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vishnu prabhakar singh
व्यवस्था पर आस्था रखे हो कामचलाऊ तकनीक प्यारे अपना धर्म निभाना आता है नागरिक विदूषक नहीं होते? यह दल,वो दल एक गीत है बजते हैं,सुनना स्व इच्छा है हम गीत को प्रतिबंध गाते हैं नागरिक को समय कम नहीं? पंचवर्षीय योजना याद होगा आम सभा इस मातहत पहलु किसके मन में क्या बसा है नागरिक का गतिशीलता नहीं? कर व मत देनाऔर देना भाव या कुछ और भी देना,बताओ हम सहयोग के लिए तैयार हैं नागरिक कानून नहीं मानता? भय का कानून,नैतिकता विकल्प है।। #मेरादेशमहान #विप्रणु #yqbaba #yqdidi #life #madhuksang #kumarrameshrahi #शैली
vishnu prabhakar singh
'बस इतनी सी नागरिकता' भाई दिमाग वालों का जमाना है तुम नौ जवानों को तो सिर्फ जोश है जोश में हो..श रहता..है ¿ जोश में बेहोश रहने वालों दुनियाँ नींद में नहीं बदलेगी आँख खोलो,सूझने के लिए नहीं सुधरने के लिये भेड़ियाधसान! सब डॉक्टर,इंजिनियरे बन जाओ बाप कमाया है,तुम बेवकूफ बन जाओ पैसा कमाओ खूब उड़ाओ मूवी में राष्ट्र गाण पर खड़े हो जाओ राजनीति को दलगत देखो विचारधारा भूल जाओ कर दे रहे हो,कान क्यूँ पकाओ सौ फीसदी सही,सबका जिम्मा नाजुक कंधों पर कैसे इसलिए अपना अपना जिम्मा उठाओ आओ संविधान बचाओ,मूलता पर आवाज उठाओ हाँ!क्या करोगे 9 से 9 के गिफ्ट में वही जो एक कवि करता है शिफ्ट में 🙏 अनुशासन देश को महान बनाता है (बहुत पुराना उक्ति है😎) #cinemagraph #विप्रणु #yqdidi #inspiration #miscellaneous #kumarrameshrahi #सत्यम_शिवम_सुंदरम #वादविवाद का अस्वागत😂 'बस इतनी सी नागरिकता'
vishnu prabhakar singh
बाजुओं में खींच कर आ जायेगी जैसे जन्नत अपने बच्चे के लिए ऐसे बाँह फैलाती है माँ घुटने से रेंगते,रेंगते कब पैरों पर खड़ी हुई तेरी ममता के छाँव में जाने कब बड़ी हुई आज भी सब कुछ वैसा ही है,मैं ही मैं हूँ सब जगह माँ प्यार ये तेरा कैसा है! सीधी-साधी,भोली-भाली,मैं ही सबसे अच्छी हूँ ये तेरी कैसी माया है! कितनी भी हो जाऊं बड़ी,मैं आज भी तुम्हारी बच्ची हूँ हर मर्ज की दवा होती है माँ कभी डांटती,कभी गले लगा लेती है माँ मेरे आँखों का आँसू अपने में समा लेती है माँ अपने होंठों की हंसी हमपे लूटा देती है माँ मेरी खुशियों में शामिल होकर अपने गम भुला देती है माँ जब कभी मुझे ठोकर लगती है,मुझे तुरंत याद आती है माँ रिश्तों को खूबसूरती से निभाना सिखाती है माँ लफ्जों में जिसे बयाँ नहीं किया जा सकता, ऐसी होती है माँ भगवान भी जिसकी ममता के आगे झुक जाते हैं, वो होती है माँ यह रचना मेरी पुत्री ने अपनी माँ को समर्पित किया है।मैं अनुवादक हूँ।। #cinemagraph #सच्ची #विप्रणु #yqdidi #love #poetry #pink #kumarrameshrahi
vishnu prabhakar singh
बताह भीड़ न शिर न पैर हवा में ! हताश नर मुंड शोर मचाती माँगो का अपने मूल अधिकार के बल पर कृत्रिम बौद्धिकता के फांस में आंदोलन की सूक्ष्मता प्रतिपादित करती केवल कान खोलने को कहती तत्काल हस्तक्षेप को दर्शाती उचित समय पर क्रम दुहराती सुचना पर अनावश्यक विश्वास लेकर प्रसार का विस्फोट करती हवा में! छोड़ जाती बताह भीड़ को स्वीकारती व्यथा व्यवस्था तंत्र और कल्याण अवमानना के बीच की खाई नैतिकता में व्यवस्था निर्मित अभाव राजनीति एक व्यवसाय व लक्ष्य संघर्ष का अप्राकृतिक क्रिया अस्तित्व में ! शीघ्र पतन हो भी तो कैसे बताह भीड़ अव्यवस्था का रूपक न देह न देहि ,अकेला हवा में ! (कृपया,शेष अनुशीर्षक में देखें) आंदोलन का रसायन! बताह भीड़ न शिर न पैर हवा में ! हताश नर मुंड शोर मचाती माँगो का
vishnu prabhakar singh
कितने लोग समझेंगे, यह निरा राजनीति है इसके कायदे में कमी है टेबल पर! राजनीति सामाजिक मानसिकता का प्रबल स्रोत है! इंसान का भी बायलोजिकल नाम है, सोची समझी है,यह पद्धति। इन सब का काट है राजनीति! इसकी पद्धति में सुधार जारी है आप सामूहिक योगदान की सोच अपनाएं कम से कम,व्यक्तित्व निर्माण तो करें, ज्यादा से ज्यादा,सामूहिक योगदान भरें। आप भारतीय मंत्रालय के अंतर्गत, कुछ, कुछ क्यों! बहुत कुछ विभाग की संरचना देखें आपको एक निर्मित व्यवस्था खड़ी दिखेगी तो क्या,इसलिए मानव का जैविक नाम भी है, अगर ऐसा है,तो मानव हो गया,'एक व्यवस्थित प्राणी' और राजनीति हो गई, इसकी काट! टेबल पर! आप तो खुश ही होइये निज आकलन नहीं करने का यह प्रबल उदाहरण है ओ हो भाई, भाग्य से मजबूत विपक्ष है घेर,घेराव जारी है संविधान के पक्ष के लोग,नये विपक्ष में भी हैं आपने मत से जो,हाँ कहा है। कृपया,राजनीति और समाज सेवा में भेद समझें!रमेश सर धन्यवाद💐 कितने लोग समझेंगे, यह निरा राजनीति है इसके कायदे में कमी है टेबल पर! राजनीति सामाजिक मानसिकता का प्रबल स्रोत है! इंसान का भी बायलोजिकल नाम है,
vishnu prabhakar singh
मोहब्बत में आँखें,जो बंद ना हुई प्रकाश का प्रेम से प्रस्ताव है यही शुभ रात्रि 🙏 #yqdidi #yqthoughts #नींद #जिम्मेदारियाँ #madhuksang #hindishayri #YourQuoteAndMine
vishnu prabhakar singh
कैसा होता है वो मनुष्य, जो कुछ ठान कर गम्भीर हो जाता है निश्चय के प्राण को अपने मृत्यु तक बढ़ाता है किस दर्द से उसका संकल्प,स्वभाव बन जाता है भावना और विचार का संतुलन,कैसे चोट से आता है किस वस्तु की चाह उसे वर्तमान में रखती है कैसा कर्तव्य बोध है, जिसकी उत्तेजना उत्पन्न होती रहती है उसकी उत्तेजना किस चीज में दबी या छुपी रहती है सामर्थ्य का अर्थ वह कहाँ खोजता है किस अदृश्य प्रेरणा से वो प्रेरित होता रहता है कैसे वो सुख,दुःख के बीच रहकर भी अछूता रहता है लक्ष्य के लिये, उसका समर्पण का दम्भ कैसे मुस्कुराता है दृढ़ता को कैसे सम्मोहित किया जाता है? रमेश सर आपके लिए🙏 स्याही का घटना,बढ़ना! #विप्रणु #kumarrameshrahi #yqdidi #yqbaba #life #poetry #dearyoungwriter
vishnu prabhakar singh
सब मुझे ही घूरते क्यूँ नजर आते हैं अपनी नजरों में मेरा कसूर क्या है उड़ते हुए सब पंख जो समझ लेते लोग मेरी तबियत में उनका जूनून क्या है इस तरह के हो रहे शर्मनाक हादसों ने मुझे व्यथित कर दिया है कि इससे उबर पाने की कोशिश नाकाम सी हो रही है,, संवेदना भावनाओं को उद्वलित कर रही हैं! मेरी भी बेटी है डर और आशंकाए निराधार नहीं है,,,,,, कहाँ तक साथ रहूंगा,,,,,,, इसका हल निकलना चाहिये नही तो स्वप्नों की उड़ान कुंठा को घेर लेगी🧚🙏
vishnu prabhakar singh
जो शब्द कहा नहीं जाता वो सहा जाता है! कभी सोचती हूं के कुछ न कहूं .. पर न कहना कभी कभी दूसरे को खुद के अनभिज्ञता दे जाता है कहना भी ज़रुरी है अगर हम नहीं कहेंगें तो दूसरे कहने लगेंगे। वॉलपेपर बड़ा ही खूबसूरत है शुक्रिया yq . #रजनी_बस_यूँ_ही #yqbaba #yqdidi #yqpaaji #YourQuoteAndMine Collaborating with Rajni Kheterpal #madhuksang
kumar ramesh rahi
पत्थर भी तैर पड़ते ग़म का दरिया देखकर जब तक हौसला गिरां उम्मीदों पर भारी रहा ©kumar ramesh rahi #grey #पत्थर #तैर #ग़म #दरिया #हौसला #उम्मीदों #शेर #twoliner #kumarrameshrahi