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Rahulm Mokle
#शृंगार.. तेरे शृंगार का जलवा् कयामत से जियादा है.. कोई तो शाम मोहन वो, बनी जिसकी तू राधा है...!! लटे् उलझी हुयी तेरी, कोई उलझन नहीं लेकीन् कठीन जितना समझते हो. प्यार उतना ही साधा है...!! बता दो राज वो गहेरा, दिल में कब तक छुपाती हो. कभी गुलाब, कभी गजरा् कत्ल का क्या् इरादा है..!! लुटा दूं शृंगार पर तेरे, मैं,जमीं,आस्मां,तारे.. खुली जो नींद से पलके, टुटेगा मै वो वादा हूं..!! @राहुल मोकळे,औरंगाबाद्. ©Rahulm Mokle #tootadil
Kunal Salve
सांग ना कशी दिसते मी आज ? प्रश्नानं तिच्या हातात मला पेन डायरी घ्यायला लावली अरे थांब थांब बोलत ती मग , आरशा समोर शृंगारात व्यस्त झाली ! PC: GOOGLE #डायरी #माझी #शृंगार #तिचा
Sangeeta Patidar
'ख़ामोशी- एक आवाज़' ख़ामोशी बोलती है, सुन-समझने वाला कोई नहीं, तन्हाई देने वाले बहुत उसे बाँटने वाला कोई नहीं। 'कोई बात नहीं' में भी कुछ बात सही, बात तो है, भूले बैठे दुनिया हमें जहाँ कहने वाला कोई नहीं। सब-कुछ से कुछ-कुछ कर कोई जा रहा दिल से, वारा सब फिर भी हार के जीतने वाला कोई नहीं। दर्द देने के बाद, सुकून से गुज़ारे ज़िन्दगी अपनी, पिए दर्द के घूँट हमारे ग़म लूटने वाला कोई नहीं। वजह तो सिर्फ एक ही है, ख़ुशी मिलती रहे 'धुन', कर ले कितना भी शृंगार, लुभने वाला कोई नहीं। Rest Zone 'ख़ामोशी- एक आवाज़' #restzone #rztask41 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat # ख़ामोशीएकआवाज़ #rzmph #rzmph196 #शृंगार
Anamika Nautiyal
बूढ़ी कविता... थोड़ा लिख कर फिर डब्बे में बंद कर किसी कोठरी में रख दी जाती है कविता जैसे ब्याह में पहनी हुई साड़ी। उसे बंधन पसंद नहीं वो अकुलाती है वो तो स्वतंत्रता चाहती है
NEERAJ SIINGH
तो अब क्या करें शाहब चलो लेने चलें भिंडी 🏃🏃🏃🏃🏃 #बिंदी #शृंगार #कविता #अंत #लिखना #YourQuoteAndMine Collaborating with Anuup Kamal Agrawal #neerajwrites
Ashish Deshmukh
शृंगार तेरी दो आखें बेहद सुंदर है यारा... उनमे कभी मैंने तराजू नहीं देखा... तुम्हारी जुबां मिठी भी है कडवी भी... पर कभी नोकीला लफ्ज नहीं सुना... तेरा यह शृंगार भी गजब का है यारा... दिल करूणामय मुख शालिन रखा है... तुम्हारा चेहरा भी बेहद खुबसूरत है... हलकी सी मुस्कां बहाव रोक रखी है... तू एक दरीया सा है जो सागर से मिला... पर अपने मिठास का हिसाब ना रखा... मुझे ले चल, तुझ संग बहना चाहता हू... घुलकर तुझमें मैं ना मैं रहना चाहता हूं... ©Ashish Deshmukh #शृंगार #कविता #poem #Dil #mohabbat #Love #Shayar #Pyar #Heart #OneSeason
Hariom Shrivastava
#शृंगार छंद# शीर्षक - "मित्र" •••••••••••••••••••••••••••••• 1- कर्ण था दुर्योधन का मित्र। यही है उसका श्रेष्ठ चरित्र।। बड़ा उद्भट योद्धा था कर्ण। सालता था जिसको निज वर्ण।। 2- कर्ण सा होगा कभी न मित्र। वीर दानी था बड़ा विचित्र।। मित्रता का था जो पर्याय। सभी की ऐसी ही है राय।। 3- कर्ण से वीर हुए अति अल्प। लिया था जिसने दृढ़ संकल्प।। दिया था गुरु ने उसको शाप। छिपाया वर्ण यही था पाप।। 4- कर्ण था परसराम का शिष्य। मिला था शापित जिसे भविष्य।। ज्ञात उसको था यह अंजाम। न विद्या आएगी कुछ काम।। 5- कर्ण कहलाता था राधेय। कह दिया पांचाली ने हेय।। कर्ण का देने को तब साथ। बढ़ाया दुर्योधन ने हाथ।। 6- उठा दुर्योधन बोला कर्ण। बदल देता हूँ तेरा वर्ण।। दिया तब उसको अंग प्रदेश। कर्ण को घोषित किया नरेश। 7- कर्ण पर चढ़ा मित्र का कर्ज़। निभाया सदा कर्ण ने फ़र्ज़।। ज्ञात जब हुआ जन्म का भेद। हुआ तब उसके मन में खेद।। 8- कर्ण था दानी बहुत महान। इंद्र ने गुप्त रखी पहचान।। कर्ण से माँग लिया था दान। भेद यह कर्ण गया था जान।। 9- कवच कुंडल का देकर दान। न उसको कोई हुआ गुमान।। पूर्ण अंजाम लिया था जान। वचन का किंतु रखा था मान।। 10- कर्ण पर वक़्त हुआ जब वक्र। धँसा तब उसके रथ का चक्र।। उसे तब याद न आया ज्ञान। पार्थ ने किया वाण संधान।। 11- कर्ण को लगा पार्थ का वाण। मित्र की खातिर त्यागे प्राण।। मित्रता की है कर्ण मिसाल। हृदय था जिसका बहुत विशाल।। #हरिओम श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #WForWriters
Vivek Sharma Bhardwaj
तुम पर अच्छा लगता है।। एक बात कहूं जो मानो तो, गर कुछ सच्चा लगता है, हसीं ठिठोली चेहरे पर बस, तुम पर अच्छा लगता है।। हर श्रृंगार फीका है तुम पर, बस काजल का व्यवहार करो, होठों पे लाली, माथे पर बिंदी, तुम पर अच्छा लगता है।। ओढ़ चूनर जब बैठो जो तुम, बस तेरा दीदार करू, आंखो से आंखो को कहने में अब कितना इंतजार करूं, छोटी छोटी बातों में मुंह फूलना, मुझसे लड़ने की अकुताई,अब भी, तुम पर अच्छा लगता है।। बचपन की वो याद पुरानी, चस्मे वाली दादी नानी, खेल खिलौने अब भी, सब कुछ सच्चा लगता है, तेरे गालों पे पड़ता डिम्पल, तुम पर अच्छा लगता है।। तुम पर अच्छा लगता है।। ©Vivek Sharma Bhardwaj #बात #शृंगार #काजल #बिंदी
_PsychoWriter2408_
तुझे कहाँ जरूरत है शृंगार की, तेरा तो झुमका ही काफी है, मुझपर केहर ढाने के लिए..! 💗💗💗 Jhumke wali ❤ #शृंगार #रूप #इश्क़
Satya Prakash Upadhyay
चाँद का टुकड़ा शायरो का ख़याल,प्रेयसी का भाल । पुछने को सवाल,बताने में कमाल ।। है चाँद का टुकड़ा शिव का ताज, ईद का आदाब । कृष्ण को श्राप, ज़मज़म का आब ।। है चाँद का टुकड़ा प्रेमियों का साथी,शीतलता का सारथी । मन का अधिपति,शृंगार रस का छत्रपति।। है ये चाँद का टुकड़ा वैज्ञानिकों के लिए विषय,ज्योतिषों के लिए समय। जिसके अंदर समेटे रूपों को देख होता विस्मय ।। बस,वही है ये चाँद का टुकड़ा #शायरो का #ख़याल,#प्रेयसी का #भाल । #पुछने को #सवाल,#बताने में #कमाल ।। है चाँद का टुकड़ा #शिव का #ताज, #ईद का #आदाब । #कृष्ण को #श्राप, #ज़मज़म का #आब ।।