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ashutosh anjan

🎀 Challenge-322 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।

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आँसू से नाता पुराना था बस पलकों के हो के रह गए,
यूँ  सुख बेगानें  निकले की घर से  बदर हो के रह गए।
कुछ ख़ुशियों  के जाने  का  ग़म कौन  मनाता  आशु,
हवेली कहते थे लोग कभी अब खंडहर हो के रह गए। 🎀 Challenge-322 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।

Suditi Jha

यूं खंडहर न होती जिंदगी मेरी..
लोग अपना कहकर 
दिल में रह कर 
फिर छोड़कर गए हैं। #qsstichonpic2049 
#खंडहर 
#दिल 
#छोड़कर 
#शायरीमित्र 
#शायरी 
#अल्फाज़_ 
#शायरी_के_अल्फ़ाज़

Jai Singh

मैं चाहतों का खंडहर हूं
चाहतों की दौड़ में
मेरी चाहतें मुझे निगल गयीं

आर्ज़ुओं को क्या कहूँ
नासूर की तरह फैल कर
चाहतें,चाहतों को ही छल गयीं

आकांक्षा बढ़ उच्चाकांक्षा हुईं
उच्चाकांक्षा बढ़कर महत्वाकांक्षा
फिर सुरसा बन, खुशियां निगल गयीं

इक प्रेम की तमन्ना थी 
एक साथ कि थी अभिलाषा
ये कागजों के बोझ तले 
सारी रूमानियत कुचल गयी

मैं चाहतों का खंडहर हूं
चाहतों की दौड़ में
मेरी चाहतें मुझे निगल गयीं #खंडहर
#चाहतें
#ख्वाहिशें

Jai Singh

मैं चाहतों का खंडहर हूं
चाहतों की दौड़ में
मेरी चाहतें मुझे निगल गयीं

आर्ज़ुओं को क्या कहूँ
नासूर की तरह फैल कर
चाहतें,चाहतों को ही छल गयीं

आकांक्षा बढ़ उच्चाकांक्षा हुईं
उच्चाकांक्षा बढ़कर महत्वाकांक्षा
फिर सुरसा बन, खुशियां निगल गयीं

इक प्रेम की तमन्ना थी 
एक साथ कि थी अभिलाषा
ये कागजों के बोझ तले 
सारी रूमानियत कुचल गयी

मैं चाहतों का खंडहर हूं
चाहतों की दौड़ में
मेरी चाहतें मुझे निगल गयीं #खंडहर
#चाहतें
#ख्वाहिशें

Nilam Agarwalla

वहां जो भी जाता है लौटकर नहीं आता। वहां भूतों का डेरा है,बुरी आत्माओं का बसेरा है। तुम भूलकर भी उधर का रूख मत करना, वरना बेमौत मारे जाओगे।

©Nilam Agarwalla #खंडहर

Diwan G

उस खंडहर में कोई नहीं जाता क्यों कि वह एक विरान सी जगह पे था, अपने बिखरे अतीत की कहानी कह रहा था। एक अफवाह थी कि आत्माओं का वास है उस खंडहर में... सुनी सुनाई बातों पर लोग विश्वास करते थे। वहाँ जाकर महसूस होता था, मानो एक सरसराहट शरीर पे दौड़ रही हो, कि किसी की रूह रो रही हो, वो खंडित इमारत जैसे किसी के दर्द की कहानी कह रही हो। हाँ थोड़ा अजीब लगता था, पर हकीकत से कोसों दूर। बस वहम मात्र। 
कौन समझाए लोगों को, कि हर इमारत को खंडहर होना है,
कि जिस्म भी खाक होता है, ये तो सिर्फ खंडहर का कोना है।

©Diwan G #खंडहर #डर #वहम #short_Story

pramod malakar

#खंडहर सी दिखती मंजिल...122

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#FourLinePoetry  **!!** तन्हा कोई है जिस्म **!!**
************************
खंडहर      सी     दखती   मंजिल,
गुजरा हुआ कल याद दिलाती है।
भटकते     आत्मा     का    दिल,
गुजरते राहगीरों का रोंगटा खड़ा कर जाती है।
तन्हा कोई है जिस्म इस मंजिल में,
हवाओं में भी अपना वजूद महसूस कराती है।
यारों तुम मत  गुजरना  इसके  करीब से कभी,
कोई आत्मा है जो तन  को झकझोर जाती है।

खंडहर      सी     दिखती     मंजिल,
गुजरा  हुआ  कल याद  दिलाती  है।
आरजू है अगर तुझे मिलने की भटकती आत्मा से,
तू  चला  जा   जब  तुझे  बुलाती  है।

ओझल  है  अभी   वह   आंखों   से,
लेकिन जिस्म महसूस कर जाती है।
नर कंकाल सा झूलता दिखता यह महल ,
सभी गुजरते राहगीरों को डराती है।

खंडहर     सी      दिखती     मंजिल,
गुजरा  हुआ   कल याद  दिलाती है।
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
प्रमोद मालाकार की कलम से
07.08.2021...122
""""""""""""""""""""""""""""""",

©pramod malakar #खंडहर सी दिखती मंजिल...122

Diwan G

#FourLinePoetry बंजर जमीं में जैसे फसल नही होती,
खंडहर में कभी चहल-पहल नहीं होती।
गुजरा जमाना दिल में आबाद ऱखना,
यादों बिन दिल में हलचल नही होती।।

©Diwan G #fourlinepoetry 
#माहर_हिंदीशायर 
#हलचल
#खंडहर

NS

Ravi kanojia

#walkingalone

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किसी पुराने खंडहर की तरह
अभी भी खड़ी है तुम्हारी स्मृतियाँ
एक भूली बिसरी याद की तरह
पुराने हो चुके हैं इस किले की
अब एक एक इट दरकने लगी है

एक वक्त के बाद, टूटने लगती हैं
उम्मीदों की नीव, कमजोर पड़ता है
विश्वास... और धड़ाम की आवाज से
गिर जाता है स्मृतियों का किला
बिल्कुल किसी
पुराने खंडहर की तरह
#कविता #प्रेम #खंडहर #एकांत

©Ravi kanojia #walkingalone
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