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Îndiãn Rãvi
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Nisheeth pandey
गाँव का धर्मपरिवर्तन ********************* शहर बना मैं गाँव को उजाड़ , मैं शहरी लाले लाल। दीवानी मैं चकाचौंध की,तु कीचड़ की धूल।। जैसी रखते सोच हम, वैसी ऊंची बोल। हम पालते रंगा सियार भी ,पहने कोई खोल।। हम देते फैशन को जादुई मुकाम, ऊँची ऊँची इमारत छूता आसमान। सोहरतवाजी में सभी को नचाते, गॉव का काट रहें हैं मान सम्मान कान।। मेरे पास जो है बनाते उसे शिक्षित बहुरिया, यकीनन करती खूब कमाल। गाँव को टाटा बाये - बाए बोलते, करते धर्म परिवर्तन गाँवों की ,अन्तः होते शहर में तब्दील ।। #निशीथ ©Nisheeth pandey #merasheher शहर बना मैं गाँव को उजाड़ , मैं शहरी लाले लाल। दीवानी मैं चकाचौंध की,तु कीचड़ की धूल।। जैसी रखते सोच हम, वैसी ऊंची बोल। हम पा
Devesh Dixit
महँगाई की मार (दोहे) महँगाई की मार से, हाल हुआ बेहाल। खर्चों के लाले पड़े, बिगड़ गये सुर ताल।। बीच वर्ग के हैं पिसे, देख हुए नाकाम। अब सोचें वह क्या करें, बढ़ा सकें कुछ काम।। फिर भी हैं कुछ घुट रहे, मिला न जिनको काम। महँगाई के दर्द में, जीना हुआ हराम।। चिंतित सब परिवार हैं, दें किसको अब दोष। महँगाई ऐसी बढ़ी, थमें नहीं अब रोष।। विद्यालय व्यवसाय हैं, दिखते हैं सब ओर। शुल्क मांँगते हैं बहुत, पाप करें ये घोर।। मुश्किल से शिक्षा मिले, कहते सभी सुजान। महँगाई की मार है, यही बड़ा व्यवधान।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #महँगाई_की_मार #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi महँगाई की मार (दोहे) महँगाई की मार से, हाल हुआ बेहाल। खर्चों के लाले पड़े, बिगड़ गये
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
ग़ज़ल सुनो बपौती के बंटवारे में अब भी लाले पड़े है, हमारे हिस्सो के अभी भी ताले पड़े हैं//१ कहां से लाएंगे वो दयानतदारी की जुबाने, मुंह में बददयांति के अभी भी छाले पड़े हैं//२ कतआ रहमी जो की है,मुझसे,अबतक, सुनो दुनिया वालो दिल उनके अभी भी काले पड़े हैं//३ बुरा क्या जो मिल जाए हमको बपौती,हम भी बाप का पट्टा गले में अभी भी डाले पड़े हैं//४ कोई मेरे हक की बात करता नही है झुंढो में मेरे़ हक को खाने वाले अभी भी पडे है//५ बहुत तुर्श होता है,ये बंटवारे़ का किस्सा,कि सभी दमनकारी एक ही पाले में अभी भी पड़े हैं//६ हमको बुलाकर किसी भी *हीला से, नोट बटोरने वाले साले अभी भी पड़े है//७ हमको ना अब फरेबी बहाने दिखाओ ,शमा की चश्म में जाले अभी नही पडे हैं//८ ©shama writes Bebaak #FindingOneselfसुनो*बपौती के बंटवारे में अब भी लाले पड़े है,हमारे हिस्सो के अभी भी ताले पड़े हैं//१*बाप की संपति कहां से लाएंगे वो*दयानतदार
Devesh Dixit
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर