Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सृजनात्मक Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सृजनात्मक from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सृजनात्मक.

    LatestPopularVideo

Parasram Arora

सृजनात्मक्ता #कविता

read more

Insprational Qoute

यह हमारे अजीज अनुभव की दास्तां हैं ।कोई समझता ही नही😢😢😢 #काश #MyThoughts #इनायत #सृजनात्मकता

read more
काश! हमे भी कोई समझ पाए ,
Plzzz किसी की ईश्वर की इनायत को न मिटाए। यह हमारे अजीज अनुभव की दास्तां हैं ।कोई समझता ही नही😢😢😢

#काश
 #mythoughts #इनायत #सृजनात्मकता

Bharat Kumar

राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्श सत्य, शिव और सुन्दर से प्रेरित है। ••• भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी सृजनात्मक शक्ति का संचार किया है

read more

Parul Sharma

 #nojotohindi#nojoto#nojotoquotes#nojotoofficial
#सृजनात्मकता #संरक्षण #पृथ्वी #प्रदूषण #प्रकृति #poem #poetry #earth #pollution #nature #sav

Mukesh Bansode

अप्रतिम, मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि मेरा यह संस्मरण इतना मधुर, कर्णप्रिय तथा सृजनात्मक विविधता व कल्पनाशीलता लिये एक सुंदर वीडियो के रू #Life

read more

Sunita D Prasad

#अनवरत बारिशें, हमें कभी पूरा सूखने नहीं देतीं..! धरा, रखती है हममें सदा कुछ हरा..!! पहाड़, बनाए रखता है #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo

read more

बारिशें, हमें कभी पूरा 
सूखने नहीं देतीं..!
धरा, रखती है हममें
सदा कुछ हरा..!!

पहाड़, बनाए रखता है
थोड़ी-सी दृढ़ता..!
जंगल, बनाए रखते हैं
विविधता में समरसता..!!

वायु, बनाए रखती है हमें
अवसादों में भी हल्का..!
मृदा, बनाए रखती है
हममें सृजनात्मकता..!!

जिसने बिठा लिया
प्रकृति से सामंजस्य..!
उसने जीवंत रहने के लिए 
बचा लीं संभावनाएँ ..!!

आखिरकार..
प्रकृति ही तो
अनंत संभावनाओं का 
अनवरत स्रोत है.....!! #अनवरत

बारिशें, हमें कभी पूरा 
सूखने नहीं देतीं..!
धरा, रखती है हममें
सदा कुछ हरा..!!

पहाड़, बनाए रखता है

Anil Ray

💗💗 "बेटी बेटों से कम नही" 💗💗 यूं मत देखों! अनिल मुझको तुम मेरे किरदार और कहानी की लेखक खुद हूँ.. जब चाहे विषय बदल लिया जाये अमिट स्याही की #girl #daughter #responsibility #कविता #character #equality #beti #nojotohindipoetry #Anil_Kalam #Anil_Ray

read more

Parul Sharma

भीड़  
भीड़ जब किसी विन्यास में व्यवस्थित हो जाती हैं 
तो एक श्रृंखला बन जाती है।
श्रृंखला आकृति की 
श्रृंखला शब्दों की 
श्रृंखला रिश्तों की 
श्रृंखला आंदोलनों की 
जो दिशात्मक है, सृजनात्मक है।
पर इसके लिए एकीकृत होना होगा 
किसी निमित्त के निबद्ध होना होगा 
इसका मतलब ये नहीं कि तुम परतंत्र हो गये
या फिर भीड़ में खो गये।
भीड़ में खो जाने से भयभीत न हो!
क्यूँ कि रह किसी का 
अपना- अपना व्यक्तित्व है अस्तित्व है ।
इसलिए हरेक खुद में पृथक है और सशक्त है ।
तो भीड़ का हिस्सा बनो, खुद व्यवस्थित हो इसे व्यवस्थित करो।
पारुल शर्मा #भीड़ जब किसी #विन्यास में व्यवस्थित हो जाती हैं 
तो एक #श्रृंखला बन जाती है।
श्रृंखला #आकृति की 
श्रृंखला #शब्दों की 
श्रृंखला रिश्तों की

पण्डित राहुल पाण्डेय

*समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं वह तो अमूल्य है। हमारे पूरे जीवन भर की कमाई भी समय के एक क्षण को नहीं खरीद पायेगी फिर समय का दुरुपयोग किसलिए #विचार #Advance

read more
*समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं वह तो अमूल्य है। हमारे पूरे जीवन भर की कमाई भी समय के एक क्षण को नहीं खरीद पायेगी फिर समय का दुरुपयोग किसलिए है ?* 

           *व्यस्तता हो अवश्य मगर वह सृजनात्मक, जनात्मक कार्यों में हो, रचनात्मक कार्यों में हो तभी समय का सदुपयोग समझा जायेगा। समय किसी के साथ नहीं चलता। हमें ही इसके साथ चलना पड़ेगा और एक बात समय किसी के लिए रुकता भी नही।*

           *अत:समय अमूल्य है हर क्षण घट रहा है, यह आज है कल नहीं, अभी है फिर नहीं। इसलिए समय के महत्व को विशेष रूप से समझा जाये और अपने जीवन को अच्छे कार्यों में, श्रेष्ठ कार्यों में लगाया जाये।*

*महादेव*

©पण्डित राहुल  पाण्डेय *समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं वह तो अमूल्य है। हमारे पूरे जीवन भर की कमाई भी समय के एक क्षण को नहीं खरीद पायेगी फिर समय का दुरुपयोग किसलिए

Anil Ray

🌺💗🌺 बेटी का बयान 🌺💗🌺 तुम संस्कारी बनो पराये घर है जाना फिर इस घर में आखिर क्यों हूँ मैं?? भगवान भी आना चाहे, धरा पर यदि अवतार भगवान का भी #girl #daughter #Ladki #relations #कविता #hindipoetry #Khushi #beti #nonotohindi #Anil_Kalam #Anil_Ray

read more
बहुत अजीब रस्में-रिवाज दुनिया के 
दहलीज़ विदा बेटी अब मेहमान थी।
परायों के संग, निभ पाने का था भय
सुनहरे सुखद स्वप्न-मंद मुस्कान थी।
निहारकर निजबेटी को वह बेटी अब
सृजन-पालन से पाक अवतार में थी।
महाविद्यालयगमन शिक्षाहितार्थ बेटी
घर-आँगन अजनबी रिश्तें-कतार थी।
कमबख्त! पुनः आगमन, वही रस्म है
विदा करना था जो दिल का तार थी।
मंगलगीत संग, स्वागत को चली अब
बरसों बाद देखकर भैया से हँसी थी।
अदा! करने रस्मों को, आयी दहलीज़ 
स्वजनों से उसके चेहरे पर खुशी थी।

©Anil Ray 🌺💗🌺 बेटी का बयान 🌺💗🌺

तुम संस्कारी बनो पराये घर है जाना
फिर इस घर में आखिर क्यों हूँ मैं??

भगवान भी आना चाहे, धरा पर यदि
अवतार भगवान का भी
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile