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Rajeswari Rath
जीवन में समय चाहे सुख की हो या फिर दुःख की हो अपनो का साथ अत्यंत आवश्यक होता है।सुख हो तो बढ़ जाता है और दुःख हो तो बंट जाता है।अपनो के साथ समय कब बीत जाता है पता भी नहीं चलता।परंतु याद रखिए अपना वो जो विपत्ति के समय आपके साथ हो,अपनो की परख समय की कसौटी पर की जाती है और अपनो के साथ समय का पता नही चलता है पर समय के साथ अपनो का पता चल जाता है। एक संस्कृत श्लोक उदाहरण के लिए- उत्सवे व्यसने चैव दुर्भिक्षे राष्ट्रविप्लवे, राजद्वारे श्मशाने च यतिष्ठति स बान्धवः।। संस्कृत श्लोक- उत्सवे व्यसने चैव दुर्भिक्षे राष्ट्रविप्लवे, राजद्वारे श्मशाने च यतिष्ठति स बान्धवः।। बन्धु कौन है?सुभाषित मे इसकी परिभाषा दी गयी है,"उत्सव के दौरान,बुरे समय में,दुर्भिक्ष अर्थात् अकाल पडने के समय में,राष्ट्र में उपद्रव होने के समय में,राजदरबार में और श्मशान मे जो साथ रहता है वही बन्धु है। #yqhindi #yqhindishayari #yqhindikavita
Rajeswari Rath
दोस्त तु है हमारी सबसे प्यारी तुझे मुबारक हो तेरी शादी ओ परी। खुशियों से भर जाए तेरी वो दामन हसते मुस्कुराते रहे हमेशा तेरी आंगन । सिन्दूर से सजी रहे तेरी मांग हमेशा यही है हमारी दिल की आशा । तुझसे बेहद प्यार करते है हम सामने खड़े रहेगें अगर आये कोई गम। जीजा जी से करते हैं इतनी सी प्रार्थना हमारी बहन को हमेशा खुश रखना । दिल की टुकड़े को आपको दिये जिन्दगी भर जलती रहे प्रेम की दियें। भगवान् से ढेर सारी करते है प्रार्थना तुम दोनों की जोड़ी को हमेशा सलामत रखना। शादी की बहुत बहुत बधाई "दोस्त की शादी" #yqhindi #yqhindishayari #yqhindiquotes #yqhindikavita #yqhindiwriters
सानू
ज़माने ने बता तुझको यहाँ अब तक दिया क्या, सिकन्दर भी गया चुपचाप ही तो रहा क्या, ये दुनिया क्या कहेगी प्रश्न सर पर था हमेशा, कि तेरी ख़ाक भी आखिर उड़ाई और बचा क्या। ज़माना #hindi #yqdidi #yqhindikavita #hindipoetry
सानू
आसमाँ तन्हा रहा प्यासी तड़पती है ज़मीं, ढूंढती खुद में किसी को खुद में खुद की है कमीं, एक उसके साथ से ही तो सहारा है मिला, रात भी वरना सताती है मुझे ये शबनमीं। शबनमी रात। #yqdidi #yqhindi #yqhindikavita #hindikavita #shayari
सानू
दिल कहीं ना लगे तो चले आइये, क्यों गये दूर हमसे चले आइये, याद आते रहे कैफ़ के पल हमें, मेरी जान आइये अब चले आइये, ना ही मीरा कहा न ही राधा हुई, जो भी हो आप मेरे चले आइये, जो गुज़ारे हुए साथ में पल कभी, उन पलों को सजाने चले आइये, रूठ जाऊँगा मैं तुम न आये अगर, बस मुझे ही मनाने चले आइये, नाम सानू मिरा तुम मुक़म्मल करो, इन लबों से बुलाने चले आइये। दिल कही ना #yqdidi #yqhindi #yqhindikavita #hindi
Sayali Paunikar
हर तूफ़ान से तुझे लड़ना है तुझे आगे बढ़ते जाना है हर आँधी का सामना करना है तुझे आगे बढ़ते जाना है हर मुश्किल से तुझे गुज़रकर निकालना है तुझे आगे बढ़ते जाना है हर कठिनाई से सामने निकालना है तुझे आगे बढ़ते जाना है हर उस दर्दनाक मोड से गुज़रना है तुझे आगे बढ़ते जाना है हर वो इंसां जो तुझे कमजोर समझे उसे तुझे जवाब देते जाना है तुझे तो आगे ही बढ़ते जाना है #yqhindikavita #yqhindi #yqdidi #yquotes #sayali'ssayings
Anupama Jha
देखो अपने आँसुओ को यूँ न जाया करो इतिहास गवाह है नदी किनारे ही विकसित हुई हैं सभ्यताएँ। देखो अपने आँसुओ को यूँ न जाया करो इतिहास गवाह है नदी किनारे ही विकसित हुई हैं सभ्यताएँ।
Anupama Jha
असहज बातों को भी हम स्वीकारते हैं उतनी ही सहजता से जिस सहजता से सोखती है धरती सूरज के ताप को। नदियाँ जिस सहजता से मिल जाती हैं सागर में बिना कोई सवाल उठाए समुद्र तल के अंधेरे में सहजता से जैसे रहते जीव ,जीवंत वैसे ही बस समाज,देश की व्यवस्था पर असहज होकर भी हम रहते सहज ऐसा ही होता है ऐसा ही होगा ऐसे ही चलेगा कहकर असहजता की गर्त को सहज मानकर -©Anupama Jha असहज बातों को भी हम स्वीकारते हैं उतनी ही सहजता से जिस सहजता से सोखती है धरती सूरज के ताप को। नदियाँ जिस सहजता से मिल जाती हैं सागर में
Anupama Jha
शिथिल मौन अब भंगित होगा कलरवों के नाद से पादप दल मुस्काएँगे पुष्पों के,अभिव्यंजित श्रृंगार से, मकरंदों के लिए तितलियों के अभिसार से। (पूरी कविता अनुशीर्षक में) देख आते अरुणिमा को चाँदनी,हो रही आतुर छिटकने को रात से, लगती नाराज़ सी वो किसी बात से, कुछ कह रही धरा आओ सुने प्रात से !
Anupama Jha
सुनो कह दो ,अपनी कविताओं से अपनी हद में रहें, कोई उन्हें , बेहद चाहने लगा है। (पूरी कविता अनुशीर्षक में) सुनो कह दो ,अपनी कविताओं से अपनी हद में रहें, कोई उन्हें ,बेहद चाहने लगा है। शग़ल बन गया है तुम्हारी कविताओं में ख़ुद को ढूंढना। जबकि जानती हूँ