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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी किया हुआ मेरे सपनों का छल किसने कर दिया युवा देश था गर्दिशों में धकेल दिया स्वाभिमान की बाते और वायदे करके रोजगार और व्यापार पर कैसा प्रहार किया हर घर और देश का भविष्य इन सियासतों और नेताओं ने बंटा ढहार किया इनके मायाजालो ने सबका जीना बेहाल किया प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Hopeless युवा देश था गर्दिशों में धकेल दिया #nojotohindi
Divyanshu Pathak
तुम इंसान के रूप में औरत मैं इंसान के रुप में मर्द । इंसान लफ़्ज़ एक है लेकिन इसे कई अर्थ मिले । मेरे तेरे जिस्म की पहचान के लिए तुम महबूबा हो पत्नी हो दासी हो बेटी हो वेश्या हो। तुम्हें जिस नज़र से देखा दिखी पर मुझे किस नज़रिये से जाना मैं महबूब हूँ, पति हूँ, पिता हूँ, बेटा हूँ या यूं कहूँ आवारा, अय्याश, बेग़ैरत हूँ । तुम्हें लगता है में हमेशा से ऐसा हूँ ! एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते कराते आज हम कहाँ पहुँच गए पता है? समलैंगिकता ,एकांकी,लिवइन, बिना ज़िम्मेदारी के सबकुछ पाने की दौड़ में जानता हूँ तेरा जिस्म नुचा है और मेरी आत्मा । तुम एक राज़ हो ,मैं एक क़तरा तुम्हें समझना होगा और मुझे जज़्ब करना होगा । कभी तो ख़त्म करना होगा ये द्वंद प्रतिस्पर्धा को छोड़ अनुस्पर्धा का अनुसरण भी तो हो सकता है। क्या हम एक दूसरे के पूरक बनेंगे अपनी सदियों पुरानी विरासत की तरह । शिव है तो शक्ति है । शक्ति है तो शिव का वजूद है। #deepali suyal #इंसान #compare d suyal जब आपकी रचना ने दिल झकझोर दिया वहुत सोचा और तो कुछ नहीं समझ आया पर मुझे लगा हमारी जीवनशैली जो कि भार
Vaghela Jateen
મન ની મુંઝવણો મનમાં જ ઉકેલવી છે એ બધી પસ્તાવાની લાગણી એમ જ ધકેલવી છે વળેલી બધી ગડીઓ સમજણની હવે સકેલવી છે કરી આત્મમંથન ખુદનું હવે ખુદને જ ઉકેલવું છે સુપ્રભાત!! आत्मनिरीक्षण। मन के भ्रम केवल मन में समाधान करना पश्चाताप की वही भावना धकेल दिया जाता है अब सभी तह को समझें
Rajeshwar Singh Raju
" चुप " मैं चुप था रहूंगा भी , पर अपने आप से कहूंगा भी ।
Vandana
घर की दहलीज में वो बैठी है,, अरमान सजाय,,, सजी संवरी सी बांट लगाएं,,, फूलों सी सुकुमारी वो नैनो में काजल लगाए,, पैरों को मोड़कर जमीं में रंग बिरंगे,, रंगों से ख्वाबों की रंगोली बनाएं,,,, घर की दहलीज में वो बैठी है,, अरमान सजाये,,, सजी संवरी सी बांट लगाएं,,, फूलों सी सुकुमारी वो नैनो में काजल लगाए,, पैरों को मोड़कर जमीं में "र
Bhupendra Rawat
कहना है कुछ लोगों का कमजोर होती है स्त्रियां क्योंकि,धकेल दिया जाता है शुरू से उसे उस गर्त में जहां पहले से ही बेचारी समझकर समझा दिया जाता है, पाठ ज़िंदगी का तुम्हारी जगह है घर के भीतर की चारदीवारी। कर दी जाती है सीमित उसकी आकांक्षाएं। उन्हीं आकांक्षाओ ने उसे सीखा दिया जीना पिंजरे में। अब उस स्वर्ण जैसे पिंजरे में उसे देनी पड़ती है आहुति अपने सपनों की पराया धन समझकर नम आंखों के साथ कर दी जाती है विदा अपनी इच्छाओं की तिलांजलि दे, पुनः सजाती है, एक ख़्वाब,फूटते हुए अंकुर में समाहित है,दफन हुए ख्वाबों के सच होने की ख्वाईश। पार्ट -1 भूपेंद्र रॉवत 10।01।2021 ©Bhupendra Rawat कहना है कुछ लोगों का कमजोर होती है स्त्रियां क्योंकि,धकेल दिया जाता है शुरू से उसे उस गर्त में जहां पहले से ही बेचारी समझकर समझा दिया
Shivangi
बाजारू औरत बोल कर तुम अपना मुंह मोड़ लेते हो.. और एक रोज तुम ही इस बाजार को रोशन कर देते हो भूख मिटाने के लिए किसी से भी संबंध जोड़ लेते हो.. रात भर साथ रहते हो और सुबह रिश्ता तोड़ लेते हो।। देशभर में हर रोज लड़कियों को अगवाकर, नौकरी की लालच देकर या हीरोइन बनाने की लालच देकर के उन्हें देह व्यापार में जबरदस्ती धकेल दिया जाता है। य
Er.Shivampandit
मैं ज़िंदगी हूँ.... लिख सकते हो तो लिखो मेरी कहानी पर नहीं लिख पाओगे क्योंकि मैं जिंदगी हूँ जिसे परिभाषित न कर पाया कोई यद्यपि जीते हैं सब सह सकते हो तो सहकर देखो मेरी तरह लेकिन सह न पाओगे मेरी तरह अत्याचार और पीड़ा हाँ, मैंने देखा है प्यार तो तिरस्कार भी देखा है तुमने चाँद पर बैठा दिया मुझे तो पाताल से भी नीचे नरक में धकेल दिया फिर भी जब-जब देखती हूँ तुम्हें जरूरत है मेरी चली आती हूँ कई रूप धरकर तुम्हारे पास क्योंकि! हां मैं जिंदगी हूं. ..!! #मैं_ज़िंदगी_हूँ.... लिख सकते हो तो लिखो मेरी कहानी पर नहीं लिख पाओगे क्योंकि मैं जिंदगी हूँ जिसे परिभाषित न कर पाया कोई यद्यपि जीते हैं स
kunwar KhuShwant🇮🇳
#womensday अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की सभी को बहुत बहुत सुभकामनाये । इस दिन महिलाओं के विशेष कार्यो के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है । म
😍Deepmu_deepmu😍
........,.. #deepmu वो दौर भी मैंने महसूस किया है जब हर रोज मेरे लिए कर्फ्यू होता था , रात गुजरती तो दिन की परवाह शुरू होती थी , सर्द रातें मां की गर्