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Abhishek Trehan
उसने कहा क्या हाल जी मैं थोड़ा खुश, थोड़ा उदास भी थोड़े है यहाँ जो जी रहे थोड़े है जिंदा लाश भी उसने कहा क्या हाल जी मैं अहेरी हूं, मैं शिकार भी सब गोल-गोल यहाँ घूम रहे पूछो नया सवाल जी उसने कहा क्या हाल जी मैं, बीत गया ये साल भी पूछा, क्या नया हुआ मैं, नया रोग है, नया इलाज भी उसने कहा क्या हाल जी मैं नभ हूँ, मैं पाताल भी वो कौन है जो मुझमें रह रहा मेरा दोस्त है, मेरा काल भी... © trehan abhishek #yqdidi #yqbaba #restzone #aestheticthoughts #manawoawaratha #कोराकागज़
Abhishek Trehan
पड़ा जो तेरे प्रेम में फिर चढ़ा न कोई रंग मेरा मुझमें कुछ ना रहा सबकुछ छोड़ चला मैं तेरे संग तन-मन में वो ऐसे बस गया जैसे कस्तूरी में बसे सुगंध मुझसे वो ऐसे जुड़ गया जैसे डोरी संग उड़े पतंग मुरली की धुन ऐसी बजी जैसे जल में उठे तरंग एक कान्हा को छोड़के दूजा राधा को नहीं पसंद वो संग मेरे ऐसे बह रहा जैसे मछली बहे पानी के संग संग उसके हर रंग रंगीन है बिन उसके हर है रंग बेरंग... © abhishek trehan #कान्हाकाजन्मोत्सव #kkc676 #कोराकागज़ #radhakrishnalove #yqdidi #yqaestheticthoughts #yqrestzone #manawoawaratha
Sita Prasad
हलचल कह दूँ तुम्हे जो मन में है आज, या गुमसुम रहूँ निशात में राहों की तरह, कर लूं इज़हार ख्वाबे इश्क का सनम आज, कुबूल कर लोगे क्या बिछड़े पंछी के जोड़े की तरह। मन मंदिर में नित बजती हैं घंटियाँ, न मैं जानू नित पर्व क्यों मनाए, क्या तुम्हारे इश्क की हैं ये खूबियाँ, या मौसमे बहार अपना रुतबा मनाए। शायद आशिकी का असर ऐसा होता है, शान्त दिखते हैं जो पहाड़ दूर से, उनमें कई करिश्मों का चलन होता है, हलचल मन में, चेहरे पर नूर होता है।। #कोराकागज़ #कोराकाग़ज़जिजीविषा #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकागज़विशेषप्रतियोगिता
nvn ki dairy
शीर्षक:– (पिता) पिता ईश्वर है,पिता ही स्वर्ग,पिता ही धन और माया पिता बिन नही प्रीत,नही प्रेम, नही छत और छाया। चलते गिरते को हिम्मत देता,देता बिन पंखों से उड़ान विपत्ति में साथ,रहें कंधो पर हाथ,साथ रहे तेरा साया दिल में आगाज़ है,कुछ करने की चाह है,मित्र बनकर आया पिता साथ है,किस बात का घात है,है पिता तो सुंदर काया। बच्चों के लिए रखता आस, न दिन देखा न देखी रात करता उनकी हर जिद्द पूरी,न उनका कभी दिल दुखाया। बुढ़ापे में बनो पिता का सहार,जिसने तुम्हें चला सिखाया जिसने की पिता की सेवा,उसने समझों मोक्ष है पाया। पिता का दर्जा सबसे ऊपर,यह विश्व लोक की छाया काशी,मथुरा,वृंदावन घुमा पर ईश्वर पिता में पाया। #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_3 #kkhbd2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकागज़
Arunima Thakur
पैकर - रूप आफताब ए पैकर की रोशनी में तेरे, हम माहताब सा चमकते हैं #collabwithकोराकाग़ज़ #wordoftheday #urdu #yqbaba #yqdidi #पैकर #कोराकागज़
Arunima Thakur
विसाल-मिलन विसाल- ए- यार की चाह में आज भी बैठे हैं उसी मोड़ पर जहां पर वह गया था हमें छोड़कर #yqbaba #yqdidi #yqurdu #collabwithकोराकाग़ज़ #wordoftheday #विसाल #कोराकागज़ #astheticthoughts
Arunima Thakur
शादमानी = खुशी (happiness) दर-दर भटके बहुत ढूंढा पर ना मिली सच्ची शादमानी तो किसी के आंसू पोछ कर, किसी को मुस्कुराहट बाँटकर मिली #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकागज़ #yqbaba #yqdidi #wordoftheday #शादमानी
Arunima Thakur
कमाल के साहिर हो, ना आंखों में देखा ना लब से कुछ बोले फिर भी दिल हमारा ना रहा AT. Many many happy returns of the day happy birthday...thanks for liking my quotes #hbdat #collabwithकोराकाग़ज़ #उर्दू की पाठशाला #साहिर #wordoftheday #yqbaba #yqdidi
भाग्य श्री बैरागी
भुजंग श्रेष्ठ, सहस्त्र मुखधारी, शेष मखमल शैया, नील ही वर्ण नील नेत्र वाले नारायण जगत खेवैया। शंख चक्र गदा लक्ष्मी और सागरधारी धर्म पारायण, नित ही प्रणाम तुम्हें, अब विष्णु रूप धरो नारायण। सृष्टि संचालक सृष्टि रचयिता हर-हर हरि के साथी हैं, मन का संशय मिटाने को नारायण बनते सारथी हैं राम,कृष्ण विष्णु हैं, सर्व व्याप्त विष्णु ही नारायण, त्राहिमाम् हूॅं जग से, अब विष्णु रूप धरो नारायण। जब प्रहलाद की होलिका में दहन की बारी थी, श्री नारायणा तुम्हारी नरसिंह बनने की तैयारी थी। जग में तमस जो व्याप्त है, उसे करदो सूर्य उत्तरायण, विपदा हर लो मेरी भी, अब विष्णु रूप धरो नारायण। पत्थर में भी प्राण धरो, हे! विष्णु द्रौपदी का वस्त्र हो, निर्वस्त्र की भिक्षा माॅंगो तुम, मातृत्व जैसा अस्त्र हो। तेरी माया का अंत न पाऊॅं,तुम ही तुम हो हरिनारायण, भक्त रूप में अपना लो, अब विष्णु रूप धरो नारायण। भस्मासुर सा असुर बनाते,और भस्म भी तुम करते हो, महादेव के ब्याह में, दोनो पक्ष से ही तो तुम सजते हो। नारद के मुख पर जमे हुए हो कई कालों से नारायण, कलयुग आया चरम पर, अब विष्णु रूप धरो नारायण। Day 14 भुजंग श्रेष्ठ, सहस्त्र मुखधारी, शेष मखमल शैया, नील ही वर्ण नील नेत्र वाले नारायण जगत खेवैया। शंख चक्र गदा लक्ष्मी और सागरधारी धर्म पारायण, नित ही प्रणाम तुम्हें, अब विष्णु रूप धरो नारायण।
भाग्य श्री बैरागी
हम निचली श्रेणी, उच्च श्रेणी निभा रहे हैं, अगली पीढ़ी को फिर गर्त में पहुॅंचा रहे हैं। अरे अछूत है ज़रा उसे अलग से जगह दो, पिछड़ी सोच को अपनी प्रथा बना रहे हैं। हास्य व्यंग्य भी समझा के अस्तित्व खो रहे, लोग दुर्दशा को भी शिद्दत से पाल रहे हैं। अंतर्जातीय विवाह और अछूत होना गुनाह, कार्यों के वर्गीकरण को आदत बना रहे हैं। कब ईश्वर ने कार्य से ज्यादा जाति रखी थी, सारे वर्गीकरण मनुष्य क्यों निभा रहे हैं? रंग रूप ऊॅंच-नीच तेरा मेरा जैसी बीमारी, अपनी संस्कृति को सब दीमक लगा रहे हैं। कब खत्म हो जाएगे भेदभाव और दूरियाँ, ईश्वर अपना लो सबको गुहार लगा रहे हैं। डे 13 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकागज़ #kkhkh2021 #होलीकेहमजोली #होली2021 #विशेषप्रतियोगिता #yqdidi