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Rakesh Kumar Dogra
Shilpi Singh
हे मनुज मेरे भारत के, तुम किस दिशा में जा रहे हो! कहो क्यों तुम, अपना ध्येय भुला रहे हो!! तिरोहित हो गई वो धरती, जो सृजन सभ्यता की! जिसे युग आधुनिक, तुम बतला रहे हो!! कैसा है ये युग आधुनिक, हताहत सा मन हो रहा है! मात-पिता को तिरस्कृत करते, कुत्तों से दिल लगा रहे हो!! छोटी सी है सोच हो चली, और इससे भी छोटा परिधान! क्या इसे ही तुम, युग संसृष्टि बता रहे हो!! ना भेद रहा अब, ज्ञानी और अज्ञानी का! शोहरत को ही, अनुपम तुम बतला रहे हो!! बदल गया अब अर्थ धर्म का, अब धर्म वही कहलाता है! जहां सफ़ में हिंदू और मुसलमान हो!! -ShilpiS #आधुनिक_युग #diappointed #lost_of_culture Yishu Tiwari Reetika Joshi sheetal pandya मेरे शब्द tushar pandit(तन्हाईयो का बादशाह) Sircastic Sa
Swarima Tewari
मुझे पसंद है (full in caption) मुझे पसंद है अपने बैग में लिपस्टिक रख कर चलना..और पसंद है किसी पुरुष साथी के होने पर भी ख़ुद के द्वारा उठाया हुए सामान..अच्छा लगता है जब चलते
Ravendra
Sarita Shreyasi
कैंसर ने रिटायरमेंट तक की मोहलत नहीं दी । वह सोचते रहे और मौसी पूरी औरत ना हो पाने का दु:ख मन में लिए चुपचाप ही चली गयी। खुद उसे भी कहाँ मालूम था कि उसकी अपनी ही सोच ने उसकी जान ले ली। (Read in caption) और वो गाँव वाली मौसी। मौसी की छाती में बचपन से ही धीमा दर्द रहता था जल्दी थक जाती,दौड़ती तो हाँफने लगती। सबको लगा कुछ खांसी जैसी समस्या होग
Shree
समय और लोग कितना जरूरी होता है समय पर कुछ पाना? क्या सच में हर चीज का एक सही समय होता है? समय से मतलब उम्र का क्यों लगा लिया जाता है? क्या किसी चीज को
Hrishabh Trivedi
🏃🏃सफ़र मायानगरी का 🏃🏃 इसमें मेरे जीवन की एक बेहद अजीब और महत्वपूर्ण घटना लिखी है। और साथ ही ये मेरी पहली शॉर्ट स्टोरी भी है। पूरा पढ़े, तभी मज़ा आएगा। 😊😊अनुशीर्षक में पढ़े😊😊 घटना डेढ़ साल पुरानी है, लेकिन एक - एक पल दिमाग में छपा हुआ है। शुरुआत करते हैं अपने बारे में जरा बताते हुए, उस वक़्त मेरी उम्र लगभग 20 साल
Dr Upama Singh
विवाह सात फेरे और सिंदूर दान कहानी विवाह एक बहुत सुंदर सामाजिक बंधन है। भारतीय समाज के विवाह का एक अपना ही रौनक होता है। बचपन में हम यही समझते थे कि सब परिवार, रिश्तेदार, मोहल्ले वाले, जान पहचान वालों और बैंड बाजा बारात के उपस्थिति में विवाह होता है। लेकिन हमें उस समय ये नहीं मालूम था कि सात फेरे हम हो गए तेरे और सिंदूर लगा देना और दो लोगों का एक साथ रहना ही मुख्य विवाह कहलाता है। बाकी तो सामाजिक रीति रिवाज हैं। मेरी आज़ की कहानी कुछ इसी तथ्य पर आधारित है। अनुशीर्षक में://👇👇 बात कुछ पुरानी नब्बे के दशक की है, जब टीवी पर हम इतवार को रंगोली और महाभारत देखने का इंतजार करते थे, मेरे मोहल्ले में बलिया जिला से शर्मा अं