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सुधा जोशी #रूहानी#

फिऱएहसाससजकरसाँझनोजोटोहिन्दीsudhaspoetry #शायरी

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साँझ फ़िर आयी है सजकर तिरे एहसासों से,,
ये मुस्काती रूहानी साँझ...//
फ़िर फ़िर ये इक बारी मुझे
 तिरे प्रेम धागे से जाती है बांध।। फिऱ#एहसास#सजकर#साँझ#नोजोटोहिन्दी#sudhaspoetry

Aacky Verma

चेहरे पे लाली उसके क्या खूब जचती है लाल साड़ी में वो क्या खूब लगती है और जान मेरी बस निकल ही जाती है जब जब वो सजकर निकलती है www.aackyshaya #Beauty #girl #Jaan #Shayari #Sundar #girlbeauty #aackyshayari #lobeforever

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Richa Sinha

HumBolenge # दहेज एक अभिशाप # बचपन मे माँ को सिंदूर लगाते देख, बेटी ने माँ से ज़िद की,, माँ मुझे भी लगाना है सिंदूर, तब माँ ने कहा, इ

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Sarita Shreyasi

सगे-सहोदर को तज कर, नये संबंधों को अपनाती है, अंक से अपने वंश देकर भी, आंशिक ही अपनायी जाती है। प्रकृति की बनायी प्रतिमा, फिर से तोड़ी और गढ #Her #yqbaba #yqdidi

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सगे-सहोदर को तज कर,
नये संबंधों को अपनाती है,
अंक से अपने वंश देकर भी,
आंशिक ही अपनायी जाती है।
प्रकृति की बनायी प्रतिमा,
फिर से तोड़ी और गढ़ी जाती है,
तस्वीरों में सजकर वह
किसी के साथ ही मढ़ी जाती है।
अपनों और अपनाये हुओं
के बीच अपनी जगह तलाशती,
आदि से अंत तक परायी रह जाती है,
तब जाकर यहाँ औरत पूरी कहलाती है। सगे-सहोदर को तज कर,
नये संबंधों को अपनाती है,
अंक से अपने वंश देकर भी,
आंशिक ही अपनायी जाती है।
प्रकृति की बनायी प्रतिमा,
फिर से तोड़ी और गढ

Raj Verma

A Gazal Written By-Raj Verma©® --------------------------------------------------------- रंजिशें सब भुला दीजिए, खुद को यूं न खफा कीजिये, थो #शायरी

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Mohammad Arif (WordsOfArif)

नफरतों का जमाना है बच के रहा करो बेचैनियां बहुत आला है देख के रहा करो अपनी दरों दीवार से लगाकर तुझे रख्खा है लोगों की नजरें खराब है छुप के #Quotes #Life #Hindi #writer #Shayari #urdu #collob #Arif #Life_experience

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नफरतों का जमाना है बच के रहा करो
बेचैनियां बहुत आला है देख के रहा करो

अपनी दरों दीवार से लगाकर तुझे रख्खा है
लोगों की नजरें खराब है छुप के रहा करो

घर के दरवाजे पर पर्दे सभी लगा लो अपने
लोग यहां वेहसी दरिंदें है संभल के रहा करो

नियत कब खराब हो जाए कौन जानता है
लोगों से कम मिलो तुम सजक के रहा करो

किसको कौन तोहमत लगाएं यहां पर अब
मयार देखो सब कह देते है जान के रहा करो

अपने रुठे को मनाने में जुटे रहते है हर दम
आरिफ सब झूठे मक्कार है बच के रहा करो नफरतों का जमाना है बच के रहा करो
बेचैनियां बहुत आला है देख के रहा करो

अपनी दरों दीवार से लगाकर तुझे रख्खा है
लोगों की नजरें खराब है छुप के

#काव्यार्पण

#tere_sir_pe_saj_ke_sehra तेरे सिर पर सजके सहरा  प्रश्न तुमसे जब करेगा  यूँ  मुझे मस्तक पर रखकर  जा रहे किस ओर तुम हो  #Poetry #Marriage #shadi #Kavyarpan

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Krish Vj

#collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkpc16 #अल्फाज_ए_कृष्णा #yqdidi रामगढ़ के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी रमा एक मेधावी,

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सब बदल गया:_ लघुकथा 

"सब कुछ बदल गया है तेरे जाने के बाद 
मैं तो अब मैं भी ना रही हूँ तेरे जाने के बाद

अपनी हर आरज़ू को मैंने दफन किया 
तेरी जुदाई ने मेरे दिल को यह गम दिया " 
#collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkpc16 #अल्फाज_ए_कृष्णा #yqdidi
रामगढ़ के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी रमा एक मेधावी,

AK__Alfaaz..

"भोज" प्रभात् ने भोज दिया.., ​सुनहरी-पीली किरणों की दाल पकाने को.. ​यह सूरज का पतीला.. ​आसमान के चूल्हे पर कौन चढ़ा गया.. ​ ​बादलों की अंगीठी #yqbaba #yqdidi #bestyqhindiquotes

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प्रभात् ने भोज दिया..,
​सुनहरी-पीली किरणों की दाल पकाने को..
​यह सूरज का पतीला..
​आसमान के चूल्हे पर कौन चढ़ा गया..
​
​बादलों की अंगीठी भी सुलग रही है..
​हंडिया मे रखा सितारों का चावल भी बदकने लगा है..
​धरती की सुवर्ण थाल परोसने के लिए तैयार पड़ी है..
​जाने कौन परदेशी घर लौट के आने वाला है..
​
​नदी मे ये रौशनी,,किसने छिटका दी..
​किसने इसे प्रेम रंग की मधुशाला बना दिया..
​एक घूँट पीकर,,चाँद भी अब तो..
​अलसाकर चाँदनी संग इसमें समा गया..
​
​धरती की ढ्योढ़ी,आँगन-आँगन,क्यारी-क्यारी..
​सजकर सँवरकर तैयार हो गयी..
​हवा ने कानाफूसी की है..
​पंछियों की बारात आने वाली है..
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​आगे क्या है लिखा..
भाग्य के ​कर्मफलों से आज..
​कौन पूछेगा यहाँ..
​​जीवन की किताब में..
​तेरे-मेरे प्रेम ने कुछ शब्द अपनी भावनाओं के अंकित कियें हैं..
​कौन इसे हमारे बाद,,किसको सुनायेगा यहाँ..
​
​प्रीत ने एक धुन बनायी है..
​सुना है जुगनुओं से आज..
​चाँदनी रात में इसे कोई गुनगुनायेगा,,किसी को करके याद..
​
​सपनों की आहें कौन जाने..
​चलूँ आज मैं भी..
​अंतिम श्वाँस निमंत्रण लेके आई है...।। -AK__Alfaaz.. "भोज"
प्रभात् ने भोज दिया..,
​सुनहरी-पीली किरणों की दाल पकाने को..
​यह सूरज का पतीला..
​आसमान के चूल्हे पर कौन चढ़ा गया..
​
​बादलों की अंगीठी

Anupama Jha

देख आते अरुणिमा को चाँदनी,हो रही आतुर छिटकने को रात से, लगती नाराज़ सी वो किसी बात से, कुछ कह रही धरा आओ सुने प्रात से ! #yqdidi #yqhindipoem #yqhindipoetry #yqpoems #yqlongform #yqhindisahitya #yqhindikavita

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शिथिल मौन अब भंगित होगा
कलरवों के नाद से
पादप दल मुस्काएँगे
पुष्पों के,अभिव्यंजित श्रृंगार से,
मकरंदों के लिए
तितलियों के अभिसार से।

(पूरी कविता अनुशीर्षक में)

 देख आते अरुणिमा को
चाँदनी,हो रही आतुर
छिटकने को रात से,
लगती नाराज़ सी
वो किसी बात से,
कुछ कह रही धरा
आओ सुने प्रात से !
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