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Mukesh Poonia
नव दीप जले,नव फूल खिले, नित नई बहार मिले, नवरात्रि के इस पावन अवसर पर, आपको मां दुर्गा का आशीर्वाद मिले। जय माता दी! Happy Navratri ©Mukesh Poonia #navratri नव #दीप जले, नव #फूल खिले,नित नई बहार मिले,#नवरात्रि के इस पावन अवसर पर,आपको #मां #दुर्गा का #आशीर्वाद मिले।जय माता दी! Happy Navr
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
लूट लिए हमको सजन., तेरे ये दो नैन । आता अब पल भर नहीं , सुनो जिया को चैन ।। देखो जब भी हम मिले , किए बात दो नैन । मन ये प्यासा रह गया , बीत गई फिर रैन ।। रूप मोहिनी देखकर , ठहर गये दो नैन । लब बेचारे मौन थे , कह न सके दो बैन ।। जिनकी सुन तारीफ में , निकल न पाये बैन । कजरारे वह नैन अब , लूट रहें हैं चैन ।। इतना तो अब ध्यान रख , भोर नही ये रैन । झूठ बोलते आप हैं , बोल रहे दो नैन ।। अमृत कलश पिला दिए , तेरे ये दो नैन । झूम-रहा हूँ देख लो , पीकर अब दिन रैन ।। लाकर होठों पर हँसी , पीर छुपाये कौन । दो नैना यह देखकर , रह न सकेंगे मौन ।। दो नैना जो चार हो, खिले अधर मुस्कान धीरे-धीरे हो गया , देख हृदय का दान ।। ०४/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लूट लिए हमको सजन., तेरे ये दो नैन । आता अब पल भर नहीं , सुनो जिया को चैन ।। देखो जब भी हम मिले , किए बात दो नैन । मन ये प्यासा रह गया ,
sameer Kumar
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Village Life ग़ज़ल :- रखेगा याद हर कोई शहादत का महीना है । अदब से पेश आ इंसा इबादत का महीना है ।।१ नसीहत दे गये हमको वतन पे देख लो मिटकर । चलूँ अब चाल मैं उनकी की चाहत का महीना है ।।२ चुनावी हो रहे दंगल गली घर में लगे पर्चे । करो मतदान तुम बस अब सियासत का महीना है ।।३ लड़ेगी आँख तेरी भी किसी दिन तो हसीनों से । जिगर तू थाम लेना बस मुहब्बत का महीना है ।।४ अभी आयी जवानी है सँभलकर तुम जरा चलना । कदम बलखा न जाये अब नज़ाकत का महीना है ।।५ खिले जो फूल गुलशन में उन्हें कच्ची कली मानों भँवर को भी बता दो अब हिफ़ाज़त का महीना है ।।६ प्रखर से सीख लो कुछ इल्म झूठी इन रिवायतों के । बता देगा तुम्हें वो भी तिज़ारत का महीना है ।।७ २८/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- रखेगा याद हर कोई शहादत का महीना है । अदब से पेश आ इंसा इबादत का महीना है ।।१ नसीहत दे गये हमको वतन पे देख लो मिटकर । चलूँ अब चाल मैं
Sarvesh Kumar Maurya
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी:- प्रेम के ही फूल खिले , आओ आप हम मिले , देख फिर तो होली में , प्रीत ही गुलाल है । भूल नहीं आप जाना, कहीं भी हो चले आना, कौन जाने किसका ये , आखिरी ही साल है । पिछली बार होली का , मेरे ही हमजोली का , देख यह पास मेरे , आज भी रुमाल है । स्वप्नों में आयेगा वह , दूर न जायेगा वह , प्रीत में आज भी वह , करता कमाल है ।। २५/०३/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी:- प्रेम के ही फूल खिले , आओ आप हम मिले , देख फिर तो होली में , प्रीत ही गुलाल है । भूल नहीं आप जाना, कहीं भी हो चले आना, कौन
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
हीर छन्द आप मिले, फूल खिले, देख रहे नैन है । पास रहो, बात करो , आज बड़ा चैन है ।। आप बनें ,साथ रहे , आप ही करार हो । आप बिना , नींद कहा , मेरे सरकार हो ।। रंग उड़े, फाग चले , झूम रहा आज है । संग रहूँ , प्रेम करूँ, दिल पे तो राज है ।। प्यास बुझे , आस जगे, दिल में मधुमास हो । देख पिया , आज जिया , छूता आकाश हो ।। १३/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR हीर छन्द आप मिले, फूल खिले, देख रहे नैन है । पास रहो, बात करो , आज बड़ा चैन है ।। आप बनें ,साथ रहे , आप ही करार हो ।
HintsOfHeart.
Shashi Bhushan Mishra
गर्जनाएँ हो रही आकाश में, सृजन का आवेग है मधुमास में, फूल कलियों में रवानी आ चुकी, ख़ुशी की अनुगूंज है उल्लास में, पंक से निकले खिले पंकज बने, प्रेरणा का श्रोत है उपहास में, दानवीरों की कहानी है अमर, नाम उनका दर्ज है इतिहास में, समय का उपयोग कर संदल हुए, बेवज़ह उलझे नहीं बकवास में, नियति निर्धारित करे जब लक्ष्य को, स्वयं बढ़ चलते हैं पग उजास में, तार दिल से जुड़े हों जब प्रेम का, चाहता रखना हृदय फिर पास में, दीप घट में जले 'गुंजन' ज्ञान का, प्राप्त होती है ख़ुशी हर श्वास में, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #खिले पंकज बने#
Devesh Dixit
हँसी (दोहे) हँसी खिले मुख पर तभी, जीवन हो आसान कहते हैं सज्जन सभी, बात यही तू मान।। आनंदित माहौल हो, मिलती खुशी अपार। ईश्वर ने हमको दिया, ये अद्भुत उपहार।। चिंता हो मन में अगर, हँसी न आती मान। मुख पर संकट है दिखे, बेचैनी भी जान।। दुविधा चिंतन की मिटे, जीवन तब साकार। हँसी पुनः फिर आ सके, हो तब बेड़ापार।। हँसी हँसी में कह रहे, अपने मन की बात। फूलों की बरसात या, विष रूपी आघात।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #हँसी #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi हँसी (दोहे) हँसी खिले मुख पर तभी, जीवन हो आसान कहते हैं सज्जन सभी, बात यही तू मान।। आनंदित म