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Devesh Dixit
#दीमक #nojotohindi #Usha bhadula munish writer Puja Udeshi POETICPOOJA Khushi yadav Sandip rohilla
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निर्णय (दोहे) निर्णय लेते आप जो, उस पर करो विचार। गलती से भी बच सको, हो निर्मल व्यवहार।। निर्णय लें जो क्रोध में, उन्हें नहीं अनुमान। कष्ट भोगते हैं वही, जाने सकल जहान।। करते पश्चाताप जब, हो निर्णय का बोध। थमें नहीं आंँसू कभी, जीवन भी अवरोध।। निर्णय लेना हो अगर, कभी न करना क्रोध। सफल रहे वह ही सदा, रहता जिसको बोध।। निर्णय से जीवन बने, सुखद रहे परिणाम। संकट भी सारे टलें, पूरे हों सब काम।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #निर्णय #दोहे #nojotohindi निर्णय निर्णय लेते आप जो, उस पर करो विचार। गलती से भी बच सको, हो निर्मल व्यवहार।। निर्णय लें जो क्रोध में, उन्
#निर्णय #दोहे #nojotohindi निर्णय निर्णय लेते आप जो, उस पर करो विचार। गलती से भी बच सको, हो निर्मल व्यवहार।। निर्णय लें जो क्रोध में, उन् #Poetry #Hariom
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धड़कन (दोहे) प्रियसी तेरे रूप को, देख हुआ मदहोश। तू जब आए सामने, हो धड़कन में जोश।। तेरी भी धड़कन बढ़ें, आकर मेरे पास। हो बेकाबू तू रही, है मुझसे पर आस।। बाहों में तुझको लिया, धड़कन पकड़े जोर। कहती है सद्भावना, मन का नाचे मोर।। पल होता ये खुशनुमा, जब तू देती साथ। धड़कन ही सिमटी रहे, चूमूँ तेरा माथ।। लिया हाथ को हाथ में, ऊपर मेरा हाथ। धड़कन भी अब सम हुई, पूरा तेरा साथ।। सोचा ये सब ख्वाब में, कैसे करूँ बखान। धड़कन के टुकड़े हुए, सिमट गये अरमान।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #धड़कन #दोहे #nojotohindipoetry धड़कन (दोहे) प्रियसी तेरे रूप को, देख हुआ मदहोश। तू जब आए सामने, हो धड़कन में जोश।। तेरी भी धड़कन बढ़ें, आकर
#धड़कन #दोहे #nojotohindipoetry धड़कन (दोहे) प्रियसी तेरे रूप को, देख हुआ मदहोश। तू जब आए सामने, हो धड़कन में जोश।। तेरी भी धड़कन बढ़ें, आकर #Poetry #sandiprohila
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प्रसन्न (दोहे) जब प्रसन्न कोई दिखे, हो मन में उल्लास। ईश्वर का वरदान ये, जो मानव में खास।। मन प्रसन्न जिसका रहे, हो जीवन से आस। मुख पर ही मुस्कान तब, घेरे उसके पास।। जो प्रसन्न रहता सदा, होता भाव-विभोर। मंगलमय जीवन रहे, मन में उठे हिलोर।। प्रसन्नता ही ढाल है, रोके दुख के भाव। जो उससे अब दूर है, मिलते उसको घाव।। जीवन भी मुश्किल बने, रहता वही उदास। मुख फेरे उससे सभी, रहे नहीं तब पास।। ईश्वर के वरदान का, करो नहीं अपमान। रह कर प्रसन्न तुम सदा, बनो सफल इंसान।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #प्रसन्न #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry प्रसन्न जब प्रसन्न कोई दिखे, हो मन में उल्लास। ईश्वर का वरदान ये, जो मानव में खास।। मन प्
#प्रसन्न #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry प्रसन्न जब प्रसन्न कोई दिखे, हो मन में उल्लास। ईश्वर का वरदान ये, जो मानव में खास।। मन प् #Poetry #sandiprohila
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परिहास (दोहे) जो करते परिहास हैं, उनका बढ़ता मान। आस पास सब हों मगन, खुश होते वो जान।। ऐसा क्यों परिहास हो, लगे व्यंग के बाण। हृदय रहे पीड़ित सदा, कष्ट भोगते प्राण।। हास परिहास हो वही, सुखी करे परिवार। आपस में मिल कर सभी, बांँटे सबको प्यार।। कहते हैं सज्जन सभी, ऐसा हो परिहास। चहक उठे तन-मन सभी, हो जीने की आस।। सीमा हो परिहास की, सके न कोई तोड़। मन भी विचलित हो नहीं, दो उसको अब मोड़।। .............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #परिहास #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi परिहास (दोहे) जो करते परिहास हैं, उनका बढ़ता मान। आस पास सब हों मगन, खुश होते वो जान।। ऐसा
#परिहास #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi परिहास (दोहे) जो करते परिहास हैं, उनका बढ़ता मान। आस पास सब हों मगन, खुश होते वो जान।। ऐसा #Poetry #sandiprohila
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शिक्षक ज्ञान का दीपक है, जीवन के लिए वह पीपल है। अगर उनकी मानी तो ठीक, वरना खोयी अपनी कीमत है। कीमत खो कर कहां जाएंगे, जीवन में पीछे ही रह जाएंगे। अगर अभी संभले तो ठीक, वरना अनपढ़ ही रह जाएंगे। अनपढ़ रह कर क्या कर लेंगे, जीवन भर दुख ही झेलेंगे। अगर झेल लिया दुख तो ठीक, वरना तो सर पकड़ते बैठेंगे। सर पकड़ने से कुछ नहीं होता, परिश्रम करता तभी कुछ होता। अगर कुछ सही होता तो ठीक, वरना जीवन का लक्ष्य क्या होता। लक्ष्य ही जीवन का आधार है, उसके बिना तो सब बेकार है। अगर पा लिया लक्ष्य तो ठीक, वरना मिलती सब से दुत्कार है। .............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #शिक्षक_ज्ञान_का_दीपक_है शिक्षक ज्ञान का दीपक है, जीवन के लिए वह पीपल है। अगर उनकी मानी तो ठीक, वरना खोयी अपनी कीमत है। कीमत खो कर कहां जा
#शिक्षक_ज्ञान_का_दीपक_है शिक्षक ज्ञान का दीपक है, जीवन के लिए वह पीपल है। अगर उनकी मानी तो ठीक, वरना खोयी अपनी कीमत है। कीमत खो कर कहां जा #Poetry #R
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तन्हा सफर तन्हा सफर ये कटे कैसे, कोई तो साथी चाहिए। काम बहुत किया है मैंने, अब हमसफ़र चाहिए। जिंदगी के इस पड़ाव में, कोई तो ऐसी चाहिए। जो दुख दर्द मेरे बाँट सके, ऐसी ही राही चाहिए। कुछ पल खुशी के बाँट सकें, एक हमजोली चाहिए। जिंदगी बन गई अब पहेली, सुलझाने वाली चाहिए। तिनका तिनका बिखर रहा हूँ, समेटने वाली चाहिए। जिंदगी को अब संभालूँ कैसे, संभालने वाली चाहिए। तन्हा सफर ये कटे कैसे, कोई तो साथी चाहिए। काम बहुत किया है मैंने, अब हमसफ़र चाहिए। ......................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #तन्हा_सफर #nojotohindi तन्हा सफर तन्हा सफर ये कटे कैसे, कोई तो साथी चाहिए। काम बहुत किया है मैंने, अब हमसफ़र चाहिए।
#तन्हा_सफर #nojotohindi तन्हा सफर तन्हा सफर ये कटे कैसे, कोई तो साथी चाहिए। काम बहुत किया है मैंने, अब हमसफ़र चाहिए। #Poetry #sandiprohila
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कैसी है ये जिंदगी (दोहे) कैसी है ये जिंदगी, नहीं सका पहचान। औरों को मैं देखता, फिर भी हूँ अनजान।। भटक रहा किस राह में, नहीं मुझे संज्ञान। कैसी है ये जिंदगी, समझा दो भगवान।। विपदाओं से घिर रही, दिखे नहीं अब ठौर। कैसी है ये जिंदगी, करे न कोई गौर।। असमंजस में हैं फंँसे, बढ़े नहीं अब हाथ। कैसी है ये जिंदगी, मिले कहाँ अब साथ।। मुख दर्शक बन कर रहें, और दिखें लाचार। कहती है सद्भावना, ये कैसा व्यवहार।। रक्षक ही भक्षक बने, फिर भी हैं नादान। कैसी है ये जिंदगी, खत्म करें ईमान।। पल दो पल का ये सफर, क्यों करता उत्पात। कैसी है ये जिंदगी, समझ न आती बात।। ................................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कैसी_है_ये_ज़िन्दगी #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कैसी है ये जिंदगी कैसी है ये जिंदगी, नहीं सका पहचान। औरों को मैं देखता, फिर भी
#कैसी_है_ये_ज़िन्दगी #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कैसी है ये जिंदगी कैसी है ये जिंदगी, नहीं सका पहचान। औरों को मैं देखता, फिर भी #Poetry #sandiprohila
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सूखा पेड़ सूखा पेड़ देखा मैंने अकड़ से वो खड़ा हुआ है एक भी पत्ता नहीं उसमें अपनी जगह पर अड़ा हुआ है जरा भी नहीं नम्रता उसमें सीना ताने बस खड़ा हुआ है पंथी भी छाया को तरसे पर वो तो बस जमा हुआ है पंछी भी अक्सर भूखे रहते फल न एक भी लगा हुआ है शोक मनाती सूरज की किरणें ये इसको क्या हुआ है कितनी मेहनत करी हमने इस पर कुछ न असर हुआ है हे ईश्वर कैसी विडंबना है ये कैसा इस पर आघात हुआ है सूखा का सूखा ही रहा ये अहंकार से भरा हुआ है झुकना सीखा नहीं इसने अब मिटने को तैयार हुआ है .................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #सूखा_पेड़ #nojotohindi सूखा पेड़ सूखा पेड़ देखा मैंने अकड़ से वो खड़ा हुआ है एक भी पत्ता नहीं उसमें अपनी जगह पर अड़ा हुआ है
#सूखा_पेड़ #nojotohindi सूखा पेड़ सूखा पेड़ देखा मैंने अकड़ से वो खड़ा हुआ है एक भी पत्ता नहीं उसमें अपनी जगह पर अड़ा हुआ है #Knowledge #sandiprohila
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#कलम_एहसास_लिखती_है #nojotohindi कलम एहसास लिखती है कलम है एहसास लिखती है, ये दिल के जज्बात लिखती है। ताकत रखती है ये बहुत बड़ी, सबके ही य #Poetry #sandiprohila
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