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poonam atrey
उम्र भर जिनके लिए मरते खपते रहे , आज वही बच्चे अनजान हो गए, रद्दी क़ागज़ सी हो गई माँ बाप की क़ीमत, बच्चे ओहदेदारों में पहचान हो गए, तिनका तिनका जोड़ा था , काया को जीभर तोड़ा था,एक आशियाने के लिए, वक़्त का सितम देखो,उस नीड़ की पहचान थे जो, वही चन्द पल के मेहमान हो गए, जिस क़ागज़ पर पढा था ज़िन्दगी का ककहरा, हर ख़्वाब जिनकी आँखों मे था ठहरा, गूंजा करती थी अमृत वाणी जिनके लफ्जों में, वही उस मन्दिर में बेजुबान हो गए, फेंक दिया एक रोज ज़िन्दगी से निकालकर, रखा था जिन्होंने कभी दिल मे सँभालकर, फेंक दिया माँ बाप को रद्दी समझकर, चन्द सिक्के ही उनके अब भगवान हो गए।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #रद्दी_काग़ज़ #सन्तान #माँ_बाप #पूनमकीकलमसे #नोजोटोशायरी Rama Maheshwari Deep isq Shayri #lover Noor Hindustani वंदना .... AD Grk वंदन
kumaarkikalamse
आज की संतानें देखता हूँ क्या आज ज़माना आ गया है , माँ - बाप का मज़ाक बनाना आ गया है! जो पोछते है बच्चों के आँसू हमेशा हँसकर, उन बच्चों को माँ-बाप को रुलाना आ गया है! माँ की सलाह बनने लगी है घुटन जाने क्यों , हर बात पर ममता को आजमाना आ गया है! सिसकती है अकेले में, पर कुछ कह नहीं पाती, अरमानों को रोंद कर सपनें सजाना आ गया है ! बड़ी हो गयी हैं संतानें जिन्हें माँगा मुरादों से, बिन रिश्तेदारों के अकेले घर चलाना आ गया है। क्यों पढ़े ➡️ आज के दौर में संताने कितनी बदली है उसी का एक चित्रण #cinemagraph #paidstory #kumaarsthought #माँबाप #सन्तान
Krish Vj
मिला देह 'मात-पिता' से नया सवेरा देख पाया गुजरा 'बचपन' मेरा असीम आनंद है मैंने पाया जवानी के अंकुर फूटने लगे विचलित हो आया किशोर मन नादानी हज़ार प्रेम ना समझ पाया कुछ समझा ज़ज्बात को 'निर्वस्त्र' मन को पाया इज्ज़त और ज़ज्बात को खिलौना समझ आया टूटा दिल ❤ ज़िन्दगी की कहानी समझ आया पिता का संघर्ष माँ की ममता मैं याद कर आया यौवनावस्था गुजरी नादानी में, नया पड़ाव आया संघर्ष जीवन का माथे पर अब 'झुर्रियां' ले आया अंतिम पड़ाव ज़िन्दगी का 'बुढ़ापा' सर पर आया अपनी सन्तान से ही अब 'इज्ज़त' खो मैं आया दुख-सुख क्या, क्या अपना और क्या है पराया ईश्वर के चरणों में अब यह जीवन में सौप आया मिला देह 'मात-पिता' से नया सवेरा देख पाया गुजरा 'बचपन' मेरा असीम आनंद है मैंने पाया जवानी के अंकुर फूटने लगे विचलित हो आया किशोर मन
Poonam Suyal
मुझे गर्व है (अनुशीर्षक में पढ़ें)— % & मुझे गर्व है भारतीय संस्कृति एक ऐसी धरोहर है हमें रखना है जिसे संभालकर अपनी आने वाले पीढ़ी को यही देंगे विरासत में हम आगे जाकर विश्व
विष्णुप्रिया
क्या सुख, सुविधाओं से है...??? या सुख की लालसा, सुविधाओं के लिए आकर्षित करती है...??? यदि आप संपन्न है, पर आनंदित नही तो आप भूल वश सुविधाओं को सुख समझ बैठे है । #yqdidi #yqdidihindi #आध्यत्मिक #विष्णुप्रिया मनुष्य सुख की खोज में सारा जीवन भागता रहता हैं, पर क्या कभी ऐसा समय आएगा जब यह दौड़ पूर्ण होगी
DrLal Thadani
कश्मीर है सिरमौर अंग हम भारतवासीयों का सीमा पार फिर क्यों हो रही है नापाक हलचले सी ईश्वर अल्लाह ईसा की जब एक सन्तान हम सब भभकी है आग क्यों बारूद में चिगारी सी डा लाल थदानी #अल्फ़ाज़_दिलसे विजय श्री अवार्ड विजेता 10.09.92 Hello Resties! ❤️ Collab on this #rzpictureprompt and add your thoughts to it! 😊 Highlight and share this beautiful post so no one misse
Jyotish Jha
माँ से शुरू माँ से ही अंत हो, मेरी जिंदिगी का हरएक पल माँ तेरे ही संग हो| #drjyotishwrites #bestmom मैं अब से कई वर्षों से उससे दूर हूं, लेकिन हर पल, हर तकलीफ में, हर अच्छे वक़्त में उसकी स्मरण करता हूँ, और मैं जब
Divyanshu Pathak
"बप्पा-रावल" ( क्रमशः-02 ) जब उस युवा लड़को को नागदा का सामन्त बना दिया गया तो वहाँ के जो पुराने सामन्त थे विद्रोह करने लगे उसी दौरान किसी विदेशी आक्रमण की सूचना मिली अन्य सामन्त इस अवसर का फ़ायदा उठाना चाहते थे नव सीखिए सामन्त को सेनापति बनाकर युद्ध में भेज दिया।मैदान में जाकर नए जोश के साथ सेनापति ने आक्रमणकारियों को खदेड़ दिया और विजय प्राप्त की साथ ही उन विरोधी सामन्तों को भी समझाया तब किसी ने उनको सम्बोधित किया भई- ये है सबका बाप और वही बाप आगे चलकर 'बप्पा' हो गया। ऐसा सुना गया है कि मोहम्मद-बिन-क़ासिम की फ़ौज लेकर यज़ीद ने सिंध प्रदेश को जीत लिया और अपने क्षेत्र को विस्तार देने के लिए उसने चित्तोड़ पर आक्र
Divyanshu Pathak
'राजपूत' ( अतीत के झरोखे से-02 ) अग्नि-पुराण के अनुसार- चन्द्रवंशी कृष्ण और अर्जुन तथा सूर्यवंशी राम और लव-कुश के वंशज राजपूत थे।स्वयं 'राजपूत' भी इस कथन को सहर्ष स्वीकार करते हैं।इसी आधार पर श्री गहलोत ने भी लिखा है कि- "वर्तमान राजपूतों के राजवंश वैदिक और पौराणिक काल के सूर्य व चन्द्रवंशी क्षत्रियों की सन्तान हैं।ये न तो विदेशी हैं और न ही अनार्यों के वंशज।जैसा कि कुछ यूरोपीयन लेखकों ने अनुमान लगाया।डॉ दशरथ शर्मा भी लिखते हैं कि राजपूत सूर्य और चन्द्रवंशी थे। दशवीं शताब्दी में चरणों के साहित्य और इतिहास लेखन में राजपूतों को सूर्यवंशी व चन्द्रवंशी बताया है। 1274 ई. का शिलालेख जो चित्तौड़गढ़, 1285 ई.
Divyanshu Pathak
"राजपूत" ( अतीत के झरोखे से ) 'राजपूत' अश्व और अस्त्र की पूजा करते हैं। मुसलमानों से युद्ध करते समय उन्होंने महाभारत काल के क्षत्रियों के सिद्धांत व नैतिक आचरण अपनाए।वैदिक सभ्यता को बचाने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाते रहे।श्री सी.एम वैद्य व श्री ओझा जी ने राजपूतों को वैदिक आर्यों की सन्तान और भारतीय माना है। 'पृथ्वीराज रासो' में कवि चन्द्रवरदाई ने लिखा है कि विश्वामित्र, गौतम,अगस्त्य तथा अन्य ऋषिगण आबू पर्वत पर एक धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे तो दैत्य आकर उनकी यज्ञ में विघ्न डालने लगे।उन दैत्यों को ख़त्म करने के लिए वशिष्ठ मुनि ने यज्ञ से तीन योद्धा उत्पन्न किये - 1.परमार 2. चालुक्य 3. प्रतिहार। किन्तु जब तीनों का बल कम पड़ा तो चौथा योद्धा 'चौहान' उत्पन्न किया गया तब उसने आशापुरी को अपनी देवी मानकर दैत्यों को मार भगाया। परवर्ती चारण और भाटों ने तो इस उत्पत्ति को सत्य मानकर अपने ग्रंथों में दुहराया है किन्तु इतिहास का कोई भी विद्यार्थी यह मानने को तैयार नहीं