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samandar Speaks
Beautiful Moon Night मेरी नींद को थपकियों से सहलाने आए, ये झोके उसकी याद दिलाने आए मेरे सपने परेशान कहीं दूर जा बैठे कुछ एहसास उसके फिर मेरे सिरहाने आए जब भी वीरान रातों में सिसकियां रोई कुछ अश्क मुझे फिर से नहलाने आए छत पे यादें उसके प्यार कि दौड़ती रही शब भर सुबह भौंरे बहार के मुझे बुलाने आये शब भर आंचल को थामकर खेलता रहा जैसे कि बचपन के सारे यार छुपने छुपाने आए मेरी नींद को थपकियों से सहलाने आए, ये झोके उसकी याद दिलाने आए राजीव ©samandar Speaks #beautifulmoon Internet Jockey Samima Khatun Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Radhey Ray
samandar Speaks
White मीरे वजूद कि पाकीजगी से नावाकिफ है ,आजमाने वाले शायद आतिफ ए हस्ती से नावाकिफ हैं ज़माने दिखाने वाले अफसाने अपने हीं घरोंदों के रुहानियt कि करते हैं और फिर चांद पे थूकते हैं बेहिसाब ये ज़माने वाले अख़बार कि कहानी को सबकी हलक में डालकर अंजुमन को करते हैं शर्मसार ये ज़माने वाले हुनर बस इतना के, हर बात में धुएं को रखकर खुद कि रौशनी को मिटाते हैं हर बार ये जमाने वाले आकिबत का खौफ भी अब जमीर तलक नहीं हैं खुदी के चस्म से अहजान ए वफा का नक्श मिटाते ज़माने वाले यकीन इतना के सांसों पे भी पहरे बिठा दें और दावे करते शबाब कि हर रोज ये ज़माने वाले ©samandar Speaks #SAD Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Samima Khatun Internet Jockey Radhey Ray
samandar Speaks
Village Life मेरे घर कि दीवारों पर तन्हाइयां हैं जिगर में हो मगर वीरानियां हैं उसी चौखट पे बैठूं,सबको निहारूं जहां तेरी रूहानी , परछाइयां हैं तुम्ही से दूर होकर,दिल को मनाना दिलों कि तो यहीं गुस्ताखियां हैं न आओगी ,लौट कर के तुम मां बयां करती तुम्हारी, निशानियां हैं नही कहता आने को दिल ये तुम्हारा मुझे हीं क्यों भला बेचैनियाँ हैं वहीं पर बैठ कर अब भी शामें गुजारूं जहां तेरी सदाकत हैं, रुहानियां हैं राजीव ©samandar Speaks #villagelife ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री) Satyaprem Upadhyay Mukesh Poonia Samima Khatun Khushi Tiwari
samandar Speaks
लोग, सफर,हालात, वक्त,खूब आजमाएंगे हथौड़े तोड़ने कि बस दास्तां सुनाएंगे पत्थर टूट कर इमारती पहचान बनता है सारे फलसफे ताबूत के किस्से सुनाएंगे ये दुनिया हर दम लगा, बेदम बनाएगी बढ़ते कदम को,जलजले,क्या रोक पाएंगे सदा लड़ता है इक तिनका भंवर की आजमाइश में समर में जूझकर तिनके तूफ़ान को तोड़ पाएंगे न कभी लौटना मुमकिन,महज दुनिया कि बातों से यहां बनके फरिश्ते लोग भी कांटे बिछाएंगे पीछे नहीं होंगे यहां,नस्तर के सौदागर जहां कि बात से रुके, तो मंजिल ख़ाक पायेंगे राजीव ©samandar Speaks #raindrops Mukesh Poonia Samima Khatun Satyaprem Upadhyay Khushi Tiwari Internet Jockey
samandar Speaks
उसके गुस्से में निरीह सिर झुकाए हम कितने अच्छे लगते थे उसकी हथेलियों पे गिरते हुए नम आंसू कितने अच्छे लगते थे उसकी उंगलियों के पोर पर रुखड़े तरकारी काटने के निशान और हाथो में झाड़ू लिए वो हाथ सच में कितने अच्छे लगते थे मेले की उमंग ,सुत्ती सारी के पल्लू में बंधे सिक्को कि जिद्द उसके हाथ से निकले वो सिक्के कितने अच्छे लगते थे वो सिक्के ले यारो संग दुनिया खरीदना फिर उससे पिटना वो दर्द भी अच्छा,उसकी मार से छिपते हुए कितने अच्छे लगते थे : उसकी मुस्कान की दमक से मेरे हाथ खुलते थे उसकी आंखो कि साए में गुजरते पल कितने अच्छे लगते थे राजीव ©samandar Speaks #Preying Mukesh Poonia Khushi Tiwari Harish Labana Internet Jockey Samima Khatun
samandar Speaks
ये जो नफ़रत में तकल्लूफ कि दुहाई हुई है इसमें खुदगर्जी कि मुहब्बत सी दिखाई दी है ये जो..........।।।।। वो जो कहते थे सरे राह फिज़ा- ए -हिना सजाएंगे उनकी नजरों ने इज्तिराबियत बसाई हुई है ये जो..........।।।।। कल भी लूटी थी,अब भी लुटती,फिज़ा की महक इब्रतों में इब्तिलाइयत बेखौफ सी दिखाई हुई है ये जो..........।।।।। इंतिहा हो गई यारों यहां उकूबतों कि इन चरागों से हवाओं कि हैवानियत घबराई हुई है राजीव इज्तिराब -अशांति इब्तिला -दुर्भाग्य उकूबत -अत्याचार ©samandar Speaks #ArabianNight Internet Jockey Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Khushi Tiwari Samima Khatun
samandar Speaks
कभी फिर बाद में समझूंगा तुझको अभी खुद को जरा पहचान लूं मै यहां साया तलक अपना नही है ये दुनिया मेरी है' कैसे मान लूं मैं जवाब मुझको मेरे वक्त से चाहिए फिर तुझसे क्या कोई जवाब लूं मैं नफरती सियासत में,परेशान मुरव्वत कैसे पुरशुकून खुद को मान लूं मैं भीड़ आएगी तो अपने भी आयेंगे बे हालात किसे पहचान लूं मैं राजीव ©samandar Speaks #sunlight Satyaprem Upadhyay Samima Khatun Mukesh Poonia Radhey Ray Internet Jockey
Khushi Tiwari
वो लड़की कभी मेरी दोस्त हुआ करती थी उसके साथ मेरी दो-चार बात हुआ करती थी, रहती थी अन्जान वो मेरे दिल के एहसासो से दिल ने हि दस्तक दी उसके दिल के दरवाजो पे! वक्त गुजरता गया,दोस्ती गहरा होता गया उसको देख देख के दिल भी खौफज़दा हुआ, वक्त कुछ ऐसा आया दिल-ही-दिल मे सवाल उठा उसके बदलते रंगो को देख,मेरा दिल हि बदहाल हुआ! जो मेरी पसंद का परवाह किया करती थी आज वो मेरी नापसंद को पसंद बनाये बैठी है, शायद वो मेरी दोस्ती के शैलाब मे डूबी ही नही उफ!! ये मेरी दोस्ती एकतरफा ही चलती रही! ©Khushi Tiwari #Friend samandar Speaks Samima Khatun
samandar Speaks
दिखता तो सबकुछ है पर किसी को बताते नहीं हैं तुम्हारी तरह दुनिया को बेवजह आजमाते नहीं हैं किस्मत कि नदी दोनो तरफ से गुजरती है ये मालूम है बिला बात आसमान को सर पर उठाते नहीं हैं फर्क तो बहुत पड़ता हैं जमाने कि अदावतों का सबको समझा नहीसकते,तो समझाते नहीं हैं मेरा वजूद नहीं बना जवाब देने कि खातिर शायद इसलिए हीं वजूद को झुकाते नहीं हैं कभी चरागो को भी सूरज का मुकाम मिलेगा ये फरेब है और फरेब को दिल लगाते नही हैं हर चालाकियों में वफा कत्ल ए दीद होती है हरदम ऐसे बियाबां में सपने कोई दिखाते नही हैं दिखता तो सबकुछ है पर किसी को बताते नहीं हैं तुम्हारी तरह दुनिया को बेवजह आजमाते नहीं हैं राजीव ©samandar Speaks #hillroad Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia Samima Khatun Khushi Tiwari
samandar Speaks
हिलाल-अहमर या सुर्खी माइल वक्त-ए-अजल तक नज़र ना जाए नज़र-ए-सानी की है ख्याली काज़ा-ए-उल्फत कहां छुपाए बेखौफ सी फैली ये जो खुश्बू जमीं को शबनम भर ये जगाए अभी गिरी ये शाखों से शबनम के जैसे आंसू नज़र में आए अस्ल-ए-फसाना हवा है कहती आब-ए-तल्ख हो के गुनगुनाए हिलाल-अहमर या सुर्खी माइल वक्त-ए-अजल तक नज़र ना जाए राजीव ©samandar Speaks #seashore Mukesh Poonia Radhey Ray Khushi Tiwari Samima Khatun मनीष शर्मा