreAnamika Nautiyal
मैं सपने में चाँद पर गई _________________________ अंधियारी रात , मैं बादलों की सैर कर रही थी उन पर बैठ गोते खा रही थी । कि यूँ अचानक दिखा एक चमचमाता गोला, उत्सुकता वश मैं उसके पास गई। ऐसा लग रहा था, मानो आसमान की काली चुनरी पर; किसी ने सितारों के साथ एक बड़ा सा नगीना टाँक दिया हो। मैंने उसे स्पर्श किया, और उसकी कुछ चमक मेरे हाथ में रह गई। स्वप्न से जागी तो मेरे हाथों में मेरी माँ का हाथ था। बस यूँ ही एक ख़्याल #चाँद #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #माँ #mynightthoughts #latenightthoughtbazaar #anumika
बस यूँ ही एक ख़्याल #चाँद #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #माँ #mynightthoughts #latenightthoughtbazaar #anumika
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तकल्लुफ़ ही तो बाकी है वरना जीने की चाह किसे है यहाँ तसव्वुर में ही है जीना सबका हक़ीक़त से वास्ता किसका है यहाँ तबस्सुम दिखाई देती है हर किसी के चेहरे पर अंदाज़-ए-तकल्लुम लाज़वाब है सबका यहाँ कौन किस पर ऐतबार करे इस दुनिया में मतलबी ताल्लुक़ के सिवा क्या बाकी है यहाँ तरन्नुम-ए-ज़िंदगी कैसी चल रही कुछ मालूम नहीं 'अनाम' तू किसकी वाह वाही किए जा रही है यहाँ। यूँ ही..... तकल्लुफ़ :- औपचारिकता अंदाज़-ए-तकल्लुम :- बातचीत का तरीका तरन्नुम ए ज़िंदगी :- ज़िंदगी का तराना
यूँ ही..... तकल्लुफ़ :- औपचारिकता अंदाज़-ए-तकल्लुम :- बातचीत का तरीका तरन्नुम ए ज़िंदगी :- ज़िंदगी का तराना
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जो मेरा था कभी वो आसमाँ का सितारा हो गया, फ़रोजा देख उसकी चाँद भी किनारा हो गया। वो मेरा यार-दोस्त अपना-पराया सब कुछ था, वो जो नहीं रहा अब तो मैं बेसहारा हो गया। मैं उन यादों को भूलूँ भी तो कैसे भला, मेरी एक कोशिश भी दिल को ना गवारा हो गया। खज़ाने की तरह संभाल रखी है मैंने यादें , तू आकर कभी देख क्या हाल मेरा हो गया। मैं पुकारूँ तो तू आ जाया कर मुझसे मिलने, बार-बार ना बताया कर कि तू प्यारा हो गया। हाँ मेरी ज़िद अब भी वैसे ही बरक़रार है, मालूम नहीं तुझे कि मैं कितना आवारा हो गया। तू मेरा हमराज़ तू मेरा जाने जिगर था, फिर क्यों तेरा-मेरा ये सफ़र अधूरा हो गया। वो संग बिताए पल याद तो हैं ना तुझे, देख तू आज मेरी ग़ज़ल का मिसरा हो गया। जानती हूँअब तेरा आना भी मुमकिन नहीं, तू आसमाँ का मुकम्मल सितारा जो हो गया। "अनाम" की बातों में अब भी ज़िक्र है तेरा, ये न सोचना कि सब भूला बिसरा हो गया । कुछ सितारे जो ज़मीन पर होते हैं ईश्वर उन्हें आसमान में दर्ज़ा देने के लिए अपने पास बुला लेते हैं #अनाम #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #यादें #mynightthoughts #missing #सितारा_रोशन #anumika
कुछ सितारे जो ज़मीन पर होते हैं ईश्वर उन्हें आसमान में दर्ज़ा देने के लिए अपने पास बुला लेते हैं #अनाम #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #यादें #mynightthoughts #Missing #सितारा_रोशन #anumika
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स्मृतियाँ पाथेय बन कर ले जाती है मुझे भूतकाल में , मानो चिरकाल से प्रतीक्षारत हो मेरे आगमन में। दीप्त हो रही स्मृतियाँ मानस पटल पर, किंचित कुछ शेष रह जाता है। मध्य रात्रि के किसी भयानक सपने की भाँति, झिंझोड़ती है मुझे किसी हृदय विदारक घटना की भाँति। निशा में यह कौन सा सूर्य देदीप्यमान हो रहा, किसकी पीड़ा में हृदय मेरा रो रहा। यादों का सागर कभी मुझे जला रहा, कभी मेरे अंतर्मन को सुकून दिला रहा। मध्य रात्रि में उदित हुए इस सूर्य पर, ग्रहण लगाने को मेरा जी ना चाहता है। फिर क्यों इस भानु से, मेरे जीवन में अँधियारा छा जाता। यह कैसी विकट परिस्थिति है, यह कैसी मेरी मनःस्थिति है। आलिंगन करना चाहता हृदय, भूत को वापस पा लेने हेतु;० काल से करता है अनुनय विनय। यह संभव भी तो नहीं, तम में प्रकाश की भाँति ये यादें लग रही। स्मृतियाँ बनकर जीवन का सहारा, यादों का घरौंदा ही है अब आसरा। इस सूर्य के समीप जाने की जितनी कोशिश करती हूँ, उतना ही स्वयं को स्वयं से दूर पाती हूँ। हाँ किन्तु मुझे इस सूर्य की तपन में जलना अच्छा लगता है, गाहे बगाहे कुछ अनाम स्मृतियों में झाँकना भी अच्छा लगता है। स्मृतियाँ पाथेय बन कर ले जाती है मुझे भूतकाल में मानो चिरकाल से प्रतीक्षारत हो मेरे आगमन में दीप्त हो रही स्मृतियाँ मानस पटल पर किंचित कुछ शेष रह जाता है मध्य रात्रि के किसी भयानक सपने की भाँति झिंझोड़ती है मुझे किसी हृदय विदारक घटना की भाँति
स्मृतियाँ पाथेय बन कर ले जाती है मुझे भूतकाल में मानो चिरकाल से प्रतीक्षारत हो मेरे आगमन में दीप्त हो रही स्मृतियाँ मानस पटल पर किंचित कुछ शेष रह जाता है मध्य रात्रि के किसी भयानक सपने की भाँति झिंझोड़ती है मुझे किसी हृदय विदारक घटना की भाँति
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मैं छोड़ नश्वरता तुझसे मिलन को आऊँगी बाहें फैलाना मेरे लिए मैं तुझ में समा जाऊँगी मैं बरसों से प्रतीक्षारत हूँ सदियों से भाग रही अनवरत हूँ विवशताएँ औ' बंधन सारे सब से मुक्त होना है ऐ मेरी सखी मुझे तुझ में ही लुप्त होना है मैं सज कर तेरे द्वारे आऊँगी मिलन इच्छा शेष थी जो वह पूर्ण कर जाऊँगी मिलन के अश्रु फूट पड़ेंगे सूखे चक्षुओं में झरने बहेंगे अनंत शांति होगी व्याप्त इस पवित्र घाट पर होगा मुझको भी मोक्ष प्राप्त आदि,अनादि ज्योत जो तेरी है उसमें मेरा भी योगदान होगा मणिकर्णिका तेरा-मेरा भी एक दिन मिलन होगा। मणिकर्णिका एक ख़्वाब,,,, the place where life ends last destination #रात्रिख्याल #अनाम #अनाम_ख़्याल #मणिकर्णिका_घाट #बनारस #मिलन #स्वप्न #mynightthoughts
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चाँद तारों के सहारे आओ दो बतिया करें काँधे तुम्हारा सहारा हो आओ वो रतिया करें बताओ उस चाँद को कि मेरा चाँद आज साथ है क्यों ना हम हर रात उसको यूँ जलाया करें मध्दम हवाएँ और उड़ती जुल्फें तुम्हारी कह दो तुम इन्हें यह हमें सताया ना करें ख़्वाहिश है कि यह रात अब कभी खत्म ना हो बस में नहीं होता वस्ल तो ऐ ख़ुदा दो दिलों को यूँ मिलाया ना करे ख़्वाब भला कब तलक पूरे होते हैं "अनाम" इस दिल से कहो कि ऐसे ख़्वाब दिखाया ना करे। #cinemagraph did you ever feel summer night and open roof shining of stars and moon. silence of night and noice of your thoughts. yes i do it 😊
#cinemagraph did you ever feel summer night and open roof shining of stars and moon. silence of night and noice of your thoughts. yes i do it 😊
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conversation between me and me Read in caption Today, after many days I got the opportunity to talk to myself Where are you busy nowadays Maybe in life How long did you learn to be busy
Today, after many days I got the opportunity to talk to myself Where are you busy nowadays Maybe in life How long did you learn to be busy
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