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Raj Yaduvanshi
Anil Ray
प्लेटफार्म-सा स्थिर रहा शरीर.. और कमबख़्त! जिंदगी है जो.. हमें जी कर आगे निकल गयी.. सफ़र में अकेला छोड़कर....!! ©Anil Ray 🌺दर्दे-गमों में भी मुस्कुराओं यारों🌺 हर दर्दे-गमों में भी मुस्कुराओं यारों! दर्दे-दिल में चाहे जितने भी घाव है। मुस्कुराती है जिंदगी, अभाव
Anil Ray
अम्बेडकर सपना जब साकार हुआ महान देश यह भारत गणतंत्र बना। हर पल सींचा हैं शहीदो ने वतन को जिससे यें प्यारा भारत स्वतंत्र बना। पंथनिरपेक्षता, एकता व अखण्डता भातृत्व एवं प्रेम ही राष्ट्र का आधार। मानवता सर्वोच्च जातिधर्म बंधन से प्राण से अधिक तिरंगे से हमें प्यार। कहीं उच्च पर्वत कहीं समतल मैदान पग-पग रंग बिखराती भाषा अनेक। गुलिस्तां-सा सजे यें हिंदुस्तान हमारा आवाज़ दो साथ में हम सभी है एक। समतामूलक समाज की स्थापना हो! स्त्रीत्व-पुरूषार्थ की निर्झर सद्भावना हमारे सभी हमवतनों को राष्ट्रीय-पर्व इस स्वतंत्रतादिवस की शुभकामना। 🇮🇳 जय भारत - विजयी भारत 🇮🇳 ©Anil Ray अम्बेडकर सपना जब साकार हुआ महान देश यह भारत गणतंत्र बना। हर पल सींचा हैं शहीदो ने वतन को जिससे यें प्यारा भारत स्वतंत्र बना। पंथनिरपेक्षता,
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
Devesh Dixit
धड़कन (दोहे) प्रियसी तेरे रूप को, देख हुआ मदहोश। तू जब आए सामने, हो धड़कन में जोश।। तेरी भी धड़कन बढ़ें, आकर मेरे पास। हो बेकाबू तू रही, है मुझसे पर आस।। बाहों में तुझको लिया, धड़कन पकड़े जोर। कहती है सद्भावना, मन का नाचे मोर।। पल होता ये खुशनुमा, जब तू देती साथ। धड़कन ही सिमटी रहे, चूमूँ तेरा माथ।। लिया हाथ को हाथ में, ऊपर मेरा हाथ। धड़कन भी अब सम हुई, पूरा तेरा साथ।। सोचा ये सब ख्वाब में, कैसे करूँ बखान। धड़कन के टुकड़े हुए, सिमट गये अरमान।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #धड़कन #दोहे #nojotohindipoetry धड़कन (दोहे) प्रियसी तेरे रूप को, देख हुआ मदहोश। तू जब आए सामने, हो धड़कन में जोश।। तेरी भी धड़कन बढ़ें, आकर
Devesh Dixit
एकता (दोहे) ध्यान एकता का रहे, समझो हिन्दुस्तान। बिखर एकता जो गई, टूटोगे तब जान।। असर एकता का दिखा, हुआ हिंद आजाद। अब क्यों फिर से लड़ मरे, क्यों करते बर्बाद।। क्यों बढ़ते हो तुम अभी, जंजीरों की ओर। खोते तुम क्यों एकता, क्यों पकड़े वो डोर।। मिल जुलकर तुम जो रहो, रहता सुखी समाज। दुश्मन भी तुमसे डरे, ऐसा हो अब काज।। हम भारत के हैं सभी, अपनी ये पहचान। जो घूरेगा हिंद को, लेंगे उसकी जान।। होगा ये संभव तभी, होंगे जब हम एक। ईश्वर भी तब साथ दें, जुड़ कर रहें अनेक।। कहती है सद्भावना, ये है अपना देश। जैसी जिसकी कामना, वैसा ही परिवेश।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #एकता #दोहे #nojotohindi एकता (दोहे) ध्यान एकता का रहे, समझो हिन्दुस्तान। बिखर एकता जो गई, टूटोगे तब जान।। असर एकता का दिखा, हुआ हिंद आजा
Pramod Kumar
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 हमें द्वेषी नहीं , प्रेमी बनना चाहिए दूसरों के प्रति दुर्भावना या घृणा लेकर नहीं सद्भाव एवं स्नेह लेकर जीवन व्यतीत करना चाहिए । हमारा सुख , और कल्याण इसी में है !.i. j ©Motivational indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 हमें द्वेषी नहीं , प्रेमी बनना चाहिए दूसरों के प्रति दुर्भावना या घृणा लेकर नहीं सद्भाव एवं स्नेह लेकर जीवन व्यतीत करना चाहिए