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Ek villain
यदि आचरण में धर्म नहीं है तो वह मनुष्य पशु तुल्य है शास्त्रों के अनुसार सदाचार सबसे बड़ा धर्म है यही दीर्घ जीवन और स्वार्थ सिद्ध का साधन है अतः सभी को सदाचारी बनाकर मानव जीवन को सार्थक करना चाहिए ©Ek villain #WinterEve सभी को सदाचारी बनकर मानव जीवन को सार्थक करना चाहिए
Vivek bihari Mishra
Pnkj Dixit
🚩🌄 सूरत सीरत एक - सी,जग में देती मान। सदाचारी पाय सदा, यहाँ देव-सा स्थान।। ०९/११/२०२२ 🌷👰💓💝 ...✍️कमल शर्मा'बेधड़क' ©Pnkj Dixit 🚩🌄 सूरत सीरत एक - सी,जग में देती मान। सदाचारी पाय सदा, यहाँ देव-सा स्थान।। ०९/११/२०२२ 🌷👰💓💝 ...✍️कमल शर्मा'बेधड़क' #सुबह #विचार #Nojoto #no
Rahul Raj Patel
अब बहुत हुआ चलो अब कोई और राह चुन लेते है मै कुछ बोलता भी नही लोग फिर भी सुन लेते है। ©Rahul kumar #Doobey अब बहुत हुआ चलो अब कोई और राह चुन लेते है मै कुछ बोलता भी नही लोग फिर भी सुन लेते है सबने बदल डाली अपनी जिंदगी की राहें चलो हम
Poonam Suyal
सदाचार (अनुशीर्षक में पढ़ें) सदाचार मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र है सदाचार, ये सदा रहता है उसके साथ नहीं देता कभी ये उसको धोखा, थामे रखता है आजीवन उसका हाथ एक सदाचारी व
Rakesh frnds4ever
विश्व की श्रेष्ठतम भाषा जिसमें विचारों की अभिव्यक्ति व सृजनशीलता सहज,स्वाभाविक एवम् स्पष्ट है ऐसी भाषा जो विकारों एवम व्याधियों को दूर करती है जिसके उच्चारण मात्र से रोगों से मुक्ति मिलती है ऐसी भाषा जो आपको सभ्य, संस्कारी ओर सदाचारी इंसान बनाती है जो आपकी संस्कृति सभ्यता का मूल है,, जो की विश्व की इंसान को जानवर बनाने वाली पाश्चात्य रद्दी भाषा अंग्रेजी की तरह चोरी की नहीं है,,... हिंदी है हम वतन हैं,,.... ©Rakesh frnds4ever #Hindidiwas #विश्वहिंदीदिवस #विश्व की श्रेष्ठतम #भाषा जिसमें विचारों की अभिव्यक्ति व #सृजनशीलता सहज,स्वाभाविक एवम् स्पष्ट है ऐसी भाषा
पण्डित राहुल पाण्डेय
*🌹🌹आज का चिंतन🌹🌹* *अच्छे कार्य करनें से ही व्यक्ति महान बनता हैं। विचारात्मक प्रवृत्ति रचनात्मक जरूर होनी चाहिए। जिस दिन शुभ विचार सृजन का रूप ले लेते हैं उस दिन परमात्मा भी प्रसन्न होकर नृत्य करनें लगते हैं।* *कुछ ऐसा करों कि समाज की उन्नति हो। समाज स्वस्थ, सदाचारी बनकर उन्नति के मार्ग पर चलें जिससे सबका भला हो। वेद यहीं तो कहतें हैं, जब हर प्रकार से आप अपना कल्याण कर लें तब धन के, भोग के पीछे मत भागना।* *मैंने दुनिया से बहुत लिया अब देने की बारी हैं। अब लेने के लिए नहीं देने के लिए जीना। मत भूलों ये जीवन अस्थायी हैं। इसलिए जीवन के प्रत्येक क्षण का सम्मान करों।* *मृत्यु आ जाएंगी तो कुछ भी ना रहेंगा। ना यह शरीर, ना इच्छाएं, ना कल्पनाएँ , ना धन। हर चीज़ तुम्हारे साथ यहीं समाप्त हो जाएंगी। इसलिए केवल स्वयं के लिए नहीं अपितु सृष्टि के लिए जीना सीखो।* *महादेव* ©पण्डित राहुल पाण्डेय *🌹🌹आज का चिंतन🌹🌹* *अच्छे कार्य करनें से ही व्यक्ति महान बनता हैं। विचारात्मक प्रवृत्ति रचनात्मक जरूर होनी चाहिए। जिस दिन शुभ विचार सृजन का
कवि राहुल पाल 🔵
रिश्तों में दरार आज रिश्तों में दरार जैसे कोई क़रार हो , भावनाओं का हाट में लगा व्यापार हो.. , प्रेम तो मूक भाषा,अब ये समझता है कौन , जैसे पुष्पों की सैय्या पर बिछा अंगार हो !१! आज गुमनो के महल में लिप्त तक़रार है , महोब्बत में भी महबूब का झूठा इक़रार है, कैसे यकीं करे आज लोगो की खुद्दारी पर , जब ख़ुद अपनो के हाथों में छुपी कटार है !२! ईर्ष्या,द्वेष,घृणा,कुढ़न का व्यापक भंडार है, मैं अस्तित्व के स्थायित्व होड़ में संस्कार है , शब्द सुमन का सत्कार अब करता है कौन , सिर्फ कवियों के पन्नो में श्रृंगार का विहार है !३! जहाँ माँ-बाप की ममता "राहुल" लाचार है , ये मानव नही वरन मानवता का तिरस्कार है , जब सदाचारी ही बन बैठा हो व्यभिचारी तो , सत्य ये की मानव पतन का प्रथम दावेदार है!४! #rishte आज रिश्तों में दरार जैसे कोई क़रार हो , भावनाओं का हाट में लगा व्यापार हो.. , प्रेम तो मूक भाषा,अब ये समझता है कौन , जैसे पुष्प
Divyanshu Pathak
जैसी संगत में गए बैसी बन गई मति। तैसी पंगत बन गयी तैसी हुई गति ।। पीढ़ी परिवार और उम्र की समानता समान परिवेश में पलने पर भी संगति से प्रभावि
DR. SANJU TRIPATHI
समान व्यवहार एक जैसे संस्कार समान पीढ़ी और समान है परिवार तो एक करे सदाचार दूजा दुराचार ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब तक बच्चे छोटे होते हैं म