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N S Yadav GoldMine

#traintrack जो नरश्रेष्ठ अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे वे ही ये युद्ध में मार डाले गये हैं पढ़िए महाभारत !! 📒📒 महाभार #पौराणिककथा

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N S Yadav GoldMine

#yogaday जो नरश्रेष्ठ भगवान श्री कृष्ण अपने शस्त्र के वेग से देवताओं को भी नष्ट कर सकते थे, पढ़िए महाभारत !! 📒📒 महाभारत: स्‍त्री पर्व पन्चर #पौराणिककथा

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sana naaz

#Problems RUPENDRA SAHU "रूप" Taj Uddin Yogita Agarwal Aj Stories Sk Manjur Mukesh shakya Mukesh shakya mmm k singh N.B.S , liker boy Afsa #मराठीशायरी

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Kamaal Husain

अखिल विश्व का अद्भुत गौरव, जन मानस की शान है। चतुर्पटल अवांछित करता, हिमगिरि का अभिमान है। दक्षिण हिन्द भी नतमस्तक हो, करता स्नेह प्रणाम

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देश  मेरा  बाकी  देशों  से   लगता   मुझे  महान 
इसीलिए हम  देश के  खातिर  दे सकते हैं जान 
Read in caption अखिल विश्व का अद्भुत गौरव,
जन मानस की शान है।

चतुर्पटल अवांछित करता,
हिमगिरि का अभिमान है।
 
दक्षिण हिन्द भी नतमस्तक हो,
करता स्नेह प्रणाम

Dharmendra Gopatwar

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lalitha sai

😀😀😀 हां वो मैं ही हूं.... मुझे बचपन से.. मेरा नाम मुझे पसंद नहीं है.. सब लोग मेरा नाम को.. बिच में कट देते है.. मेरे पाठशाला दोस्त तो.. मुझे

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हां..वो मैं ही हूं..
हर पल.. हर लम्हें में..
सिर्फ आपको महसूस.. करके..
आपके यादों में बस जाती हूं..
हां.. वो मैं ही हूं..
आपके शुभचिंतक बनके..
आपको हर कदम में..
रक्षा करती हूं..
हां वो मैं ही हूं..❤️❤️

     😀😀😀
हां वो मैं ही हूं....
मुझे बचपन से.. मेरा नाम मुझे पसंद नहीं है..
सब लोग मेरा नाम को..
बिच में कट देते है..
मेरे पाठशाला दोस्त तो..
मुझे

gaurav

शुभ संध्या मित्रहो आताचा विषय आहे वॉलपेपर कोट... #वॉलपेपरकोट१७ चला तर मग लिहूया. #Collab #yqtaai #स्वरचितकाव्य लिहीत राहा. #YourQuoteAndMine

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डोई तुळशी ध्वज पताका,वैष्णव गजर मुखा..
 गळा तुळसी माळा, भजन दंगा ..
पांडुरंग नामे गाईन मी, चालत येईन पंढरी....
वारी आषाढिची,माळ गळा तुळसी.
सुख दुःख या जन्मी ना ऊरे, आसमंतात पांडुरंग भरे....
 ऊतरे विठु वैष्वात वारकरी, वाट दावी ध्वज पंढरी....
शरीर जाहले तुझे पांडुरंग उच्चारे, नाचेन पंच पाऊले.
गजर जाहला गजर जाहला दंग विठुराया दरबारी.....
शोभुन दिसे आसमंती वारकरी ...
रत्नजडी ना पुरे या वारकरी, वेड लागले जीवा जाईन वारी.
 तुळस वृंदा नाचवी जणु रुक्मिणी आई..
  अमुतापरी दिसे पितांबर विणेकरी....
उचंबली मन लागता गोडी, हुरहुरला जीव कधी जाईन वाळवंटि..
 भेटिसी स्व आले नामा-तुकाई रथ डोलतो परीसा परी......
धोतर पान पोषाक वेगळा, लहान वारकरी विठ्ठल ऊभा पाठीवरी.
ना अमृत गोड चवसी, तुझ्या विठुमाई ,उभा दिवे घाटी सावली तुझी.
  रिंगण तुझ्या नामाची , आनंदी मन डोळा पाणी.
देखीण डोळा तुला पुढ्यात उभा तु जवळी रुख्माबाई....
बुक्का भाळी तुझिया नामाचा, गाईला सोहळा अंतरीचा.
ढुंडाळीयेली दुनिया सारी ना असा कुठे सोहळा....
नामाचा गजर ऐकुनी कळस बोलला.
  ऊभा विटेवरी कर कमरी, फुगडी रंगली तुझ्या नावाची.
आई माझी शोभुन दिसते रुक्मिणी वारकरी मला वाटले विठ्ठल माऊली.
ना रूतला पायात काटा , आली भेटी चंद्रभागा..
 वारकरऱ्या शी माझ्या चमड्याची वाहन .
  ना पांग तरीही फिटणार..
तुम्हीच मला विठ्ठल रुक्मिणीआई...
माझा माथा तुमच्या चरणाशी. शुभ संध्या मित्रहो
आताचा विषय आहे
वॉलपेपर कोट...
#वॉलपेपरकोट१७

चला तर मग लिहूया.
#collab #yqtaai #स्वरचितकाव्य 
लिहीत राहा.

Divyanshu Pathak

:💕👨 Good morning ji ☕☕☕☕🍨🍧🍧☕😊🍉🍉🍉🐒🍫🍫🍫🙏🍎🍎🍎🍉🍉🍇🍸 : आज धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में राजनीति का प्रवेश बढऩे लगा है। हम देख चुके हैं कि ‘जीवन विज

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आज परिवर्तन की गति बढ़ गई है।
कम्प्यूटर आगे निकल गया
मानव पीछे रह गया ।
अत: हम सब टीवी फोन, इंटरनेट से बंध गए।
छूट पाने की शक्ति कम पड़ गई।
धर्म को घुटने टेकते देखा जा सकता है।
हर परिवार में सब-कुछ बदल गया।
शर्म के मारे हमने मुखौटे लगाने शुरू कर दिए।
हमने सत्य को छोड़ दिया, अपरिग्रह को भूल गए
अहिंसा की अवधारणा को ही नहीं जानते।
बच्चों को हिंसा के उदाहरण देकर
अहिंसा सिखा रहे हैं।  :💕👨
Good morning ji
☕☕☕☕🍨🍧🍧☕😊🍉🍉🍉🐒🍫🍫🍫🙏🍎🍎🍎🍉🍉🍇🍸
:
आज धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में राजनीति का प्रवेश बढऩे लगा है। हम देख चुके हैं कि ‘जीवन विज

Brijendra Dubey 'Bawra,

है प्रलय मेरे वक्ष में बहुत दिनों से पल रहा इसीलिये तो शान्त मैं पल प्रतिपल रहा आगाज़ तो अगाध हो महा शुभा आरम्भ हो विकास हो या विनाश हो जो भ #Popular #Hindi #Dark #poem #हिंदी #कविता #nojotohindi #bawraspoetry

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है प्रलय मेरे वक्ष में बहुत दिनों से पल रहा
इसीलिये तो शान्त मैं पल प्रतिपल रहा

आगाज़ तो अगाध हो महा शुभा आरम्भ हो
विकास हो या विनाश हो जो भी प्रचण्ड हो

बूँद बूँद रक्त का अमर इतिहास लिख उठे
है शौर्य का आकाश क्या ये बाहु में ही दिख उठे

वार से प्रहार से सब विघ्न खण्ड खण्ड हो
विकराल महाशत्रु से रण महा प्रचण्ड हो

 सिर्फ एक गर्जना से मार्ग सब प्रशस्त हों
या तो अवरोध ध्वस्त हों या स्वयं को ध्वस्त हो

ना सिर्फ विजय की लालसा ना हार का  ही भय हो
अमरत्व आत्म बोध युक्त तुम महा अभेय हो

उठो कर्म के युद्ध को प्रमाद के विरुद्ध को
विशुद्ध शुद्ध रक्त दो चेतना के प्रबुद्ध को

या दैव का लेख हो या विधि का विधान हो
जो टालने से ना टले ऐसा ही संविधान हो

तो भी समर के लिये सिर्फ तुम्हीं उपर्युक्त हो
झाँक कर तो देख लो तुम सर्व गुणों से युक्त हो

©Brijendra Dubey 'Bawra, है प्रलय मेरे वक्ष में बहुत दिनों से पल रहा
इसीलिये तो शान्त मैं पल प्रतिपल रहा

आगाज़ तो अगाध हो महा शुभा आरम्भ हो
विकास हो या विनाश हो जो भ

Naresh Chandra

कारे बदरा गहराय रहे फिर कारी बदरिया छाय रही बरखा रानी निकरौ घर से प्यासी धरती अकुलाय रही। पपिहा भी शोर मचाय रहा दादुर भी टेर लगाय रहा जन ज #कविता #banjar

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कारे बदरा गहराय रहे
फिर कारी बदरिया छाय रही 
बरखा रानी निकरौ घर से
प्यासी धरती अकुलाय रही।
पपिहा भी शोर मचाय रहा
दादुर भी टेर लगाय रहा 
जन जीवन अब घबरा करके 
दैव दैव की रट लगाय रहा।

©Naresh Chandra कारे बदरा गहराय रहे
फिर कारी बदरिया छाय रही 
बरखा रानी निकरौ घर से
प्यासी धरती अकुलाय रही।
पपिहा भी शोर मचाय रहा
दादुर भी टेर लगाय रहा 
जन ज
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