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DRx AnKur RaWat
जब कोई व्यक्ति और अंधभक्त किसी कार्यक्रम में पूर्णतः या आंशिक रूप से शामिल हों और उनकी मौजूदगी से कार्य पूर्णत: असफल हो जाये,ऐसे व्यक्ति और अंधभक्तों को पनौती कहा जाता है। ©DRx AnKur RaWat #पनौती #मेंरी_कलम_से #रावत_साहब 😎😂
Sarfaraj idrishi
कोई बताएगा मित्रो ... आखिर माजरा क्या है ये *पनौती* शब्द बहुत ही वायरल हो रहा 🤔 . . ©Sarfaraj idrishi https://nojoto.onelink.me/Wxeg/5621dlxc #पनौती #panouti #panoti #sarfaraj #idrishi M@nsi Bisht Roshni queen शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Pra
अदनासा-
😆😅😂🤣🤪😜व्यंग्यबाण😜🤪🤣😂😅😆 भारत जानना चाहता है ? India Wants To Know ? जनता के बीच पनौती शब्द की चर्चा क्यों है ? Why Is The Word Panouti Discussed Among The Public ? BECAUSE देखों ज़रा देखों जाने ये कैसे हुआ पर कैसे पनौती का उद्धार हो गया क़ानून है अंधश्रद्धा के निर्मूलन का परंतु पनौती अपना काम कर गया जनता जागरूक है ऐसा सोचा था पर पनौती शोर जनता में मच गया जब चुनौती से मुंह मोड़ा जाता है समझो पनौती मन में घर कर गया 😆😅😂🤣😜🤪व्यंग्यबाण😜🤪😅😂🤣😆 ©अदनासा- #हिंदी #व्यंग्य #व्यंग्यबाण #अंधश्रद्धा #पनौती #कानून #जनता #Instagram #Facebook #अदनासा
Vijay Vidrohi
हमें तो पनौती ने हराया ऑस्ट्रेलिया में कहां दम था। जब हम 10 मैच जीत सकते हैं तो 11वां जीतना क्या मुश्किल था। ©Vijay Vidrohi #पनौती
Shree
बना नमक का सौदागर , कभी दिन ढले आता है कभी सारी रात जगाता है, यह नमक का सौदागर, तकिए में मुंह दबा कर सिसक-कर फफक-फफक, ना जात इसकी है कोई, ना जाने जनाना या मर्दाना, ना पर्याय इसका कोई, सीमा के पीछे झूठा महकमा, खंजर धोखे सा जंगी-नुकीला, बरबस आहें जोड़े रखता, कभी आंखों के पीछे बहता, कालकूट से बहुत जहरीला, मन अंतर कर सब खोखला डस लेता कोई बन संपोला, कांटों सा कभी कांपे कण-कण, भालों सा कभी बांटे अंतर्मन। फितरत ऐसी दोहरी इसकी, पनपे पनौती बनकर सबकी, टटोलते जेब को, कभी जमीं को, सहलाते टूटा दिल रफ्ता रफ्ता! हां दबे पांव आता है ये "____'' और भीषण तबाही पिरो जाता!! #कौन ? बना नमक का सौदागर , कभी दिन ढले आता है कभी सारी रात जगाता है, यह नमक का सौदागर,
Dr Upama Singh
विवाह सात फेरे और सिंदूर दान कहानी विवाह एक बहुत सुंदर सामाजिक बंधन है। भारतीय समाज के विवाह का एक अपना ही रौनक होता है। बचपन में हम यही समझते थे कि सब परिवार, रिश्तेदार, मोहल्ले वाले, जान पहचान वालों और बैंड बाजा बारात के उपस्थिति में विवाह होता है। लेकिन हमें उस समय ये नहीं मालूम था कि सात फेरे हम हो गए तेरे और सिंदूर लगा देना और दो लोगों का एक साथ रहना ही मुख्य विवाह कहलाता है। बाकी तो सामाजिक रीति रिवाज हैं। मेरी आज़ की कहानी कुछ इसी तथ्य पर आधारित है। अनुशीर्षक में://👇👇 बात कुछ पुरानी नब्बे के दशक की है, जब टीवी पर हम इतवार को रंगोली और महाभारत देखने का इंतजार करते थे, मेरे मोहल्ले में बलिया जिला से शर्मा अं