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HINDI SAHITYA SAGAR
"सोंचकर बोलना उनकी आदत न थी, बाअदब बोलना ज़ेहनी-चाहत न थी, बोलना-तोलना, तोलकर बोलना, शहर के उनकी रश्म-ओ-रवायत न थी।" ©HINDI SAHITYA SAGAR "सोंचकर बोलना उनकी आदत न थी, बाअदब बोलना ज़ेहनी-चाहत न थी, बोलना-तोलना, तोलकर बोलना, शहर के उनकी रश्म-ओ-रवायत न थी।"
HINDI SAHITYA SAGAR
"सोंचकर बोलना उनकी आदत न थी, बाअदब बोलना ज़ेहनी-चाहत न थी, बोलना-तोलना, तोलकर बोलना, शहर के उनकी रश्म-ओ-रवायत न थी।" ©HINDI SAHITYA SAGAR "सोंचकर बोलना उनकी आदत न थी, बाअदब बोलना ज़ेहनी-चाहत न थी, बोलना-तोलना, तोलकर बोलना, शहर के उनकी रश्म-ओ-रवायत न थी।"
Shree
कुछ शब्द जोड़े हैं... अनुशीर्षक— % & गुलाब का रूआब *********** होता तो है रूआब हर गुलाब का, अतरंगी बेबाक रंग ले शबाब का! सच ही तो है। ऐसे ही थोड़ी ना कोई गुलाब किसी की किस्मत म
Satish Chandra
उस तरफ ले चली जिंदगी मुझे जिस तरफ तेरा अक्स भी न रहा, यकीन न हुआ तब, ऐसा हुआ मुझे कि ख़्वाबों को ही हकीकत़ समझता रहा, उन तन्हाईयों को भी बाअदब़ समेटे अपनी बांहों में जिंदगी में उसकी अदायगी का मंथन, मैं करता रहा, कुछ ऐसा सा था उसकी नज़र का नजारा जिसके साये को हर पल महसूस मैं करता रहा, आती है वो आज भी ख़्वाबों में अपनी मोहब्बत़ लिए और मैं अपनी सांसों में उसको हर पल जीता रहा ।। "और मैं अपनी सांसों में उसको हर पल जीता रहा" ❤️ #YQdidi #YQbaba #SattyLove
Savita Jha
सफ़र की थी सफ़र में रही, इस बात पर दूर, हर ज़फ़र हो गया । सफ़र की मग़र एक बात अच्छी रही, कल तक जो बेअदब-सा था, आज बाअदब हमसफ़र हो गया । ज़फ़र - victory सफ़र की थी सफ़र में रही, इस बात पर दूर, हर ज़फ़र हो गया । सफ़र की मग़र एक बात अच्छी रही,
savita Jha
सफ़र की थी सफ़र में रही, इस बात पर दूर, हर ज़फ़र हो गया । सफ़र की मग़र एक बात अच्छी रही, कल तक जो बेअदब-सा था, आज बाअदब हमसफ़र हो गया । ज़फ़र - victory सफ़र की थी सफ़र में रही, इस बात पर दूर, हर ज़फ़र हो गया । सफ़र की मग़र एक बात अच्छी रही,
Divyanshu Pathak
तेरी मोहब्बत का समंदर मैंने डूबकर देखा है मैंने इस घोर मझधार को भी चूमकर देखा है ! कोशिश की है छूने की इसका आखरी किनारा चाहतों के भंवर में बड़े जोर से कूदकर देखा है ! 🤓 वक्त के साथ उठती लहरों को जी भर कर मैंने साहिल के आगोश में बाअदब झूमते देखा है जो इश्क़ में होकर फ़ना जीने की बात करते थे उन पतंगों को शम्मा
Divyanshu Pathak
ऋतु बसंती को तन पे लपेटे हुए गोरे गालों को तुमने गुलाबी किया महकी महकी फिजाओं में तू रम गई आचमन बाग ने जैसे तेरा किया मैं भृमर बन के गुन्जन मचाने लगा दिल की धड़कन में सावन समेटे हुए ! 🍧🍨☕☕☕😊😂😂🍨💕😃💗👴😊😊😊💓💓😃💗💗💗 इश्क़ की चादरें ओढ़कर सो गए तेरे ख़्वावों खयालों में खो गए जबसे नज़रों ने मेरी जो तुमको छुआ तुम तो राधा लगीं मुझे बाअदब म
तुषार"आदित्य"
ज़िन्दगी में सबकी आया,परेशानी का सबब। कोई बदतमीज़ हो गया, कोई हुआ बाअदब। ज़िन्दगी में सबकी आया,परेशानी का सबब। कोई बदतमीज़ हो गया, कोई हुआ बाअदब। #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqhindi #yqquotes #yqurdu #yqlife
Prakhar Kushwaha 'Dear'
कभी शिगूफ़ा कभी अजायब रहा, यूँ ज़ीस्त का मेरा ग़म साहब रहा। तूने नफ़रत से नश्तर चुभोगा मुझे, सो लुत्फ़-ए-चुभन भी गायब रहा। ख़ुदा से ज़ियादा था चाहा जिसे, वो मोहब्बत रही न मेरा रब रहा। पारो की हर शय घुँघरू तले, देवा कोई फ़िर नया दब रहा। जानी गली जब दीवाने की उसने, बेअदबी भरा फ़िर बाअदब रहा। ख़ुदाया 'डिअर' तेरे रहते मिटा, हमदम मेरा तू बता कब रहा। शिगूफ़ा - मज़ाक की बात, अजायब - आश्चर्य, ज़ीस्त - जिंदगी नश्तर - छुरी, बाअदब - तमीज़दार, सभ्य #dearsdare #gazal #ghazal #yqdidi #yqgazal #love